Author: Ram

  • Web Page kitne Prakar ke Hote Hain Hindi

    (Web page ke Prakar)

    1.स्टेटिक वेब पेज को फ्लेट या स्टेशनरी वेब पेज के रूप में भी जाना जाता है। वे क्लाइंट के ब्राउजर पर लोड होते. हैं, क्योंकि उन्हें वेब सर्वर पर स्टोर किया जाता है। इन वेब पेजेस में सिर्फ स्टेटिक इन्फॉर्मेशन ही होती है। युजर इन्फॉर्मेशन को सिर्फ रिड कर सकता है, लेकिन इसे मोडिफाय नहीं कर सकता है और न ही इन्फॉर्मेशन के साथ इन्टरेक्ट कर स्टेटिक वेब पेज स्टेटिक वेब पेजेस सिर्फ HTML का उपयोग करके बनाए जाते हैं। स्टेटिक वेब पेजेस का उपयोग सिर्फ तब किया जाता है, जब इन्फॉर्मेशन को मोडिफाय करने की आवश्यकता नहीं होती है।

    2. डायनेमिक वेब पेज- डायनेमिक वेब पेज विभिन्न बिन्दुओं पर अलग-अलग इन्फॉर्मेशन प्रदर्शित करता है। सम्पूर्ण वेब पेज को तोड़ किये बिना वेब पेज का चित्रण (पोरटेन) बदलना सम्भव है। यह एजाक्स टेक्नोलॉजी का उपयोग करके संभव बनाया गया है। डायनेमिक वेब पेज को दो उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है-

    (i) सर्वर साइड डायनेमिक वेब पेज इसे सर्वर साइड स्क्रिप्टिंग के लिये बनाया जाता है। कुछ सर्वर साइड स्क्रिप्टिंग पैरामीटर्स होते हैं, जो यह निर्धारित करते हैं कि नए वेब पेज को कैसे असेम्बल किया जाए, जिसमें अधिक क्लांट साइड प्रोसेसिंग को सेट अप करना भी सम्मिलित है।

    (ii) क्लाइंट-साइड डायनेमिक वेब पेज इसे क्लाइंट-साइड स्क्रिप्टिंग जैसे जावास्क्रिप्ट का उपयोग करके प्रोसेस किया जाता है। इसके बाद डॉक्युमेन्ट ऑब्जेक्ट मॉडल (DOM) में पास किया जाता है। सकता है।

  • Website kitne Prakar ki hoti hai? Hindi

    (Website kitne Prakar ki hoti hain)

    1. अर्चिव वेबसाइट आज इन्टरनेट पर अरबों वेबसाइट्स हैं, जिन्हें निम्न प्रकार की श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है। ध्यान रखें कि वेबसाइट के लिये निम्न में से एक से अधिक वेबसाइट्स में वर्गीकृत होता संभव है। उदाहरण के लिये, वेबसाइट एन्ड फ्लेटफॉर्म, वेबमेल, ब्लॉग या सर्च इंजन भी हो सकती है। अर्चिव वेबसाइट एक ऐसी साइट है, जो एक या अधिक अन्य वेबसाइट्स के कन्टेन्ट्स का रिकॉर्ड रखती है। इन्टरनेट आर्चिव वेबसाइट का सबसे अच्छा उदाहरण हैं।

    2. लॉग (वेबलॉग) – ब्लॉग, वेबसाइट का प्रकार है, जो अक्सर किसी व्यक्ति द्वारा की गई एन्ट्रीज की लिस्ट रखने के लिये होता, जिनमें वे रुचि रखते हैं। माइक्रोब्लॉग वेबसाइट भी ब्लॉगिंग वेबसाइट का ही एक अन्य लोकप्रिय रूप है, जो प्रत्येक ब्लॉग एंट्री में किसी व्यक्ति द्वारा पोस्ट किये जाने वाले कैरेक्टर्स की संख्या को सीमित करता है। ट्विटर माइक्रोब्लॉग के लिये सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    3. बिजनेस वेबसाइट तथा कॉर्पोरेट वेबसाइट-बिजनेस वेबसाइट या कार्पोरेट वेबसाइट कस्टमर्स, पार्टनर्स, क्लांट्स तथा पोटेन्शल कस्टमर्स को अकाउंट इन्फॉर्मेशन तथा एक्सेस प्रदान करने के लिये बनाई जाती हैं।

