Author: Ram

  • Computer का आविष्कार कब और किसने किया था?

    Computer का आविष्कार कब और किसने किया था?

    अगर आप जानना चाहते हैं कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था तो आप बिल्कुल सही जगह पर आ गए हैं क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम कंप्यूटर के अविष्कार के बारे में जानेंगे कि कंप्यूटर की खोज किसने की थी और यह कब हुई थी.

    Computer का आविष्कार कब और किसने किया था?

    कंप्यूटर एक प्रकार के नहीं होते हैं कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं जैसे कि Mini Computer, Micro Computer, Super Computer कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर इत्यादि.

    आप सभी जानते हैं कि कंप्यूटर क्या है और यह कैसे कार्य करता है साथी साथ आप जानते होंगे यह मानव द्वारा निर्मित एक Electronic Machine है जो कि घंटों का काम मिनटों में कर देती है.

    कंप्यूटर का आविष्कार कब और किसने किया था?

    कंप्यूटर का आविष्कार Charles Babbage (चार्ल्स बैबेज) द्वारा किया गया है जिससे Computer का जनक भी कहा जाता है यह बहुत ही लोकप्रिय programmer Computer designer थे.

    चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 में एक Machine का निर्माण किया जिसका व्यय ब्रिटिश सरकार ने उठाया। इस मशीन का नाम डिफरेन्स इंजिन (Defense engine) रखा गया.

    कंप्यूटर विज्ञान के जनक

    (1) ऐबेकस

    प्राचीनतम गणना मशीन, जिसे हम Digital Computer की श्रेणी में रखते हैं, ऐबेकस है। ऐबेकस को सोरोबेन भी कहा जाता है। Abacus तारों का एक फ्रेम होता है, जिसके चारों ओर प्रायः लकड़ी का बाहरी फ्रेम होता है। इसके तारों में मोती पिरोये होते हैं। ये मोती पक्की मिट्टी के गोल छिद्रयुक्त टुकड़े होते हैं। ऐबेकस स्थानीय मान अंकन पद्धति के सिद्धान्त पर कार्य करता है। यह विभिन्न पंक्तियों में मोतियों का स्थान व उनका मान निश्चित करता है। मोतियों को एक दिशा में सरका कर गिना जाता है। सरल संगणनायें, जैसे- जोड़ना और घटाना, मोतियों को इधर-उधर सरका कर की जाती हैं।

    ऐबेकस का आविष्कार चीन में हुआ, जहाँ इसे स्पून पेन कहा जाता है, जिसका मतलब गणना-पटल होता है। वैसे तो ऐबेकस का आविष्कार 600 बी.सी. में हुआ था, परन्तु इसकी तीव्रगति और सरलता के कारण आज भी कई देश इसका उपयोग कर रहे हैं।

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    (2) नेपियर्स बोन्स-

    1617 ई. में सर जॉन नेपियर ने जोड़ने, घटाने, गुणा और भाग आदि के लिये एक यन्त्र का निर्माण किया। यह यन्त्र 11 आयताकार छड़ों के समूह से निर्मित था। प्रत्येक छड़ 10 वर्गों में विभक्त थी। ऊपरी वर्ग में 0 से 9 तक की संख्यायें होती

     थीं। नीचे के वर्गों में उन संख्याओं के गुणज लिखे होते थे। छड़ों को पंक्तियों में विशेष प्रकार से व्यवस्थित कर, बड़ी संख्याओं को तीव्र गति से गुणा किया जाता था। नेपियर्स बोन्स को कार्डबोर्ड गुणन Calculator भी कहा जाता है।

    (3) स्लाइड रूल-

    स्लाइड रूल का आविष्कार विलियम ऑर्टड ने किया। स्लाइड रूल मे संगणनायें लघुगणक द्वारा की जाती थीं।

    (4) पास्कल तथा लेबनीज (Pascal and Leibniz)-

    सन् 1642 में ब्लेज पास्कल ने सबसे पहले यांत्रिक गणना यंत्र (Mechanical Calculating Machine) का आविष्कार किया था। यह मशीन केवल जोडने व घटाने की क्रिया करने में सक्षम थी, इसी कारण इसे एडिंग मशीन (Adding Machine) का नाम दिया गया। यह मशीन घड़ी (Watch) और ओडोमीटर (Odometer) के सिद्धान्त पर कार्य करती थी।

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    इसमें कई दाँतेयुक्त चकरियाँ थीं जो घूमती रहती थीं। चकरियों के दाँतों पर 0 से 9 तक के अंक छपे रहते थे। प्रत्येक चकरी (Wheel) का एक स्थानीय मान (Positional/Place Value) था, जैसे- इकाई, दहाई, सैकड़ा आदि। इसमें प्रत्येक चकरी स्वयं से पिछली चकरी के एक चक्कर लगाने पर एक अंक पर घमती थी। ब्लेज पास्कल की इस ऐडिंग मशीन (Adding Machine) को पास्कलाइन (Pascaline) कहते हैं जो सबसे पहला यांत्रिकीय गणना यंत्र (Mechanical Calculating Machine) था। आज भी कार व स्कूटर के स्पीडोमीटर में यही सिस्टम कार्य करता है। इस आविष्कार के लिये उसे प्रेरणा 19 वर्ष की आयु में ही मिल गई थी। इसके बाद सन् 1673 में जर्मन गणितज्ञ व दार्शनिक गॉटफ्रेड वॉन लेबनीज (1646-1716) (Gottfried von Leibniz) ने पास्केलाइन का विकसित रूप तैयार किया जिसे रेकनिंग मशीन (Reckoning Machine) कहते हैं। यह मशीन अंकों के जोड़ व बाकी के अलावा गण व भाग की क्रिया भी कर सकती थी।

    (5) जोसेफ जेकार्ड (Joseph Jacquard)-

    सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर (Weaver) जोसेफ जेकार्ड (Joseph Jacquard) ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम का आविष्कार किया जो कपड़ों में डिजाइन या पैटर्न स्वतः देता था। इस लूम की विशेषता यह थी कि यह कपड़े के पैटर्न को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकाडों से नियन्त्रित करता। की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा धागों को निर्देशित किया जाता था। जेल ने दो विचारधारायें दी जो आगे कम्प्यूटर के विकास में उपयोगी सिद्ध हुई।

    पहली सूचना को पंचकार्ड पर कोडित किया जा सकता है। दूसरी विचारधारा यह थी कि पर संग्रहीत सूचना, निर्देशों का समूह है जिससे पंचकार्ड को जब भी काम में लिया जा निर्देशों का यह समूह एक प्रोग्राम के रूप में कार्य करेगा।

    (6) बैबेज और उसके इंजिन (Babbage and His Engines)-

    अंग्रेज गणितल चार्ल्स बैबेज ने एक यांत्रिक गणना मशीन विकसित करने की आवश्यकता तब अनभव जबकि गणना के लिये बनी हुई सारणियों में त्रुटि आती थी। चूंकि ये सारणियाँ हस्त-निर्मित थीं इसलिये इनमें त्रुटि आ जाती थी। कम्प्यूटर के इतिहास में उन्नीसवीं शताब्दी का प्रारम्भिक समय स्वर्णिम काल माना जाता है। चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 में एक Machine का निर्माण किया जिसका व्यय ब्रिटिश सरकार ने उठाया। इस मशीन का नाम डिफरेन्स इंजिन रखा गया। इस मशीन में गियर और शाफ्ट लगे थे और यह भाप से चलती थी। चार्ल्स बैबेज ने डिफरेंस Engine का विकसित रूप एक शक्तिशाली मशीन एनालिटिकल इंजिन सन् 1833 में तैयार किया।

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    डिफरेंस इंजिन कई प्रकार के गणना कार्य करने में सक्षम था। यह पंचकार्डों पर संग्रहीत निर्देशों के समूह द्वारा निर्देशित होकर कार्य करती थी। इसमें निर्देशों को संग्रहीत करने की क्षमता थी और इसके द्वारा स्वचालित रूप से परिणाम भी छापे जा सकते थे।

    बैबेज का Computer के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा। बैबेज का एनालिटिकल इंजन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना और यही कारण है कि चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर विज्ञान का जनक कहा जाता है।

    उन्होंने अपना सर्वस्व एनालिटिकल इंजिन के विकास में लगाया लेकिन वे इस मशीन के क्रियाशील मॉडल को देख नहीं पाये। बाद में उनकी सहयोगिनी एडा ऑगस्टा ने इस कार्य को आगे बढ़ाया और उन्हें दुनियाँ की सबसे सर्वप्रथम प्रोग्रामर कहा जाने लगा क्योंकि उनका कार्य एनालिटिकल इंजिन में निर्देशों को संग्रहीत करना और इस मशीन को चलाना था। एडा ऑगस्टा ने ही द्वि-आधारी संख्याओं का आविष्कार किया।

