Author: Twinkle

  • Herman hollerith kon hai?

    सन् 1890 में कम्प्यूटर के इतिहास में अमेरिका की जनगणना का कार्य एक महत्वपूर्ण घटना थी।

    सन् 1890 से पूर्व जनगणना का कार्य पारम्परिक तरीकों से किया जाता था। सन् 1880 में शुरू की गई जनगणना में 7 वर्ष लगे थे।

    कम समय में जनगणना के कार्य को सम्पन्न करने के लिए हर्मन होलेरिथ (Herman Hollerith) (1869-1926) ने एक मशीन बनाई जिसमें पंचकाडों (Punch cards) को विद्युत द्वारा संचालित किया गया।

    उस मशीन की सहायता से जनगणना (Census) का कार्य केवल तीन वर्ष में सम्पन्न हो गया। सन् 1896 में होलेरिथ ने पंचकार्ड (Punch card) यंत्र बनाने की एक कम्पनी टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी (Tabulating Machine Company/ स्थापित की। सू 1911 में इस कम्पनीका अन्य कम्पनी के साथ वलय (merged) हुआ

    इसका परिवर्तित नाम कम्प्यूटर टेबुलेटिंग रिकॉर्डिंग कम्पनी’ (Computer Tabulating Recording Company) हो गया।

    सन् 1924 में उस कम्पनी का नाम पुनः परिवर्तित होकर ‘इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (International Business Machine) हो गया, जो आज कम्प्यूटर निर्माण में विश्व की अग्रणी कम्पनियों में से एक है।

    अब कम्प्यूटर विद्युत पात्रिकी (electromechanical) के युग में आ गये, क्योंकि होलेरिथ की मशीन यांत्रिक थी और विद्युत से संचालित थी।

  • Ada Augusta kon hai?

    चार्ल्स बैबेज के एनालिटिकल इंजिन को शुरू में बेकार समझा गया तथा इसकी उपेक्षा की गयी जिसके कारण बैबेज को अपार निराशा हुई।

    परन्तु अप्रत्याशित रूप से (unexpectedly) एडा ऑगस्टा (Ada Augusta ), जो प्रसिद्ध इंग्लिश कवि लॉर्ड वायरन (Lord Byron) की पुत्री थीं, ने बैबेज के उस एनालिटिकल इंजिन में computation instructions विकसित करने में मदद की।

    चार्ल्स बैबेज को जिस प्रकार ‘कम्प्यूटर विज्ञान का जनक’ होने का गौरव प्राप्त है, उसी प्रकार विश्व में एडा ऑगस्टा को पहली प्रोग्रामर होने का श्रेय जाता है। ऑगस्टा को सम्मानित करने के उद्देश्य से एक प्रोग्रामिंग भाषा का नाम एडा (Ada) रखा गया।

  • Charles Babbage ka engines kya hai?

    कम्प्यूटर के इतिहास में उन्नीसवीं शताब्दी का प्रारम्भिक समय स्वर्णिम युग माना जाता है। अंग्रेज़ गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने एक यांत्रिक गणना मशीन विकसित करने की आवश्यकता तब महसूस को जब गणना के लिए बनी हुई भारणियों में त्रुटि (error) आती थी।

    चूंकि ये सारणियाँ (tables) हस्त निर्मित (Handset) भी इसलिए इनमें त्रुटि आ जाती थी। चावेज ने सन् 1822 में एक मशीन का निर्माण किया जिसका व्यय ब्रिटिश सरकार ने वहन किया।

    उस मशीन का नाम ‘डिफरेन्स इंजिन (Difference Engine)‘ रखा गया। इस मशीन में गियर (gears) और शाफ्ट (shafts) लगे थे और यह भाप (Steam) से चलती थी।

    इसके पश्चात् सन् 1833 में चार्ल्स बेबेज ने डिफरेंस इंजिन (Difference Engine) का विकसित रूप एक शक्ति मशीन – एनालिटिकल इंजिन (Analytical Engine) तैयार किया। यह मशीन कई प्रकार के गणना कार्य (Computing Work) करने में सक्षम (able) थी।

    यह पंचकाटों पर संग्रहीत निर्देश (stored instructions) के अनुसार कार्य करने में सक्षम (able) थी। इसमें निर्देशों (Instructions) को संग्रहीत (Store) करने की क्षमता थी और इसके द्वारा automatically आउटपुट प्रोड्यूस किये जा से परिणाम भी छापे जा सकते थे बैबेज का कम्प्यूटर के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा।

    बैबेज का एनालिटिकल इंजिन (Analytical Engine) आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना और यही कारण है कि चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) को कम्प्यूटर विज्ञान का जनक (Father of Computer Science) कहा जाता है।