    4. कम्यूनिटी वेबसाइट कम्यूनिटी वेबसाइट, एक वेबसाइट या वेबसाइट का सेक्शन है, जो विजिटर्स को चैट, फोरम्स या बुलेटिन बोर्ड के अन्य रूप का उपयोग करके साइट पर आने में सहायता करता है।

    5. कन्टेन्ट वेबसाइट तथा इन्फॉर्मेशन वेबसाइट एक कन्टेन्ट वेबसाइट तथा इन्फॉर्मेशन वेबसाइट यूनिक कन्टेन्ट प्रदर्शित करने के इन्टेन्शन से बनाई जाती है, जो अक्सर एक स्पेसिफिक कैटेगरी से सम्बन्धित होती हैं। उदाहरण के लिये, कम्प्यूटर होप को कम्प्यूटर से सम्बन्धित कन्टेन्ट वाली साइट माना जा सकता है। अन्य कैटेगरीज में पॉलिटिकल वेबसाइट को सम्मिलित किया जा सकता है, जिसमें पॉलिटिक्स से सम्बन्धित कन्टेन्ट या फिर किसी विशेष धर्म के बारे में इन्फॉर्मेशन देते हुए धार्मिक वेबसाइट भी बनाई जा सकती है।

    6.ई-कॉमर्स वेबसाइट ई-कॉमर्स (इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स) वेबसाइट ऐसी साइट है, जो ऑनलाइन प्रोड्क्ट्स या सर्विसेस को बेचने केइन्टेन्शन से बनाई जाती है। अमेजन एक ई-कॉमर्स वेबसाइट का बेहतर उदाहरण है। ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को निम्नलिखित सब-कैटेगरीज में तोड़ा जा सकता है-

    (1) अफिलिएट वेबसाइट अफिलिट वेबसाइट को थर्ड पार्टी प्रोडक्स को बेचने के इन्टेन्शन से बनाया जाता है। उदाहरण के लिये, अमेजन के पास किसी अन्य कम्पनी को लिंक करने के लिये अफिलियेट प्रोग्राम है और प्रोडक्ट्स के खरीद जाने के बाद वह कमीशन लेता है। एक अफिलिएट वेबसाइट को ई-कॉमर्स वेबसाइट के साथ प्रमित नहीं होना चाहिये।

    (ii) ऑक्शन वेबसाइट- ऑक्शन वेबसाइट ऐसी वेबसाइट है, जो अन्य लोगों को अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेस को बेचने की अनुमति प्रदान करती है। उदाहरण के लिये, इसे सबसे प्रसिद्ध ऑक्शन वेबसाइट्स में से एक है।

    (III) क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट एक ऐसी वेबसाइट है, जो किसी को प्रोडक्ट्स या सर्विसेस को सूचीबद्ध करने की अनुमति प्रदान करती है। आमतौर पर फ्री या कम कॉस्ट पर। क्रेगलिस्ट, क्लासिफाइड एड्स वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    (iv) क्राउडफंडिंग वेबसाइट- क्राउडफंडिंग वेबसाइट का सेट अप किसी बिजनेस, पर्सन या किसी अन्य कारण से एक समय या मासिक भुगतान करने में सहायता करने के लिये किया जाता है। किकस्टारर क्राउडफंडिंग वेबसाइट का एक उदाहरण है।