    (7) हर्मन होलेरिथ, जनगणना और पंचकार्ड-

    Computer के इतिहास में सन् 1890 में एक और महत्वपूर्ण घटना हुई, वह थी America की जनगणना का कार्य। इससे पूर्व जनगणना का कार्य पारम्परिक तरीकों से किया जाता था।

    सन् 1880 में शुरू की गई जनगणना में 7 वर्ष लगे थे। कम समय में जनगणना के कार्य का सम्पन्न करने के लिये हर्मन होलेरिथ ने एक मशीन बनाई जिसमें पंचकाओं को विद्युत द्वारा संचालित किया गया। इस मशीन की सहायता से जनगणना का कार्य केवल तीन वर्ष में पूरा हो गया।

    – सन 1896 में होलेरिथ ने पचकार्ड यंत्र बनाने का एक कम्पनी टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी स्थापित की। सन् 1911 में इस कम्पनी का अन्य कम्पनी के साथ मिलकर परिवर्तित नाम कम्प्यूटर टेबुलेटिंग रेकॉर्डिंग कम्पनी हो गया। सन् 1924स कम्पनी का नाम पुनः बदलकर इंटरनेशनल बिजनेस मशीन हो गया। अब कम्प्यूटर विद्युत यांत्रिकी के युग में आ गये। क्योंकि होलेरिथ की मशीन यांत्रिक एवं विद्युत से संचालित थी।

    8) आइकेन, आई.बी.एम., और मार्क-

    1-आई.बी.एम. के चार शीर्ष इंजीनियरों व डॉ. हॉवर्ड आईकेन ने सन् 1944 में एक मशीन को विकसित किया और इसका आधिकारिक नाम ऑटोमेटिक सिक्वेन्स कन्ट्रोल्ड केल्कलेटर रखा। बाद में इस मशीन का नाम मार्क- रखा गया। यह विश्व का सबसे पहला विद्यत यांत्रिकी कम्प्यूटर था। इसम 500 मील लम्बाई के तार व 30 लाख विद्युत संयोजन थे। यह 6 सेकण्ड में एक गुणा आर 12 सेकण्ड में एक भाग की क्रिया कर सकता था। इस प्रकार अब विद्युत यांत्रिक कंप्यूटिंग शिखर पर पहुंच चुकी थी

    (9) एटानासॉफ-बेरा कम्पयूटर : ए.बी.सी.-

    सन 1939 मे एटानासॉफ ने लोवा स्टेट विश्वविद्यालय से 650 डॉलर का अनुदान प्राप्त किया है। इस अनुदान से एटानासॉफ ने स्लिफॉर्ड बेरी की पार्ट टाइम सेवाओं को प्राप्त किया। सन 1945 में एटानासाफ ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन को विकसित किया जिसका नाम ए.बी.सी. रखा गया। ए.बी.सी. शब्द Atanasoff-Berry Computer का संक्षिप्त रूप है। ए.बी.सी. सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर था।

    आइकेन और आई.बी.एम. के मार्क- की तकनीक, नई इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीक के आने से पुरानी हो गई। नई इलेक्ट्रॉनिक तकनीक में कोई यांत्रिक पुर्जा संचालित करने की आवश्यकता नहीं थी जबकि मार्क-1 एक विद्युत मशीन थी। नई इलेक्ट्रॉनिक तकनीक मशीनों में विद्युत की उपस्थिति और अनुपस्थिति का सिद्धान्त था। चूँकि इसमें कोई चलायमान पुर्जा नहीं था। इसलिये यह विद्युत यांत्रिक मशीन से तेज गति की मशीन हो गई।

    (10) प्रथम बृहद स्तर का सामान्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर-

    एनिएक- द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकन सेना को युद्ध के समय शस्त्रों को लक्ष्य की ओर स्थित करने के लिये जटिल गणनायें करनी पड़ती थीं। उसी समय विद्युत अभियंता जे.पी. एकर्ट और जॉन मुचली ने सेना के लिये एक Electronic Computer बनाकर देने का प्रस्ताव रखा।

    सन् 1946 में एकर्ट और मुचली ने एक कम्प्यूटर बनाया जिसका नाम था- एनिऐक। यह दुनियाँ का सबसे पहला वृहद् स्तर का जनरल पर्पज Electronic Computer था। यह 100 फीट लम्बा व 10 फीट ऊँचा था। इसमें 18000 वैक्यूम ट्यूब थीं और यह 140 किलोवाट विद्युत से चलता था। इसका वजन 30 टन था।

    (11) EDSAC और EDVAC-

    ENIAC के प्रयोग में एक मुख्य समस्या यह थी कि प्रत्येक नई गणना के लिये इसके ऑपरेटर्स को गणनाओं की नई विधि की आवश्यकता होती थी। ऑपरेटर्स को पुनः नये परिपथों को लिखना पड़ता था और नये अनुविन्यास में समायोजित करना आवश्यक था।

    इस प्रक्रिया में समय बेकार जाता था। इसके समाधान के लिये गणितज्ञ जॉन वॉन न्यूमान ने सन् 1946 में ईकेन, मेस्चली, गोलस्मिथ एवं वर्क्स के साथ मिलकर एक Computer तैयार किया जिसमें क्रियाओं के लिये निर्देशों के समूह Program को संग्रहीत किया जा सकता था और इसके बाद नई क्रिया के लिये नया प्रोग्राम संग्रहीत किया जा सकता था।

    अतः नई गणनाओं के लिये Computer में तारों के संयोजन बदलने की कोई आवश्यकता नहीं थी। इस प्रकार संग्रहीत प्रोग्राम के सिद्धान्त का जन्म हुआ। सबसे पहला संग्रहीत प्रोग्राम कम्प्यूटर सन 1949 में इंग्लैण्ड के केम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विल्कस ने एडसेक के रूप में तैयार किया। इसके अलावा वॉन न्यूमान ने सन् 1950 में एडवेक विकसित किया।

    वाणिज्यिक कम्प्यूटिंग की शुरूआत सन् 1951 में तब हुई जब जनगणना के लिये अमेरिकन ब्यूरो ने UNIVAC कम्प्यूटर खरीदा। यह कम्प्यूटर ENIAC का विकसित रूप था.

    Helpful Article :-


    हम आशा करते हैं कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा इस आर्टिकल में हमने Computer का आविष्कार कब और किसने किया था? (Computer Invention) के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

    अगर आपको यह Article Helpful रखता है तो आप इस आर्टिकल को अपने मित्रों के साथ और घर के सदस्यों के साथ Share कर सकते हैं और उन्हें भी कंप्यूटर की जानकारी दे सकते हैं.

    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं एस Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए.

  • Computer उपकरण क्या है | Computer Output

    Computer उपकरण क्या है | Computer Output

    Computer Output

    क्या आप जानते हैं Computer का आविष्कार Charles Babbage द्वारा किया गया है जिसे कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है.

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है हमारे इस Blog पर और आज हम सीखने वाले हैं Computer के कुछ भौतिक स्वरूप उपकरणों के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है अगर आप कंप्यूटर सीखना चाहते हैं.

    आज के इस Article में आपको बहुत ही आसान भाषा में Computer के उपकरणों के बारे में जानने को मिलेगा जैसे कि मॉनिटर कीबोर्ड माउस या सिस्टम यूनिट और प्रिंटर यह क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं आपको सभी जानकारी आज पढ़ने को मिलेगी

    Computer के विभिन्न उपकरण

    Computer की आंतरिक संरचना के बारे में विस्तार से जानने और समय इसके भौतिक रूप से परिचित होते हैं। वर्तमान समय में आम बोलचाल की भाषा कम्प्यूटर को PC या Personal Computer कहा जाता है। जब हमारी नजर पहली बार पड़ती है तो इसके निम्न भाग हमें दिखाई देते हैं।

    (1) Monitor-

    Computer का वह अनिवार्य भाग जिसकी Screen या पटल पर यह देता है कि काम क्या हो रहा है? यह भाग Computer की Output यति अन्तर्गत आता है।

    monitor kya he

    यह कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है जिसकी मदद से आपको यह जानने को मिलता है कि कंप्यूटर Software पर क्या Run हो रहा है और यह कैसे काम करता है बिना Monitor के Computer को चलाना लगभग नामुमकिन है

    (2) Keyboard-

    कम्प्यूटर का वह अनिवार्य भाग जिसके द्वारा हम Computer को काम करने के आदेश और डाटा इनपुट करते हैं। यह भाग Computer Unit के अन्तर्गत आता है।

    keyboard kya he

    आप इस Keyboard की मदद से Data Entry, Application Type, कर सकते हैं Email लिख सकते हैं और भी बहुत सारे Typing वर्क आप कर सकते हैं.

