डेटा प्रोटेक्शन (Data Protection)
डेटा प्रोटेक्शन, नेटवर्क पर फाइल्स, डेटाबेसेस तथा अकाउंट्स को प्रोटेक्ट करने की प्रोसेस है, जो विभिन्न डेटासेटन के सापेक्ष उनकी सेन्सिटिविटी, रेग्युलेटरी कम्प्लाएंस रिक्वायरमेन्ट्स की पहचान करने और फिर उन रिसोर्सेस को सिक्योर करने के लिए कंट्रोल्स, एप्लिकेशन्स तथा टेक्निक्स के सेट को अपनाती हैं ।
अन्य शब्दों में, डेटा प्रोटेक्शन, डेटा को प्रोटेक्ट करने की प्रोसेस है और इसमें डेटा तथा टेक्नोलॉजी के कलेक्शन तथा डिसेमिनेशन पब्लिक परसेप्शन तथा प्राइवेसी की एक्सपेक्टेशन और उस डेटा के आसपास के पॉलिटिकल तथा कानून आधार के बीच रिलेशनशिप सम्मिलित है। इसका उद्देश्य इन्डिविजुअल प्राइवेसी राइट्स के बीच बैलेन्स स्थापित करना है, जबिक डेटा को बिजनेस के उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की अनुमति प्राप्त है।
डेटा प्रोटेक्शन प्रोटेक्टिव डिजिटल प्राइवेसी मेजर्स को संदर्भित करता है, जो कम्प्युटर्स, डेटाबेसेस तथा वेबसाइट्स में अनआथोराइज्ड एक्सेस को रोकने के लिए लागू कि जाते हैं। डेटा प्रोटेक्शन डेटा को करप्शन से भी बचाता है। यह प्रोटेक्शन हर आकार तथा प्रकार के आर्गेनाइजेशन्स के लिए IT का एक महत्वपूर्ण पहलु है।
डेटा प्रोटेक्शन की प्रैक्टिस करने के सबसे सामान्य तरीकों में से आथेन्टिकेशन का उपयोग है। आथेन्टिकेशन के साथ युजर्स को किसी सिस्टम या डेटा एक्सेस प्रदान करने से पहले उसकी ऑइडेन्टिटी वेरिफाए करने के लिए एक पासवर्ड, कोड, बायोमेट्रिक डेटा या अन्य प्रकार का डेटा प्रदान करना होगा। डेटा प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजीस के उदाहरणों में बैकअप, डेटा मास्किंग तथा डेटा इरेजर सम्मिलित है। एक प्रमुख डेटा प्रोटेक्शन टेक्नोलॉजी मेजर, इन्क्रिप्शन है, जहाँ डिजिटल डेटा, सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर तथा हार्ड ड्राइव इन्क्रिप्ट किए जाते हैं और इसे अनआथोराइज्ड युजर्स तथा हैकर्स के अनरीडेबल स्टफ । प्रदान किए जाते हैं।