    7. गेमिंग वेबसाइट गेमिंग वेबसाइट एक ऐसी वेबसाइट होती है, जिसमें वेबसाइट पर खेले जा सकने वाले गेम्स होते है। ये ऑनलाइन गेम्स अक्सर HTML फ्लैश या जावा का उपयोग करके बनाए जाते हैं। गेमिंग वेबसाइट्स को गेमिंग कन्टेन्ट वेबसाइट के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिये, जिसमें एक्चुअल गेम्स के होने के बजाए ऑनलाइन गेम कन्टेन्ट होता है।

    8. गवर्नमेन्ट वेबसाइट एक गवर्नमेन्ट वेबसाट किसी डिपार्टमेन्ट लोकल या स्टेट गवर्नमेन्ट साइट होती है, जो गवर्नमेन्ट बिजनेस तथा सर्विसेस के बारे में पब्लिक को इन्फॉर्म करने में सहायता करने के लिये बनाई जाती है। पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायता करने के लिये भी लोकल गवर्नमेन्ट वेबसाइट का सेट अप किया जा सकता है।

    9. मेलिशियस वेवसाइट मेलिशियस वेबसाइट ऐसी वेबसाइट होती है, किसी अन्य कम्प्यूटर को इन्फेक्ट करने का पर्सनल डेटा कलेक्ट करने के उद्देश्य से बनाया जाता है। उदाहरण के लिये, मालवेयर वेबसाइट किसी भी विजिटर को मालवेयर, स्पायवेयर या ट्रोजन हॉर्स के साथ इन्पेक्ट करने के इन्टेन्शन से बनाया जाता है। इस प्रकार की साइट्स में डाउनलोड किया जाने वाला कोई भी डेटा इन्फेक्टेड हो सकता है और डाउनलोड होने के बाद आपके कम्प्यूटर इन्फेक्ट कर सकता है। अन्य सामान्य मेलिशियस वेबसाइट्स में फिशिंग वेबसाइट्स सम्मिलित हैं। इन साइट्स को अन्य ऑफिशियल साइट्स (उदाहरण के लिये, आपके बैंक) की तरह इस उम्मीद के साथ डिजाइन किया जाता है कि वे आपके यूजरनेम तथा पासवर्ड जैसी ऐंसिटिव इन्फॉर्मेशन किश कर सकें।

    फेक न्यूज वेबसाइट्स अन्य प्रकार की मेलिशियल वेबसाइट्स होती हैं, जो भय तथा झूठ फैलाने के इन्टेन्शन से न्यूज के लेजिरिमेन्ट सोर्स (वैद्य स्रोत) के रूप में दिखाई देती है।

    10. मीडिया शेयरिंग वेबसाइट मीडिया शेयरिंग वेबसाइट ऐसी वेबसाइट है, जो विजिटर्स को एक या अधिक प्रकार की मीडिया को शेयर करने की अनुमति प्रदान करती है। उदाहरण के लिये, यूट्यूब वीडियो मीडिया शेयर करने की साइट है । साउंड क्लाउड म्युजिक शेयर करने की साइट है। फ्लिक्ट फोटोज शेयर करने की साइट है। डिवेएन्ट आर्ट आर्ट को शेयर करने का पेज है।

    11. मिरर वेबसाइट एन्ड मिरर वेबसाइट किसी अन्य वेबसाइट से पूर्णतः डुप्लिकेट होती है, जो किसी वेबसाइट पर ओवरलोड होने पर उपयोग की जाती है। यह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में वेबसाइट की स्पीड के साथ सहायता करती है। साथ हो, भले ही ये समान होती है, फिर भी मिरर साइट को स्क्रॅपर वेबसाट या CDN (कन्टेन्ट डिलिवरी नेटवर्क) के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिये।

    12. न्यूज वेबसाइट न्यूज वेबसाइट लेटेस्ट लोकल या वर्ल्ड न्यूज प्रदान करने के लिये एक डेडिकेटेड वेबसाइट है। न्यूज वेबसाइट किसी स्पेसिफिक टॉपिक के लिये भी डेडिकेटेड हो सकती है। उदाहरण के लिये, कई कम्प्यूटर रिलेटेड न्यूज: वेबसाइट्स लेटेस्ट कम्प्यूटर तथा टेक्नोलॉजी-रिलिटेड न्यूज के बारे में बात करने के लिये डेडिकेटेड होती हैं।