    (3) System Unit-

    कम्प्यूटर का वह अनिवार्य भाग जिसमें कार्य की प्रोसेसिंग, उसके परिणामों यानी पूरे PC को चलाने के अंदरूनी Hardware संसाधन लगे होते हैं। Memory (प्राइमरी और सेकेण्डरी) और कम्युनिकेशन Port जैसे समस्त कम्पोनेन्ट इसी के अन्तर्गत आते हैं। Keyboard, Monitor, Printer, – इत्यादि को इसी से जोड़ा जाता

    System Unit Hindi

    (4) Mouse-

    वर्तमान समय में Computer का वह अनिवार्य भाग जिसके द्वारा Screen पर मनचाही जगह प्वाइंटर को ले जाकर कमांड क्रियान्वित करते हैं। इन कमांडों को iCon के कहा जाना है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को इसके बिना संचालित नहीं किया जा सकता है।

    mouse kya he

    (5) Printer-

    यह एक वैकल्पिक भाग होता है। इससे अपने काम और दस्तावेज की छपी कॉपी निकालते हैं। इसे सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट में बनी कम्युनिकेशन पोर्ट से जोड़ा जाता है। इसे वर्तमान समय में USB और LPT1 से जोडते हैं।

    Printer kya he

    नये आवश्यक उपकरण

    नये आवश्यक उपकरण– इन दिनों Computer के साथ और कई उपयोगी उपकरण लगे होते हैं जिनसे इसकी कार्य-क्षमता में बढोत्तरी तो होती ही है और इसके साथ ही यह बहुआयामी भी हो जाता है। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं

    (1) CD, DVD Driver –

    फ्लॉपी की जगह अब इसी ड्राइव का अधिक उपयोग हो रहा है। इसके द्वारा जहाँ बड़े-बड़े सॉफ्टवेयरों को इन्सटॉल करते हैं वहीं इसमें Data Backup भी लिया जाता है। आज Computer को Boot भी इसी से किया जाता है।

    (2) Speaker-

    वर्तमान समय में Multimedia तकनीक की वजह से इसका प्रयोग लगभग अनिवार्य हो गया है। इससे कम्प्यूटर में स्टोर आवाज को सुना जा सकता है। इन्हें सीपीय में लगी लाउंड पोट से जोड़ा जाता है।

    (3) Mic-

    वर्तमान समय में Multimedia तकनीक की वजह से इसका प्रयोग भी लगभग अनिवार्य हो गया है। इससे कम्प्यूटर आवाज को इनपूट किया जा सकता है। इंटरनेट से फोन करने में इसका प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है। यदि हम Headphone का प्रयोग करते हैं तो यह हैडफोन में लगा होता है। स्पीच रिकग्नीशनं के लिये इसका कम्प्यूटर से जुड़ना अनिवार्य है।

    (4) Modem-

    इस उपकरण का प्रयोग फोन लाइन से संदेश लेन-देन और इंटरनेट से जुड़ने के लिये किया जाता है। यदि हमारे पास इंटरनेट का डॉयल-अप कनेक्शन है तो इसका कम्प्यूटर में लगा होना जरूरी है। इसे सीपीयू के अन्दर भी लगाया जा सकता है।

    (5) LAN card-

    वर्तमान समय में पर्सनल Computer की जगह Network कम्प्यूटरों का चलन बढ़ रहा है। इसी वजह से इस कार्ड का प्रयोग भी बढ़ गया है। यह कार्ड आज के प्रत्येक कम्प्यूटर में किसी न किसी रूप में लगा होता है। इसके द्वारा एक कम्प्यूटर को एक तार के जरिये दूसरे कम्प्यूटर से जोड़ सकते हैं। इसके अलावा इससे Broadband Internet को प्रयोग किया जाता है।

    (6) Scanner, Digital Camera-

    इन उपकरणों का प्रयोग Computer में Image को Input करने के लिये किया जाता है। Scanner जहाँ कागज पर छपी इमेज को स्कैन करके कम्प्यूटर में इनटपुट करता है वहीं डिजिटल कैमरा इमेज खींचकर उसे एक फाइल के रूप में कम्प्यूटर में इनपुट कर सकता है।

    (7) UPS-

    इस उपकरण का प्रयोग बिजली के उतार-चढ़ावों के नुकसान से पीसी को बचाने और लगातार बिजली की आपूर्ति के लिये किया जाता है।

    आपने अक्सर देखा होगा कि, जब कभी भी हम Computer Desktop पर अपना कार्य करते हैं और अचानक से अगर बिजली चली जाती है तो हमारा कंप्यूटर का सारा Work का नुकसान हो जाता है, लेकिन इसके समाधान के लिए UPS बनाया गया है जो कि आपको 15 से 20 मिनट की बिजली दे देता है जब कभी भी बिजली चली जाती है.


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  • Computer की कमियां और सीमाएं | Limitation of Computer

    Computer की कमियां और सीमाएं | Limitation of Computer

    Limitation of computer

    आप तो जानते ही हैं कि कंप्यूटर एक बहुत ही ज्यादा Powerful और इंटेलिजेंट मशीन है जो कि मानव द्वारा निर्मित की गई है.

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है हमारे इस Blog पर और आज हम पढ़ने वाले हैं Computer के कुछ Limitation  के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है अगर आप कंप्यूटर सीखना चाहते हैं. यह कुछ कमियां हैं जो कि Computer में हमें देखने को मिल जाती हैं.

    Computer की कमियां और सीमाएं

    Computer की सीमायें अथवा असार्थता- कम्प्यूटर एक मशीन हैं जिसे मानव द्वारा नामत किया गया है इससे बहत से कार्य सम्पन्न कराये जाते हैं, परन्तु इसकी भी कछ सीमायें

    (1) गति

    Computer की गणना करने की गति अत्यन्त तीव्र होती है, परन्तु इसमें और वृद्धि की आवश्यकता निरन्तर अनुभव की जाती रही है। प्रारम्भ में कम्प्यूटर द्वारा 10 लाख गणनायें प्रति सेकण्ड की जाती थीं, परन्तु अब लगभग 30 नानो सेकण्ड अर्थात् 3 करोड़ गणनायें प्रति सेकण्ड की जाती हैं। इसमें और वृद्धि के प्रयास अभी जारी हैं।

    (2) भण्डारण क्षमता-

    Computer एक Machine है जिसे विभिन्न अवयवों को जोड़कर निर्मित किया गया है। इसके प्रत्येक अवयव की एक निश्चित सीमा है। अतः प्रत्येक भण्डारण उपकरण जैसे- Memory, Floppy, टेप तथा CDROM प्रत्येक की संग्रह क्षमता निश्चित है। उसके पश्चात् हमें संग्रह हेतु एक दूसरे उपकरण की आवश्यकता होती है।

    (3) संवेदनहीनता-

    Computer एक मशीन है अतः उससे किसी संवेदनशील व्यवहार की आशा नहीं की जा सकती है। वह केवल पूर्व-निर्देशित प्रोग्रामों के अन्तर्गत ही स्वागत आदि प्रदर्शित करता है। संगीत का प्रसारण करता है तथा Picture आदि बनाता है परन्तु इसे अनुभव नहीं करता है।

    (4) तार्किकता-

    कम्प्यूटर पूर्व निर्देशित प्रोग्रामों के अनुसार कार्य करता है। इसमें अपनी ओर से कोई भी तर्क प्रयोग करने की क्षमता नहीं है, जबकि मनुष्य परम्परागत आँकडों से वांछित परिणाम प्राप्त न होने पर अन्य संभावनाय बतलाता है तथा कार्य सम्पन्न करता है।


    कम्प्यूटर का प्रयोग-

    आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में भागमभाग मची हुई है। मनुष्य के पास समय नहीं है। प्रत्येक कार्य को वह कम से कम समय में सम्पन्न करना चाहता है। इसके लिये उसने विभिन्न उपकरणों का निर्माण भी किया है.

    monitor kya he

    जैसे Calculator, Typewriter, Computer, Telephone आदि। परन्तु जब हमारे पास अन्य मिलते-जलते उपकरण कम लागत में उपलब्ध है तो हम कम्प्यूटर का प्रयोग ही करते हैं, जिसके निम्नलिखित कारण हैं.

