Constraints To E-Commerce ई-कॉमर्स की बाधाएँ kya hai?

ई-कॉमर्स की बाधाएँ (Constraints To E-Commerce)

ई-कॉमर्स के लिए पोर्टल या साइट बना लेना ही सम्पूर्ण ई-कॉमर्स नहीं हैं। ई-कॉमर्स में कौन-कौन से संघटक आवश्यक हैं इसके बारे में पिछले खण्ड में पढ़ चुके हैं।

इस सफलता के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ लोगों की मानसिकता भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। आज भी लोग हमारे भारतीय महाद्वीप में स्वयं जाकर शॉपिंग मॉल्स में सामान खरीदने को प्राथमिकता देते हैं।

इसके कारण भी हैं। इसमें सामान स्वयं जाँच लेने की संतुष्टि, तत्काल डिलीवरी तथा मनोरंजन जैसे महत्वपूर्ण कारक शामिल हैं।

साथ ही, भारत के बहुमत के पास इण्टरनेट एक्सेस नहीं है तथा जो लोग इण्टरनेट एक्सेस करते हैं उनके पास क्रेडिट कार्ड जैसे भुगतान के साधन उपलब्ध नहीं है। किसी भी देश में ई-कॉमर्स को लागू करने में निम्नलिखित बाधाएँ होती हैं-

खराब टेलिकम्यूनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर (Poor telecommunication infrastructure) आज ई-कॉमर्स व्यापक – रूप में लागू होने में यह सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि इण्टरनेट की रीढ़ टेलिफोन लाइन है।

हमारे देश में ब्रॉडबैण्ड तथा अन्य उच्च गति वाली इण्टरनेट सेवाएँ हमसे आमतौर पर अभी-भी कोसों मील दूर है। यह सब टेलिकम्यूनिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर की अच्छी व्यवस्था न होने के कारण है।

कम्प्यूटर तथा हार्डवेयर उपकरणों की अधिक कीमत (Expensive computer and hardware parts) यद्यपि कम्प्यूटर तथा हार्डवेयर पिछले दशक के अपेक्षाकृत बहुत अधिक महंगे अब नहीं रहे। परन्तु कम कैपिटा इनकम वाले देशों में आज भी कम्प्यूटर खरीदना मुश्किल कार्य है।

तकनीकी रूप से दक्ष कर्मचारियों की कमी (Lack of technically efficient personnel) किसी भी देश में ई-कॉमर्स को चलाने के लिए दक्ष कर्मचारी चाहिए जो ई-कॉमर्स पर होने वाली सभी गतिविधियों को ठीक ढंग से व्यवस्थित कर सके।

बैंकिंग इन्फ्रॉस्ट्रक्चर की कमी (Poor Banking Infrastructure) जैसाकि आपने पढ़ा कि कॉमर्स और भुगतान का चोली-दामन का रिश्ता है। आप सामान बेचेंगे तो आपको पैसा चाहिए।

जिस देश में बैंकिंग इन्फ्रॉस्ट्रक्चर खराब हो वहाँ ई-कॉमर्स को लागू कर पाना अत्यंत मुश्किल कार्य है। उदाहरणस्वरूप हमारे भारत में ही बहुत बड़ी आबादी के पास तो बैंक अकाउण्ट नहीं हैं तथा जिनके पास है

उनके पास क्रेडिट कार्ड या भुगतान करने के उपयुक्त साधन उपलब्ध नहीं हैं। बैंक आज भी क्रेडिट कार्ड व्यापक स्तर पर निर्गत करने की स्थिति में नहीं है। स्थानीय बैंकों में तो क्रेडिट कार्ड सिस्टम ही नहीं है तथा बहुत कम बैंक हैं

जो क्रेडिट कार्ड से किये गये भुगतान को स्वीकार करते हैं। दो बैंक के बीच चेक क्लियरेंस (clearance) सिस्टम भी बहुत अच्छा नहीं है।

क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता की कमी (Lack of Credit Card Users) – जब आपके पास सामान या सेवा खरीदने के बदले भुगतान करने का कोई साधन नहीं होगा तो यह स्वाभाविक है कि आप ई-कॉमर्स के साथ नहीं जुड़ सकते हैं। अतः यह अत्यंत शक्तिशाली बाधा है जो ई-कॉमर्स को बढ़ने में रूकावट पैदा करती है।

By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

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