    13. पर्सनल वेबसाइट पर्सनल वेबसाइट किसी व्यक्ति द्वारा बनाई गई साइट होती है, जो उसकी पर्सनल लाइफ, एक्सपीरियेंसेस के बारे में बनाती है। की बार इसमें रिज्यूमे भी सम्मिलित होता है। आज बहुत से लोग पर्सनल वेबसाइट्स को एक ब्लॉग के रूप में बना रहे हैं, या अपने बारे में इन्फॉर्मेशन स्टोर करने के लिये सोशल नेटवर्किंग साइट्स का उपयोग कर रहे हैं।

    14. पर्सनालिटी वेबसाइट पर्सनालिटी वेबसाइट किसी व्यक्ति विशेष को कवर करती है, जैसे- आर्टिस्ट, सेलिब्रिटी ऑथर या कोई अन्य व्यक्ति। इस प्रकार की वेबसाइट किसी व्यक्ति से अफिलिएट व्यक्ति द्वारा सेट की जाती है, जैसे कि एक पब्लिसिस्ट एजेन्सी या किसी पर्सनालिटी का फैन

    15. पोर्टल पोर्टल एक वेबसाइट या सर्विस का आइडिया है, जो ईमेल, गेम, कोट्स, सर्च, न्यूज तथा स्टॉक्स जैसी सर्विसेस की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करती है।

    16. सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट यूजर्स फ्रेंड्स, फेमिली, सेलिब्रिटिज, ग्रुप्स तथा ऑर्गेनाइजेशन्स से कनेक्ट करती है।

  • Web Browser kitne Prakar ke Hote Hain?

    वेब ब्राउजर के विभिन्न प्रकार (web browser)

    1. इन्टरनेट एक्स्प्लोरर- इन्टरनेट एक्सप्लोरर (IE) सॉफ्टवेयर कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट का प्रोडक्ट है। यह विश्व में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला ब्राउज़र है। यह विडोज 95 लॉन्च के साथ वर्ष 1995 में इन्ट्रोड्यूज किया गया था और इसने वर्ष 1998 में नेटस्केप पॉप्यूलरिटी हासिल की।

    2. गूगल क्रोम यह वेब ब्राउजर गूगल द्वारा डेवलप किया गया है और इसका बीटा वर्जन पहली बार 2 सितम्बर 2008 को माइक्रोसोफ्ट विडोज के लिये रीलिज किया गया था। आज क्रोम को 50% शेयर के साथ सबसे पॉपुलर वेब ब्राउजर्स में से एक माना जाता है।

    3. मोजिला फायरफॉक्स फायरफॉक्स, मोजिला द्वारा ड्राइव किया गया एक ब्राउजर है। यह वर्ष 2004 में रीलिज किया गया था और इन्टरनेट पर दूसरा सबसे पॉप्युलर ब्राउजर बन गया है।

    4. सफारी सफारी, एप्पल इन्कॉर्पोरेशन द्वारा डेवलप किया गया एक वेब ब्राउजर है और मैक OX () में सम्मिलित है। इसे पहली बार वर्ष 2003 में पब्लिक बीटा के रूप में रीलिज किया गया था। सफारी में XMTML, CSS2 आदि जैसी लेटेस्ट टेक्नोलॉजीस के लिये बेहतर सपोर्ट है।

    5. ओपेरा ओपेरा अधिकांश अन्य ब्राउजर्स की तुलना में छोटा तथा तेज है, फिर भी यह फुल-फिचर्ड है। कीबोर्ड, इन्टरफेस, मल्टिपल, विंडोज, जूम, फंक्शन्स आदि के साथ तेज, यूजर फ्रेंडली है। जावा तथा नॉन, जावा इनेबल्ड वर्शन्स उपलब्ध है। इन्टरनेट पर न्यूकमर्स, स्कूल के बच्चों, विकलांगों तथा CD-रोम तथा कियोस्क के लिये फ्रंट-एंड यूजर के ऊपर में आदर्श है।