    (1) जब कार्य की गति बढ़ानी हो-

    कम्प्यूटर किसी भी कार्य को त्वरित गति से सम्पन्न करता है। गणना का कार्य जिसमें बहुत से व्यक्ति लगाये गये हों, कम्प्यूटर द्वार तुरन्त ही सम्पन्न किया जा सकता है। जब हमें शीघ्र ही गणना के प्रिंट चाहिये तो हाई Speed प्रिन्टर के द्वारा इसकी बहुत-सी प्रतियाँ शीघ्र ही तैयार की जा सकती हैं। अतः हम कार्य की गति बढ़ाना चाहते हैं तो हमें कम्प्यूटरीकरण का प्रास करना होगा।

    (2) जब आँकड़ों की शुद्धता निश्चित करनी हो-

    मानवीय गणना करने की सीमायें हैं। केलकुलेटर द्वारा भी एक सीमा तक ही गणनायें की जाती हैं। कम्प्यूटर द्वारा दशमलव के बाद चार से आठ संख्या तक गणना की जा सकती है। इस आधार पर निकाले गये निष्कर्ष अधिक विश्वसनीय होते हैं. अतः जब हमें ज्यादा सटीक गणनायें करनी हों तो कम्प्यूटर का प्रयोग करना चाहिये।

    (3) जब अधिक मात्रा में आँकड़ों का प्रयोग करना हो-

    कम्प्यूटर में आँकड़ों को संग्रह करने तथा उनके पुनर्निर्गमन की क्षमता है। यदि हमें अधिक संख्या में आँकड़ों का संग्रह करना हो तो वर्तमान पेपर संग्रहण में जो कार्य एक किताब में आता है, जिस डाटा से एक पूरी अलमारी भर जाती है उसे केवल एक टेप में संग्रह किया जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर पूरी अलमारी में खोजने के स्थान पर पुनर्निर्गमन किया जा सकता है।

    (4) श्रमिक संगठनों के दबाव को कम करने हेतु-

    जब हम एक बड़े औद्योगिक समूह का संचालन करते हैं तो हमें अपने खातों के रख-रखाव तथा आंकड़ों के संचालन हेतु अधिक स्टाफ की आवश्यकता होती है। अधिक मात्रा में श्रमिक होने पर वे अपना संगठन बना लेते हैं तथा विभिन्न समस्यायें पैदा करते रहते हैं। कम्प्यूटर के प्रयोग से श्रमिकों की संख्या सीमित की जा सकती है।

    (5) मितव्ययता एवं आधुनिकता-

    अगर संस्था में प्रारम्भ में ही नियोजित रूप से कम्प्यूटर लगाये जायें तो हमारी लागत काफी कम हो जाती है। फाइलों में रखरखाव हेतु अधिक स्थान की आवश्यकता नहीं रहती है। कम संचालनकर्ताओं का आवश्यकता होती है। इससे लागत में कमी हो जाती है। वहीं ऑफिस भी आधुनिक एवं सुसज्जित रहता है। यह प्रत्येक लेन-देन करने वाले को निश्चित ही प्रभावित करता है।



    हम आशा करते हैं कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा इस आर्टिकल में हमने Computer के सभी कमियां के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

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  • Computer के प्रमुख कार्य और 6 विशेषतायें

    Computer के प्रमुख कार्य और 6 विशेषतायें

    आप तो जानते ही हैं कि Computer एक बहुत ही ज्यादा Powerful और इंटेलिजेंट मशीन है जो कि मानव द्वारा निर्मित की गई है.

    आपका बहुत-बहुत स्वागत है हमारे इस Blog Computer-Hindi.com पर और आज हम पढ़ने वाले हैं Computer के कुछ Limitation  के बारे में जिनके बारे में आपको जानना जरूरी है अगर आप कंप्यूटर सीखना चाहते हैं. यह कुछ कमियां हैं जो कि Computer में हमें देखने को मिल जाती हैं.

    Computer के प्रमुख कार्य- कम्प्यूटर को जानकारी का इंजन कहा जाता है। जिस प्रकार इंजन में कोयला डालकर उससे ऊर्जा उत्पन्न की जाती है उसी प्रकार कम्प्यूटर में भी आँकड़ों को डालकर इस प्रकार से संशोधित किया जाता है कि उसका जीवन में प्रयोग किया जा सके। कम्प्यूटर में ज्ञान राशि के आँकड़ों को परिमार्जित, संशोधित, व्यवस्थित तथा संगृहीत किया जाता है जिससे वे जीवन में उपयोग किये जा सकें। अतः कम्प्यूटर के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं

    (1) ऑकड़ों का संकलन

    (2) आँकड़ों का संचयन।

    (3) आँकड़ों का परिमार्जन तथा व्यवस्थितिकरण।

    (4) आँकड़ों का पुनर्निगमन।

    Computer की क्षमतायें अथवा विशेषतायें– आज कम्प्यूटर ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को इतना प्रभावित किया है कि हम बिना कम्प्यूटर के बहुत से कार्यों की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यह सम्भव हुआ है उसमें प्रयुक्त किये जाने वाले उच्च क्षमता के माइक्रोचिप आदि के प्रयोग से। इसने मानव के द्वारा तैयार किये निर्देशों के आधार पर ही त्रुटिरहित परिणाम इतनी त्वरित गति से तैयार किये हैं कि जन-सामान्य आश्चर्यचकित रह जाये। इसकी क्षमतायें किसी भी अन्य गणक मशीन से श्रेष्ठ हैं। इन्हें हम निम्न प्रकार से विभाजित कर सकते हैं

    Computer के प्रमुख कार्य और विशेषतायें

    (1) गति-

    कम्प्यूटर का सबसे बड़ा गुण ही उसकी गणना करने की तीव्र गति है। कम्प्यूटर द्वारा गणनायें इतनी तीव्र गति से की जाती हैं कि हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। एक साधारण कम्प्यूटर एक सेकण्ड में एक करोड़ गणनायें कर सकता है।

    वहीं आधुनिकतम कम्प्यूटर तीन करोड़ तक गणनायें कर सकता है। कम्प्यूटर का समय माइक्रो सेकण्ड तथा नानो सेकण्ड में मापा जाता है। इस गति के कारण ही कम्प्यूटर हमारे लिये महत्वपूर्ण हो गया है। पहले हम जिस कार्य को दिनों तथा महीनों में पूरा करते थे, कम्प्यूटर कुछ ही समय में पूरा कर देता है।

    (2) संचय क्षमता-

    कम्प्यूटर में बहुत अधिक मात्रा में डाटा भंडारण की क्षमता होती है। एक सामान्य फ्लॉपी डिस्क में कई हजार टाइप पेज के बराबर जानकारी एकत्र की जा सकती है। एक लेसर डिस्क में चार करोड़ शब्दों का भंडारण किया जा सकता है।

    एक पूरी की पूरी डिक्शनरी एक सीडी रोम में संचय की जा सकती है। जानकारी का संग्रह तो एक बात है,परन्तु कम्प्यूटर में यह सुविधा होती है कि उक्त जानकारी को तुरन्त ही निकाल कर प्रयोग किया जा सके।

    कम्प्यूटर की इसी विशेषता ने इसे अत्यधिक महत्वपूर्ण बना दिया है, क्योंकि उच्च स्तरीय विश्लेषण हेतु आंकड़ों का उपलब्ध होना भी आवश्यक है। कम्प्यूटर सभी सम्बन्धित आंकड़े एकत्र करता है, उन्हें निर्देशित प्रोग्रामों के आधार पर पूर्व के आँकड़ों के साथ विश्लेषित करता है तथा परिणाम प्रदर्शित करता है। इस प्रकार रेलवे आरक्षण, मौसम विज्ञान, आयुध संचालन में कम्प्यूटर का प्रयोग अधिक हो गया है।

    (3) विश्वसनीयता एवं निर्भरता-

    कम्प्यूटर द्वारा की गई डाटा प्रोसेसिंग विश्वसनीय होती है। इसमें गलती की कोई सम्भावना नहीं रहती है। इसकी गुणवत्ता इतने उच्च-स्तर की होती है कि उस पर निर्भर रहा जा सकता है। अंकीय कम्प्यूटर में यथार्थता शत-प्रतिशत होती है। यह एक दिये हुये प्रोग्राम के अन्तर्गत दिये गये डाटा को बिना किसी अशुद्धि के बार-बार सम्पन्न कर सकता है।

    (4) स्वचालन-

    कम्प्यूटर की गणनायें स्वचालित होती हैं। इसको एक बार कोई प्रोग्राम दे दिया जाये तथा उसमें सम्बन्धित आँकड़े उपलब्ध करा दिये जायें तो यह स्वतः ही प्रोग्राम डालने पर गणना कर सकता है। इसीलिये यन्त्र मानव आदि का कम्प्यूटर द्वारा संचालन सम्भव हुआ है। मौसम सम्बन्धी भविष्यवाणियाँ भी कम्प्यूटर उपलब्ध आँकड़ों तथा पिछले को मिलाकर स्वतः ही करता है।

    (5) उपयोगिता-

    हमारे अधिकांश कार्य तर्क पर आधारित होते हैं। कम्प्यूटर एक तार्किक मशीन है। हम किसी भी प्रोग्राम के द्वारा कम्प्यूटर को कार्य करने हेत निर्देशित करते हैं। ये निर्देश उस प्रोग्राम में दिये जाते हैं। कम्प्यूटर उक्त निर्देशों के अन्तर्गत कार्य का सम्पादन करता है। वह किसी भी कार्य को कर सकता है। यदि हम उसे प्रोग्राम द्वारा उक्त कार्य को करने की प्रक्रिया समझा सकें।

    6) सक्षमता-

    कम्प्यूटर एक मशीन है। मनुष्य की कार्य करने की सीमायें होती हैं। एक सीमा के बाद व्यक्ति थक जाता है, परन्तु कम्प्यूटर कभी नहीं थकता। उससे हम एक ही प्रकार की अथवा विभिन्न प्रकार की गणनायें निरन्तर करवा सकते हैं। उसे कभी कार्य से नीरसता अथवा बोरियत नहीं होती। What is PC?