    6. कॉन्कुटर (Konqueror) कॉन्कटर HTML 4.01 कम्प्लाएंस के साथ एक ओपन सोर्स वेब ब्राउजर है, जो जावा एस्टेट्स, जावास्क्रिट, CSS 1, CSS 2.1, साथ ही नेटस्केप प्लगइन्स की सपोर्ट करता है। यह फाइल मैनेजर के रूप में कार्य करता है और साथ ह लोकल UNIX फाइल सिस्टम पर बेसिक फाल मैनेजमेन्ट को सपोर्ट करता है, जिसमें सिंपल कर कॉपी तथा पेस्ट ऑपरेशन्स से लेकर एडवांस्ड रिमोट तथा लोकल नेटवर्क फाइल ब्राउजिंग सम्मिलित है।

    7. लिंक्स (Lynx) लिंक्स यूनिक्स, VMS तथा अन्य प्लेटफॉर्म पर युजर्स केलिये फुली-फिचर्ड वर्ल्ड वाइड वेब ब्राउजर है, जो कर्सर एड्रेसेबल, कैरेक्टर-सेल टर्मिनल या एम्यूलेटर्स रन करता है।

  • Web Browser ke gun kya hai?

    (Web browser) वेब ब्राउजर के गुण

    1. रिफ्रेश बटन- रिफ्रेश बटन वेबसाइट को वेब पेजेस के कंटेन्ट्स को रिलोड करने की अनुमति प्रदान करता है। अधिकांश वेब ब्राउजर्स कैशिंग मैकेनिज्म का उपयोग करने परफॉर्मेन्स को बढ़ाने के लिये विजिट किये गए पेजेस की लोकल कॉपीज स्टोर करते हैं। कभी-कभी आपको अपडेटेड इन्फॉर्मेशन देखने से रोकता है। इस स्थिति में, फ्रेश बटन पर क्लिक करके आप अपडेटेड इन्फॉर्मेशन देख सकते हैं।

    2. स्टॉप बटन- इसका उपयोग सर्वर के साथ वेब ब्राउजर के कम्युनिकेशन को कैंसल करने के लिये किया जाता है और पेज कंटेंट को लोड करना बंद कर देता है। उदाहरण के लिये, यदि कोई मेलिशियस साइट बटन पर क्लिक करके इसे बचाने में सहायता करती है।

    3. होम बटन- यह यूजर्स को वेबसाट के प्रिडिफाइंड होम पेज को लाने का ऑप्शन प्रदान करता है।

    4. वेब एड्रेस बार- यह यूजर्स को एक वेब एड्रेस में प्रवेश करने और वेबसाइट पर जाने की अनुमति प्रदान करता है।

    5. डेल्ड ब्राउजिंग – यह यूजर्स को विंडो पर कई वेबसाइट्स ओपन करने का ऑप्शन प्रदान करता है। यह यूजर्स को एक ही समय में विभिन्न वेबसाइट्स को रीड करने में सहायता करता है। उदारण के लिये, जब आप ब्राउजर पर कुछ सर्च करते हैं, तो यह आपको आपकी क्वेरी के लिये सर्च, रिजल्ट्स की एक लिस्ट प्रदान करता है। आप प्रत्येक लिंक पर राइट-क्लिक करके एक ही पेज पर रहकर सभी रिजल्ट्स ओपन कर सकते हैं।

    6. बुकमार्क – यह यूजर्स को इन्फॉर्मेशन के बाद के रिड्राइवल के लिये इसे सेव करने के लिये किसी विशेष वेबसाइट को सिलेक्ट करने की अनुमति प्रदान करती है, जो युजर्स द्वारा प्रिडिफाइंड है।

  • Start Topology kya hai Iske Labh aur haniyan?

    स्टार टोपोलॉजी क्या है? साथ ही इसके लाभ तथा हानियाँ

    स्टार टोपोलॉजी में नेटवर्क में प्रत्येक डिवाइस हब नाम की एक सेंट्रल डिवाइस से कनेक्टेड होती है। मेश टोपोलॉजी के विपरीत, स्टार टोपोलॉजी डिवाइसेस के बीच सी डायरेक्ट कम्युनिकेशन की अनुमति प्रदान नहीं करती है, बल्कि डिवाइस को हब के माध्यम से कम्युनिकेट करना होता है। यदि एक डिवाइस अन्य डिवाइस को डेटा सेंड करना चाहती है, तो उसे पहले पेरा को हब पर सेंड करना होता है और फिर हब उस डेटा को डेजिग्नेटेड डिवाइस पर ट्रांसमिट करता है।

    स्टार टोपोलॉजी के लाभ

    1. कम खर्चीला है क्योंकि प्रत्येक डिवाइस को केवल एक 1/0 पोर्ट की आवश्यकता होती है और एक लिंक के साथ हब को कनेक्ट करने की आवश्यकता होती है।

    2.इन्स्टॉल करना आसान है।

    3. केबल की कम मात्रा की आवश्यकता होती है क्योंकि प्रत्येक डिवाइस को केवल हब के साथ कनेक्टेड होती है। 4. मजबूत है, यदि एक लिंक फैल हो जाती है, तो अन्य लिंक्स ठीक तरह से कार्य करेंगी।

    5. आसान फॉल्ट डिटेक्शन होता है क्योंकि लिंक को आसानी से आइडेंटिफाय किया जा सकता है।

    स्टार टोपोलॉजी की हानियाँ

    1. यदि हब खराब हो जाती है, तो सब कुछ खराब हो जाता है, कोई भी डिवाइस बिना हब के कार्य नहीं कर सकती है।

    2. हब को अधिक रिसोर्सेस तथा रेग्युलर मेन्टेनेन्स की आवश्यकता होती है क्योंकि यह स्टार टोपोलॉजी का सेंट्रल सिस्टम है।

  • Computer Network kitne Prakar ke Hote Hain?

    कम्प्यूटर नेटवर्क के प्रकार (computer network)

    कम्प्यूटर नेटवर्क एक ट्रांसमिशन मीडियन के माध्यम से कनेक्टेड कम्प्युटर्स का ग्रुप है,

    कम्प्यूटर नेटवर्क के प्रकारों का वर्णन (computer network)

    1. लोकल एरिया नेटवर्क (LAN)- लोकल एरिया नेटवर्क छोटे स्थानों जैसे स्कूल, हॉस्पिटल, अपार्टमेन्ट आदि में कनेक्टेड कम्प्यूटर्स का ग्रुप है। LAN सिक्योर है क्योंकि लोकल एरिया नेटवर्क का बाहरी कनेक्शन नहीं होता है। इस प्रकार, कोई जो डेटा शेयर किया जाता है, वह लोकल एरिया नेटवर्क पर सेफ रहता है और इसे बाहर एक्सेस नहीं किया जा सकता है।LAN अपने छोटे आकार के कारण काफी तेज होते हैं। LANs वायर कनेक्शन तक ही सीमित नहीं है, LAN का नया विकास हुआ है जो लोकल एरिया नेटवर्क को वायरलेस कनेक्शन पर कार्य करने की अनुमति प्रदान करता है।

    2. मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN)-मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क कम्प्यूटर्स के बड़े नेटवर्क के लिये लोकल एरिया नेटवर्क कनेक्शन्स द्वारा बड़ा एरिया कवर करता है। मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क में विभिन्न लोकल एरिया नेटवर्क्स टेलीफोन लाइन्स के माध्यम से एक-दूसरे के साथ कनेक्टेड रहते हैं। मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क का आकार LAN से बड़ा और WAN (वाइल्ड एरिया नेटवर्क) से छोटा होता है। एक MAN एक शहर या शहर के किसी बड़े एरिया को कवर करता है।