    हम आशा करते हैं कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा इस आर्टिकल में हमने Computer के प्रमुख कार्य और विशेषतायें के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

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    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं एस Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए.

  • Computer क्या हैं? इनके 8 उपयोगी कार्य

    Computer क्या हैं? इनके 8 उपयोगी कार्य

    हम आशा करते हैं कि आज का दिन आपका बहुत ही अच्छा बीता होगा. हम आपका बहुत-बहुत स्वागत करते हैं. Computer-hindi.com ब्लॉग में आज हम इस Article में सीखेंगे Computer के बारे में Computer क्या है और यह कैसे काम करता है और साथ ही साथ जानेंगे Computer उपयोगी कार्य.

    Computer क्या हैं
    Computer क्या हैं

    Computer– ‘कम्प्यूटर‘ शब्द ‘कम्प्यूट‘ से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- गणना करना। सामान्य मान्यता है कि कम्प्यूटर अति आधुनिक मशीन है जिसे उच्च प्रशिक्षित लोगों द्वारा चलाया जाता है। इसके पूर्णतः विपरीत कम्प्यूटर एक सामान्य गणक मशीन है जो कि उच्चस्तरीय गणना करने के साथ-साथ आँकड़ों का संग्रह भी करती है। यह कोई भी ऐसा कार्य नहीं सम्पन्न करती जिसे मानव मस्तिष्क नहीं कर सकता है.

    कम्प्यूटर सामान्यतः सूचनाओं तथा आँकड़ों के विश्लेषण का कार्य करती है। इसे हम सूचना-विश्लेषक भी कह सकते हैं। यह आँकड़ों एवं सूचनाओं को प्राप्त करता है। उन्हें पूर्व निर्दशित मानकों पर विश्लेषित करता है तथा उसके आधार पर परिणाम प्रदर्शित करता है.

    यह जानना अति आवश्यक है कि कम्प्यूटर अपने आप कुछ भी नहीं करता है बल्कि उसे प्रत्येक कार्य हेतु पूर्व में ही निर्देशित करना होता है। यदि निर्देश स्पष्ट नहीं है तो कम्प्यूटर कुछ भी विश्लेषण नहीं कर पायेगा। जबकि मानव-मस्तिष्क पूर्व निर्धारित मानकों से अलग हटकर भी बहुत से विश्लेषण करने में सक्षम है.

    कम्प्यूटर की परिभाषा-Computer एक electronic यन्त्र है, जो पढ़ सकता है, भण्डारण (storage) कर सकता है, बहुत सारे निर्देशों को बहुत कम समय में विश्लेषित कर सकता है और इसकी गति अत्यन्त तीव्र तथा इसका कार्य अति विश्वसनीय होता है.

    अन्य शब्दों में- कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र है, जो अधिकांश समस्याओं को हल करने में हमारी सहायता करता है। यह हमारे मस्तिष्क को क्षमता और दृढ़ता प्रदान करता और हमें उन सब कार्यों को करने के योग्य बनाता है, जो शायद हम सपने में भाना सकते थे.

    Computer क्या हैं? इनके उपयोगी कार्य

    कंप्यूटर का आविष्कार Charles Babbage द्वारा किया गया है और इन्हें कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है

    Radio, Television, Music System व वीसीआर की तरह Computer इलेक्टॉनिक Machine ही हैं, परन्तु उनमें और अन्य मशीनों में एक विशेष अंतर टेलिविजन आदि मशीनें अधिकतर मनोरंजन के काम में ही ली जाती हैं जबकि उपयोगी कार्य करने के लिये निर्मित मशीन है.

    Televison kya he

    इसने हमारे निजी व व्यावसायिक जीवन अनेक कार्यों में हमारा हाथ बँटा कर हमारा जीवन सरल व अधिक समृद्धिशाली बना है। साथ ही यह भी बिल्कुल सत्य है कि असंख्य कम्प्यूटर मनोरंजन के लिये भी काम में लिये जा रहे हैं जिनका लाभ परिवार के छोटे-बड़े सभी सदस्य उठा रहे हैं.

    कम्प्यूटर के इस उपयोग का एक लाभ यह हुआ कि सामान्य घरों में इनका प्रवेश आसान हो गया जिससे और अधिक लोग कम्प्यूटरों के सम्पर्क में आने लगे और उन्हें यह विश्वास होने लगा कि कम्प्यूटरों का उपयोग करना बहुत सरल है.

    विविध कायों की आवश्यकताओं के अनुरूप कम्प्यूटर विभिन्न आकार-प्रकारों के बनाये जाते हैं। बड़े कम्प्यूटरों को मेन फ्रेम कम्प्यूटर कहा जाता है। ये आकार में बड़े होते हैं और इनकी कार्य करने की गति तथा क्षमता अत्याधिक होती है। ऐसे कम्प्यूटरों का उपयोग बड़े संस्थानों व मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त करने जैसे क्षेत्रों में की जाती है जहाँ पर बहुत अधिक सूचनाओं का शीघ्रता से विश्लेषण किया जाना होता है.

    radio kya he

    मध्यम आकार के कम्प्यूटर Mini Computer कम्प्यूटर कहलाते हैं। ऐसे कम्प्यूटरों का उपयोग बीमा कम्पनियों, बैंकों व बड़ी कम्पनियों के कार्यालयों में किया जाता है ताकि ग्राहकों को तात्कालिक आवश्यक जानकारी तुरंत दी जा सके। ऐसे कम्प्यूटरों के साथ अनेक छोटे कम्प्यूटर संलग्न किये जा सकते हैं जिनसे इनका उपयोग एक से अधिक व्यक्ति एक साथ कर सकते हैं, और पारस्परिक सहयोग रखते हुये अपने-अपने कार्य कर सकते हैं.

    इससे छोटे आकार के कम्प्यूटरों को माइक्रो कम्प्यूटर कहा जाता है. इन कम्प्यूटरों की क्षमता Mini कम्प्यूटरों से कम होती है। ऐसे कम्प्यूटर सामान्यतया एक समय में एक ही व्यक्ति के उपयोग के लिये निर्मित होते हैं और इसलिये उन्हें पर्सनल कम्प्यूटर या संक्षेप में पीसी भी कहा जाता है। सबसे अधिक उपयोग इन्हीं कम्प्यूटरों का होता है। लोग इन्हें अपने-अपने निजी कार्यों या व्यवसायों में काम में लेते हैं। छोटी कंपनियाँ ऐसे कम्प्यूटरों को अपने व्यापार के लेखे-जोखे व कर्मचारियों के प्रबंध के काम में लेती हैं.

    Internet तथा E-Mail की सुविधायें उपलब्ध होने के पश्चात् तो पर्सनल कम्प्यूटरों का प्रचलन और भी अधिक हो गया है। व्यापारी इनके द्वारा ई-मेल से अपने व्यापार में वृद्धि करते हैं। इन्टरनेट पर बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध है जिसे पर्सनल कम्प्यूटरों से प्राप्त करके ज्ञान की वृद्धि की जा सकती है.

    email kya he

    अपनी विशिष्ट क्षमताओं के कारण पर्सनल कम्प्यूटर इतने अधिक उपयोगी सिद्ध हुये कि बाहर टूर पर जाने वाले व्यापारी व अफसर इन्हें हर समय साथ रखना चाहने लगे। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिये ऐसे आकार-प्रकार के कम्प्यूटरों का निर्माण किया जाने लगा जिसे कोई भी व्यक्ति अपने साथ कहीं पर भी ले जा सके। और उसका उपयोग कर सके। सामान्यतया ये चार्ज की जा सकने वाली बैटरियों पर चलते हैं और इनमें संचित सूचनाओं का पर्सनल कम्प्यूटरों पर आसानी से आदान-प्रदान किया जा सकता है। गोद में रखे जा सकने वाले आकार के ऐसे कम्प्यूटरों को लैपटॉप व और भी छोटे आकार के हाथ में रखे जा सकने वाले कम्प्यूटरों को पामटॉप कम्प्यूटर कहा जाता है.

    Computer Machine के निजी संचालन के लिये निर्मित प्रोग्रामों को सिस्टम सॉफ्टवेयर कहा जाता है, और उपयोगी कार्य करने के लिये काम में आने वाले प्रोग्रामों को ऐप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहा जाता है। वर्तमान में उपयोगी कार्यों को करने के लिये विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं। इनका संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है.

    Also Read: What is Personal Computer?

    Computer के उपयोगी कार्य

    (1) वर्ड प्रोसेसिंग-

    इन प्रोग्रामों के द्वारा आप अपने पीसी को टाइपराइटरं की तरह ही पाठ्य-लेखन के काम में ले सकते हैं और पत्र, रपटें, कानूनी दस्तावेज, लेख व पुस्तकें आदि सुगमता से तैयार कर सकते हैं। कागज पर छापे जाने पर ये दस्तावेज उच्च कोटि के दिखाई देते हैं। वर्डस्टार, वर्डपरफैक्ट, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड बाजार में उपलब्ध प्रोसेसिंग प्रोग्रामों के उदाहरण हैं।

    वर्ड प्रोसेसिंग

    (2) डेटाबेस मैनेजमेंट-

    इन प्रोग्रामों के द्वारा हम अनेक प्रकार की विस्तृत सूचनाओं को व्यवस्थित ढंग से जमा कर रख सकते हैं ताकि उनका उपयोग आसानी से किया जा सके। ऐसी सूचनाओं को कम्प्यटर की भाषा में डाटा कहा जाता है। ग्राहकों की सूची, पत्र-व्यवहार के लिये पते, दिनचर्या के कार्यों की सूची, लेनदेन का लेखा जोखा व दुकान में उपलब्ध सामान की सूचियाँ डाटा के उदाहरण जानकारी कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क पर रिकॉर्ड करके रखी जाती है जा बड़ी सुगमता से सुव्यवस्थित किया जा सकता है और वांछित जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

    डेटाबेस मैनेजमेंट

    फॉक्स बेस, डिबेस व माइक्रोसॉफ्ट का एक्सेस बा उपलब्ध डेटाबेस मैनेजमेंट प्रोग्रामों के उदाहरण हैं जिन्हें पीसी पर उपयोग में लिया जा सकता है।

    (3) स्प्रेडशीट-

    इन प्रोग्रामों के द्वारा हम अपने पीसी पर बहीखाते के हिसाब-कि बिना केलकुलेटर की सहायता के ही तैयार कर सकते हैं। इससे गणना कार आसानी होती है व व्यापार के आँकड़ों का विश्लेषण भी अति शीघ्रता से किया जा सकता है। ऐसे विश्लेषणों से व्यवसाय में अनेक महत्वपूर्ण व लाभप्रद निर्णय शीघ्रता से लिया जा सकते हैं। लोटस 1-2-3, व माइक्रोसॉफ्ट का एक्सेल बाजार में उपलब्ध ऐसे प्रोग्रामों के उदाहरण हैं।

    स्प्रेडशीट

    (4) संचार-

    इन प्रोग्रामों से हम सुदूर स्थित कम्प्यूटरों से टेलिफोन लाइनों के द्वारा संपर्क स्थापित कर सकते हैं और सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते है। कम्प्यूटर को टेलिफोन की लाइन से जोड़ने के लिये एक अतिरिक्त उपकरण की आवश्यकता होती है जिसे मोडेम कहा जाता है।

    (5) शिक्षा-

    ये प्रोग्राम कक्षाओं में पढ़ाये जाने वाले विज्ञान, गणित, भूगोल आदि विषयों की अतिरिक्त जानकारी रोचक रूप में प्रस्तुत करके कठिन विषयों के अध्ययन को भी सरल बना देते हैं। इनमें अनेक प्रकार के प्रश्नोत्तर भी होते हैं।जिन से विषय की गहराइयों को आसानी से समझा जा सकता है।

    (6) चित्रकला-

    इन प्रोग्रामों द्वारा कम्प्यूटर के पटल पर अनेक प्रकार के श्याम-श्वेत या रंगीन जटिल प्रकार के चित्र तैयार किय जा सकते हैं जिन्हें छोटा या बड़ा करके किसी भी आकार में कागज पर छापा जा सकता है।

    कोरेल ड्रॉ और ऑटोकैड ऐसे प्रोग्रामों के उदाहरण हैं जिनका प्रचलन बहुत अधिक है। इन प्रोग्रामों में तैयार किये गये चित्र प्रकाशन के काम में भी लिये जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त अनेक प्रकार के इंजीनियरिंग के डिजाइन भी कम्प्यूटर पर तैयार किये जा सकते हैं जिसे Computer Aided Design या संक्षेप में CAD कहा जाता

    (7) डेस्क टॉप पब्लिशिंग-

     डेस्क टॉप पब्लिशिंग

    इन प्रोग्रामों के द्वारा वर्ड प्रोसेसरों द्वारा तैयार किया गया पाठ्य व चित्रकला के प्रोग्रामों द्वारा तैयार किये गये चित्रों को सही ढंग से जमा कर प्रकाशन के योग्य पृष्ठ शीघ्रता व सुगमता से बनाये जा सकते है। इस विधि से प्रकाशन योग्य विज्ञापन, व्यापारिक पत्र, लघु समाचार-पत्र या पुस्तकें आदि बहुत ही आसानी से बनाई जा सकती हैं।

    (8) मनोरंजन-

    जब आप काम से थक चुके हों तब मनोरंजन के प्रोग्रामों के द्वारा ताश, शतरंज या अन्य प्रकार के खेल कम्प्यूटर के साथ खेल कर अपनी थकावट दूर कर सकते हैं।


    आपको यह आर्टिकल पसंद आएंगे:-

    हम आशा करते हैं कि आपको इस Article की मदद से बहुत कुछ सीखने को मिला होगा Computer क्या हैं? के बारे में आपको हमारी इस Blog पर बहुत सारी Computer की जानकारी पढ़ने को मिलेगी जो की बहुत ही आसान भाषा में होती है.

    अगर आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो आप यह जानकारी को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों में Share कर सकते हैं और हमारे इस Blog को Support कर सकते हैं हम आपसे मिलते हैं. एक और नए आर्टिकल में तब तक आप अपना ख्याल रखिए.


  • Computer का आविष्कार क्यों हुआ? | 5 Hidden points invented?

    Computer का आविष्कार क्यों हुआ? | 5 Hidden points invented?

    कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो कि मानव द्वारा निर्मित किया गया है

    Why computer was invented

    यहां हम कंप्यूटर के बारे में जानेंगे, Computer का आविष्कार किया गया, कंप्यूटर की विशेषताओं और कंप्यूटर और मानव के बीच अंतर.

    Computer-hindi.com में आपको सभी Computer की जानकारी हिंदी में देखने को मिलेगी जो की बहुत ही आसान भाषा में होती है और इस Blog की मदद से आप कंप्यूटर के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं.

    Computer का आविष्कार क्यों हुआ?

    Computer का आविष्कार Charles Babbage द्वारा किया गया है जैसे कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है.

    Necessity is the mother of invention अर्थात ‘आ आविष्कार की जननी है।’ द्वितीय विश्वयुद्ध के समय यह अनुभव किया गया कि सामरिक स्थिति प्राप्त करने के लिये आवश्यक है कि विज्ञान तथा तकनीकी क्षेत्र विकास किया जाये। हवाई जहाजों, पनडुब्बियों तथा लम्बी दूरी तक मार करने वाले और मकाबला करने के लिये आवश्यक था कि ऐसी उच्च क्षमता वाली युक्ति विकसित की जान जिसकी सहायता से न दिखने वाले लक्ष्य पर भी आक्रमण किया जा सके.

    इस आवश्यक की पर्ति के लिये रडार का आविष्कार हुआ। रडार की सहायता से शत्रु का स्थान, उसके आने बढ़ने की दिशा एवं गति का पता लगाया जा सकता था। इसके पश्चात् आवश्यक था कि बन्दूकों को रडार द्वारा बताये गये निशानों पर केन्द्रित किया जाये ताकि इनसे की जाने वाली गोलाबारी लक्ष्य का अचूक भेदन कर सके, परन्तु इसके लिये अत्यन्त सूक्ष्म समय में जटिल गणनाओं को करके सत्य एवं विश्वसनीय परिणाम प्राप्त होना आवश्यक था.

    मनुष्य की तत्कालीन क्षमताओं के आधार पर यह असम्भव था। अब एक ऐसी मशीन की आवश्यकता अनुभव की गई जो बिना किसी त्रुटि के इस प्रकार की गणनाओं को सूक्ष्म समय में कर सके। यह आवश्यकता ही कम्प्यूटर के आविष्कार की जननी बनी.