    3. वाइड एरिया नेटवर्क (WAN)-वाइड एरिया नेटवर्क डेटा का लॉन्ग डिस्टेन्स ट्रांसमिशन प्रदान करता है। WAN का आकार LAN और MAN से बड़ा होता है। एक VAN देश, महाद्वीप और यहाँ तक कि पूरे विश्व को कवर कर सकता है। इंटरनेट कनेक्शन WAN का एक उदाहरण है। वाइड एरिया नेटवर्क के अन्य उदाहरण मोबाइल ब्रॉडबैन्ड कनेक्शन्स जैसे 3G, 4G, 5G आदि हैं।

  • Web Page and Website Mein Antar kya hai?

    वेब पेज तथा वेबसाइट के बीच अंतर (web page and website)

    1. वेब पेज एक वेबसाइट का स्वतंत्र हिस्सा होता है, जिसमें वेबसाइट के अन्य वेब पेजेस की लिंक्स होती है। दूसरी ओर, एक वेबसाइट रिलेवेंट वेब पेजेस का कलेक्शन है, जो यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर से एड्रेस किया जाता है।

    2. प्रत्येक वेबसाइट में एक यूनिक URL होना चाहिए, जबकि कई वेब पेजेस में एक ही नाम हो सकता है, जब तक कि वे विभिन्न डॉक्यूमेन्ट्स में नहीं रहते हैं।

    3. वेबसाइट वह स्थान है, जिसका उपयोग कन्टेन्ट को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इसके विपरीत, वेब पेज एक कन्टेन्ट है, जिसे वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाता है।

    4. एक वेब पेज, URL का HTML, htm, php आदि की तरह एक्सटेंशन है, जबकि वेबसाइट का कोई एक्सटेंशन नहीं होता है।

    5. वेब पेज, एड्रेस में डोमेन नेम का एक अभिन्न हिस्सा है, और यह वेबसाइट पर निर्भर करता है। इसके विपरीत, वेबसाइट का वेब पेज एड्रेस से कोई संबंध नहीं है।

    6. वेबसाइट की तुलना में वेब पेजेस की डिजाइनिंग तथा डेवलपमेन्ट में कम समय लगता है, क्योंकि एक वेबसाइट में बहुत सारे वेब पेजेस होते हैं।

  • Uniform Resources Locator kya hai?

    यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) uniform resources locator

    जो abc एक यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर इन्टरनेट या वर्ल्ड वाइड वेब पर एक रिसोर्स का एड्रेस है। इसे वेब एड्रेस या यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेन्टिफायर (URI) के रूप में भी जाना जाता है। उदाहरण के लिए, http:www.abc.com वेबसाइट का URL या वेब एड्रेस है। URL एक रिसोर्स के एड्रेस को रिप्रेजेन्ट करता है, जिसमें प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है।

    • यह रिसोर्स को एक्सेस करने के लिए प्रोटोकॉल का उपयोग कहता है।

    • यह IP एड्रेस या डोमेन नेम द्वारा सर्वर की लोकेशन डिफाइन करता है।

    • यह एक फ्रेम्मेन्ट आइडेन्टिफायर सम्मिलित करता है, जो ऑप्शनल होता है।

    • यह सर्वर की डायरेक्ट्री में रिसोर्स की लोकेशन सम्मिलित करता है।

    एक URL यूजर को किसी विशेष ऑनलाइन रिसोर्स, जैसे कि वीडियो, वेबपेज या अन्य रिसोर्सेस के लिए फॉरवर्ड करता है। उदाहरण के लिए, जब आप गूगल पर इन्फॉर्मेशन सर्व करते हैं, तो सर्च रिजल्ट आपकी सर्च क्वेरी के रिस्पॉन्स में रिलेवेन्ट रिसोर्सेस का URL प्रदर्शित करते हैं। सर्च रिजल्ट्स में जो टाइटल प्रदर्शित होता है, वह वेब पेज के URL का हाइपरलिक है।