    कम्प्यूटर की विशेषतायें

    कम्प्यूटर की तेजी से बढ़ रही ख्याति ने यह सिद्ध कर दिया है कि कम्प्यूटर अति शक्तिशाली और बहुउपयोगी यन्त्र है। कम्प्यूटर अपनी निम्नलिखित विशेषताओं के कारण ही आज इस ऊँचाई पर जा पहुँचा है

    कम्प्यूटर एक स्वचालित मशीन है, जो एक बार कार्य शुरू होने के पश्चात् कार्य के समापन तक बिना किसी मानवीय सहायता के कार्य कर सकता है

    कम्प्यूटर की गति अति तीव्र होती है। यह एक सेकण्ड में इतना कार्य कर सकता है, जिसे कोई मनुष्य दिन-रात काम करके वर्ष-भर में भी पूरा नहीं कर सकता। एक शक्तिशाली कम्प्यूटर एक सेकण्ड में 30 से 40 लाख तक साधारण गणितीय संगणनायें कर सकता है।

    अति तीव्र गति होने के साथ Computer अति यथार्थ भी होता है। इसकीयथार्थता कम्प्यूटर की संरचना पर निर्भर करती है। किसी भी कम्प्यूटर में सभी कार्य और संगणनायें समान यथार्थता से पूर्ण होते हैं। यदि कहीं कोई त्रुटि होती है। तो उसका कारण कम्प्यूटर की तकनीक नहीं बल्कि मानवीय त्रुटि होती है।

    (4) अध्यवसाय

    मानव से भिन्न, Computer थकानरहित एवं त्रुटिरहित होता है।कम्प्यूटर अनिश्चित काल तक बिना किसी शिकायत के टिरहित कार्य कर सकता है। इसी उस समय जब बहुत अधिक कार्य कम समय में और यथार्थता से करना हो। 
    कारण कम्प्यूटर मानव से अधिक उपयोगी होता है, विशेष रूप से

    (5) निपुणता

    Computer इतना निपुण होता है कि पलभर में कई तरह के अलग-अलग कार्य बड़ी यथार्थता एवं तीव्रता से करता है। Computer में एक कार्य से दूसरे काय को लाने के लिये प्रतीक्षा की आवश्यकता नहीं पड़ती और यह बहुत सरलता से बिना समय नष्ट किये ऐसा कर पाने में सक्षम है। असीमित भण्डारण क्षमता- कम्प्यूटर में असीमित भण्डारण क्षमता होती है। कम्प्यूटर अपने भीतर अरबों-खरबों सूचनाओं को एक साथ सुरक्षित रख सकता है और आवश्यकता होने पर सुनियोजित ढंग से उन्हें उपलब्ध करा सकता है।

    कम्प्यूटर के असामर्थ्य अथवा कमियाँ 

    दुनियाँ में शायद ही कोई ऐसी चीज हो, जिसमें सब सामर्थ्य तथा गुण हों। प्रत्येक वस्तु और प्राणी में कहीं न कहीं कुछ असामर्थ्य रह जाता है। यद्यपि Computer PC असीमित कार्यों को करने में समर्थ है, इस कारण से आज यह जीवन का अभिन्न अंग बन गया है, लेकिन इसमें कुछ असामर्थ्य भी हैं, जिन्हें जानना आवश्यक है। Computer में निम्नलिखित असामर्थ्य (कमियाँ) हैं.

    कम्प्यूटर कोई चमत्कारी यन्त्र नहीं है। कम्प्यूटर केवल वही कार्य कर सकता है जिसको करने का उसे निर्देश दिया जाता है और साथ में कार्य करने की विधि तथा सूचना दी जाती है। कम्प्यूटर अपनी तरफ से कोई कार्य नहीं कर सकता। Computer के पास कृत्रिम बुद्धि होती है, जो मानव-रचित है। कम्प्यूटर के पास अपना कोई बुद्धि, विवेक नहीं होता।

    कम्प्यूटर एक मशीन है, अतः उसकी अपनी कोई भावना नहीं होती। मनुष्य ने कम्प्यूटर में स्मृति तो डाल दी लेकिन हृदय या आत्मा नहीं डाल पाया। इसलिये जिस प्रकार मानव में ज्ञान, स्वाद, अनुभव, भावना आदि गुण होते हैं वैसे गुण कम्प्यूटर के पास नहीं होते हैं।

    कम्प्यूटर और मानव

    Computer मानव द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार कार्य करता है। कम्प्यूटर में किसी कार्य को करने के लिये हम जो सूत्र टाइप करते हैं, उसे निर्देश कहते हैं। जिस प्रकार आपके अध्यापक जब आपको लिखने का आदेश देते हैं तो आप अपनी अभ्यास-पुस्तिका में लिखते हैं, उसी प्रकार Computer भी हमारे आदेश के अनुसार कार्य करता है। कम्प्यूटर को यदि दो संख्याओं का योग करने का निर्देश दिया जाये तो वह योग करेगा।

    मानवकम्प्यूटर

    (1) मानव से गलती हो सकती है।

    (1) कम्प्यूटर गलती नहीं करता।

    (2) मानव कठिन कार्य अधिक समय में

    (2) कम्प्यूटर कठिन कार्य कुछ ही सेकण्डों करता है।

    (3) मानव नया सोच सकता है।

    (3)कम्प्यूटर नया नहीं सोच सकता।

    (4) मानव सजीव है।
    (4) कम्प्यूटर एक यन्त्र (मशीन) है।
    (5) मानव कार्य करने से थक जाता है(5) कम्प्यूटर कार्य करने से थकता नहीं


    हम आशा करते हैं कि आपको यह Article पढ़ के मजा आया होगा इस आर्टिकल में हमने Computer का आविष्कार क्यों हुआ(Types of Computer) के बारे में आपको जानकारी दी है, अगर आपको लगता है कि कोई जानकारी हमसे छूट गई हो तो कृपया कर उसे Comment में हमसे साझा करें.

    अगर आपको यह Article Helpful रखता है तो आप इस आर्टिकल को अपने मित्रों के साथ और घर के सदस्यों के साथ Share कर सकते हैं और उन्हें भी कंप्यूटर की जानकारी दे सकते हैं.

    आप हमारे Blog से Computer के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं एस Blog पर कंप्यूटर की सभी जानकारी के बारे में बताया जाता है वह भी बहुत आसान भाषा में धन्यवाद आपका इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए.

  • Kya Kinemaster Jio Phone me work Karta he?

    Kya Kinemaster Jio Phone me work Karta he?

    तो मित्रों आज का यह प्रश्न बहुत ही ज्यादा अच्छा है, क्योंकि हजारों लोग इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहते हैं कि क्या हम Kinemaster जैसे वीडियो एडिटर को जिओ फोन पर यूज कर पाएंगे तो आज हम इसका आंसर देंगे तो पढ़ते रहिए हमारे Article को और जानकारी प्राप्त करिए.

    सबसे पहले आपको यह जान लेना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है कि Kinemaster किस तरह का वीडियो एडिटर है.

    तो मित्रों Kinemaster कोई साधारण वीडियो एडिटर नहीं है, यह एक प्रोफेशनल मोबाइल फोन वीडियो एडिटर है जो कि केबल एंड्रॉयड फोन और एप्पल मोबाइल फोन के लिए ही कंपनी ने Release किया है, यहां तक कि अभी तक यह एप्लीकेशन हमारे कंप्यूटर के लिए भी Developed नहीं है.

    Jio Phone Specification

    Price In India₹ 1,500
    PerformanceSpreadtrum SC9820A
    Storage4 GB
    Camera2 MP
    Battery2000 mAh
    Display2.4″ (6.1 cm)
    Ram512 MB
    Launch Date In IndiaOctober 1, 2017 (Official)
    Front Camera0.3 MP
    Battery2000 mAh
    ProcessorSpreadtrum SC9820A
    Display2.4 inches
    Ram512 MB
    Rear Camera2 MP
    ChipsetSpreadtrum SC9820A
    GraphicsMali-400
    ProcessorDual core, 1 GHz, Cortex A7
    Ram512 MB

    Kya Kinemaster Jio Phone me work karta he?

    No. Kinemaster को आप आपके Jio Phone पर यूज नहीं कर पाएंगे.

    तो मित्रों जैसे कि आप जानते ही होंगे कि हमारा जो जियो फोन है वह एक फीचर फोन की तरह है, लेकिन इसमें काफी ज्यादा स्मार्ट फोन के एप्लीकेशन काम कर जाती हैं इसका यह मतलब नहीं है कि Kinemaster जैसी प्रोफेशनल एप्लीकेशन भी काम कर पाएंगे.

    Kinemaster एक बहुत ही बड़ी एप्लीकेशन है, जो कि केवल एंड्रॉयड और आईओएस मोबाइल फोन में ही चल सकती है, आप इस एप्लीकेशन को अपने जियो फोन में कभी भी नहीं चला पाएंगे क्योंकि यह एप्लीकेशन जिओ फोन के लिए बनी ही नहीं है, साथ ही साथ इस टाइप की प्रोफेशनल एप्लीकेशन जिओ फोन जैसे मोबाइल फोन में कभी चल भी नहीं सकते क्योंकि इनकी Ram और Processor ज्यादा पावरफुल नहीं होता है.

    अगर आपको यह वीडियो एडिटर से एडिटिंग करनी है तो हम आपको यही सलाह देंगे कि आप किसी एंड्रॉयड फोन में इस वीडियो एडिटर का इस्तेमाल करें क्योंकि यह एंड्रॉयड और आईफोन में बहुत ही अच्छी तरह से काम करता है और आपको वीडियो एडिटिंग करने में भी बहुत मजा आएगा.

    तुम मित्रों हम आपसे आशा करते हैं, कि आपकी यह प्रॉब्लम सॉल्व हो गई होगी कि किस तरह से जियो फोन में Kinemaster को यूज कर सकते हैं, और साथ ही साथ आपको यह उत्तर भी मिल गया होगा कि क्या यह काम कर पाएगा कि नहीं तो हम आपसे यही आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा तो हम मिलते हैं आपसे और आर्टिकल के साथ.

  • Kya BlueStacks Safe he download karna?

    Kya BlueStacks Safe he download karna?

    क्या आप खोज रहे हैं इंटरनेट के ऊपर BlueStacks के बारे में कि यह software सुरक्षित है कि नहीं इस्तेमाल करना, तो आप सही वेबसाइट पर आ चुके हैं हम आज बात करेंगे इस सॉफ्टवेयर के बारे में जो कि है एक Android Emulator.

    BlueStacks जैसे Android Emulator के बारे में कौन नहीं जानता है अगर आप एंड्राइड गेम्स को अपने कंप्यूटर लैपटॉप पर चलाते हैं तो आपको जरूर इस Android Emulator के बारे में पता होगा.

    यह बहुत ही ज्यादा पॉपुलर Software है, जो कि BlueStacks के नाम से जाना जाता है साथ ही साथ इसमें कुछ ऐसे दिलचस्प फीचर है जो कि हमारे यूजर्स को काफी पसंद आते हैं और इसे डाउनलोड करना बेहद पसंद करते हैं अपने कंप्यूटर और लैपटॉप पर.

    BlueStacks kya he or kese kam karta he?

    तो मित्रों अगर आपको यह नहीं पता है कि BlueStacks क्या है और यह कैसे काम करता है तो आज हम आपको बताएंगे की BlueStacks क्या है.

    BlueStacks एक एंड्राइड एम्युलेटर है जो कि Android Apps and Games को रन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है कंप्यूटर और लैपटॉप सिस्टम पर जैसे कि आप जानते ही होंगे कि आजकल गेमिंग का बहुत ही ज्यादा प्रचलन चल रहा है परंतु हर किसी के पास बहुत अच्छे कंप्यूटर और लैपटॉप नहीं होते हैं यही कारण गेमिंग कंपनी अच्छे गेम ज्यादातर मोबाइल फोन पर रिलीज करती है, परंतु कई Gamer आज चाहते हैं कि मोबाइल फोन की गेम्स, कंप्यूटर पर चला पाए और यह कार्य को हमारा BlueStacks सरल बनाता है.

    आप इस Android Emulator की हेल्प से से बड़े-बड़े गेम जैसे PUBG Mobile, Call Of Duty, को अपने कंप्यूटर स्क्रीन पर खेल सकते हैं वह भी बिल्कुल मुफ्त में.

    Kya BlueStacks Safe he download karna?

    100% safe he.

    तो मित्रों यह एंड्रॉयड एम्युलेटर बिल्कुल ही सुरक्षित है इस्तेमाल करने के लिए आप इसे बेफिक्र होकर अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकते हैं और अपने मनपसंद एंड्राइड एप्लीकेशन को रन कर सकते हैं.

    इस सॉफ्टवेयर में किसी भी प्रकार का वायरस नहीं पाया गया है इस सॉफ्टवेयर को बड़े-बड़े एंटीवायरस द्वारा स्कैन किया जा चुका है अगर आपको लगता है कि यह सॉफ्टवेयर वायरस फैलाता है तो आप अपने विंडोस के एंटीवायरस से इसकी जांच कर सकते हैं लेकिन हमारी रिसर्च के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर में किसी भी प्रकार का वायरस नहीं पाया गया है.

    BlueStacks System Requirements

    अगर आपको इस Emulator सॉफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर पर चलाना है तो आपको नीचे दिए हुए कुछ सिस्टम रिक्वायरमेंट को चेक करना होगा.

    • OS: Microsoft Windows 7 and above.
    • Processor: Intel or AMD Processor.
    • RAM: Your PC must have at least 2GB of RAM. ( Note that having 2GB or more disk space is not a substitute for RAM)
    • HDD: 5GB Free Disk Space.
    • You must be an Administrator on your PC.
    • Up to date graphics drivers from Microsoft or the chipset vendor.

    तो मित्रों हम आपसे आशा करते हैं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा और BlueStacks के बारे में कुछ नया सीखने को मिला होगा अगर आपको यह लगता है कि हमसे किसी भी प्रकार की कोई इनफॉरमेशन छूट गई है तो कृपया कर आप उसे हमें कमेंट के जरिए सूचना प्रदान कर सकते हैं.

    इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

  • Kinemaster Konsi Country Ka he?

    Kinemaster Konsi Country Ka he?

    क्या आप खोज रहे हैं कि Kinemaster को किस कंट्री द्वारा Develop किया गया है, और इसका डेवलपर कौन है तो मित्रों आप सही जगह पर आ चुके हैं, इस आर्टिकल को आप पढ़ते रहिए इस आर्टिकल में हम आपको संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं Kinemaster के बारे में.

    Kinemaster एक बहुत ही अच्छा मोबाइल फोन वीडियो एडिटर है, जिसकी मदद से आप आपकी वीडियोस को काफी अच्छी तरह से एडिट कर सकते हैं.

    जब कभी भी हम किसी भी एप्लीकेशन को अपने मोबाइल फोन पर यूज करते हैं, तो सबसे पहले हमारे मन में यही ख्याल आता है कि यह किस कंट्री द्वारा डिवेलप की गई है, जैसे कि आपके मन में काइन मास्टर के प्रति आ रहा है कि इसे किस कंट्री द्वारा डिवेलप किया गया है आपको आज इस सभी क्वेश्चन के उत्तर हमारे Blog पर मिलेंगे.

    What is Kinemaster?

    जैसे कि आप जानते ही होंगे कि Kinemaster एक बहुत ही बढ़िया मोबाइल फोन वीडियो एडिटर है, जो कि एक Professional Video Editor है, यह वीडियो एडिट पर आपके Android और iOS मोबाइल फोन के लिए आता है जोकि Free एवं Paid सब्सक्रिप्शन के साथ आपको देखने को मिल जाता है.

    अगर इसके फीचर्स की बात की जाए तो इसमें बहुत ही बेहतरीन फीचर आपको देखने को मिल जाते हैं, जो कि किसी अन्य मोबाइल फोन वीडियो एडिटर में देखने को नहीं मिलते हैं और यही सब Features इस वीडियो एडिटर को बहुत ही पॉपुलर बनाते हैं.

    अगर आप 4K वीडियोस बनाते हैं और चाहते हैं एक ऐसा वीडियो एडिटर जो कि आपकी 4K वीडियोस को रेंडर कर सके आपके मोबाइल फोन में तो Kinemaster सबसे Best वीडियो एडिटर माना जाता है.

    Kinemaster Konsi Country Ka he?

    तो मित्रों Kinemaster एक कोरियन एप्लीकेशन हैं, जोकि Kinemaster Corporation द्वारा ऑफर की जाती है.

    Kinemaster Infromation

    Updated27 May 2020
    Requires Android5.0 and up
    Current Version4.13.7.15948.GP
    SizeSizeMB
    Interactive ElementsIn-app purchases
    Installs100,000,000+
    Offered ByKineMaster Corporation

    दोस्तों हम आशा करते हैं, कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और कुछ नया सीखने को मिला होगा अगर आपको लगता है कि हमने कोई इंफॉर्मेशन मिस कर दिया तो कृपया कर हमें उसकी जानकारी कमेंट के जरिए दें.

    पढ़ने के लिए धन्यवाद