    यह एक यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेन्टिफायर है, जो वेब सर्वर पर रिसोर्सेस के सभी प्रकार के नामों तथा एड्रेसेस को रेफर करता है। URL का पहला भाग एक प्रोटोकॉल आइडेन्टिफायर के रूप में जाना जाता है, यह प्रोटोकॉल का उपयोग करने के लिए स्पेसिफाय करना है, और दूसरा भाग, जिसे रिसोर्स नेम के रूप में जाना जाता है, IP एड्रेस या रिसोर्स के डोमेन नेम को रिप्रेजेन्ट करता है । दोनों भागों को एक कॉलन तथा दो फॉरवर्ड sp स्लेश जैसे http://www.abc.com द्वारा डिफरेन्शिएट किया जाता है।

  • वेब होस्टिंग kya hai (web hosting)

    वेब होस्टिंग web hosting

    होस्टिंग वेब पेजेस के स्टोरेज के लिए ऑनलाइन स्पेस प्रदान करने की एक सर्विस है। यह वेब पेजेस वर्ल्ड वाइड वेब के माध्यम से उपलब्ध कराए गए हैं। वेबसाइट होस्टिंग को ऑफर करने वाली कम्पनीज को वेब होस्टिंग के रूप में जाना जाता है।

    जिस सर्वर पर वेबसाइट होस्ट की जाती है, वह 24 x 7 स्विच की जाती है। ये सर्वर्स वेब होस्टिंग कम्पनीज द्वारा रन किए जाते हैं। प्रत्येक सर्वर का अपना IP एड्रेस होता है। चूँकि IP एड्रेस को याद रखना मुश्किल होता है, इसलिए वेबमास्टर अपना डोमेन नेम उस सर्वर के IP एड्रेस पर है, जिस पर उनकी वेबसाइट स्टोर्ड है।

    वेबसाइट को अपने लोकल कम्प्यूटर पर होस्ट करना संभव नहीं है, ऐसा करने के लिए आपके अपने कम्प्यूटर को दिन में 24 घंटों के लिए चालू रखना होगा। यह व्यावहारिक तथा सस्ता भी नहीं होता है। इस कारण, वेब होस्टिंग कम्पनिज अस्तित्व में आई।

  • मेश टोपोलॉजी बस टोपोलॉजी kya hai?

    1. मेश टोपोलॉजी: मेश टोपोलॉजी में प्रत्येक डिवाइस डेडिकेटेड पॉइंट-टू-पाइंट लिंक के माध्यम से नेटवर्क पर हर दूसरी डिवाइस से कनेक्टेड होता है। जब हम इसे डेडिकेटेड कहते हैं, तो इसका अर्थ है कि लिंक केवल दो कनेक्टेड डिवाइसेस के लिये डेटा कैरी करती है। मान लेते हैं कि हमारे पास नेटवर्क में n डिवाइसेस हैं, तो प्रत्येक डिवाइस को नेटवर्क की (n-1) डिवाइसेस के साथ कनेक्ट किया जाना चाहिये। n डिवाइसेस की मेश टोपोलॉजी में लिंक की संख्या n(n-1)/2 होगी।

    2. बस टोपोलॉजी बस टोपोलॉजी में एन्ड मुख्य केबल होती है और सभी डिवाइसेस ड्रॉप लाइन्स के माध्यम से इस मुख्य केबल से कनेक्टेड रहती हैं. एक डिवाइस जिसे टैप कहा जाता है, ड्रॉप लाइन्स को मुख्य केबल से कनेक्ट करती है। चूँकि सभी डेटा मुख्य केबल पर ट्रांसमिट किये जाते हैं, इसलिये ड्रॉप लाइन्स की एक लिमिट होती है और मुख्य केबल में डिस्टेन्स हो