ई-डेमोक्रेसी के प्रसार (Diffusion of E-Democracy)
राष्ट्र की कड़ी नियंत्रण-व्यवस्था ही ई-डेमोक्रेसी को प्रतिविंवित करेगा और तभी यह अपने पूरे प्रसार में यूज होने के लिए समर्थ नहीं हो सकेगा।
इसी तरह ऑस्ट्रिया में इनके एडवांस्ड इन्टरनेट सिस्टम के कम्पोनेन्ट्स चाइना से भिन्न रूप में हैं किन्तु उन्हें राजनीतिक और सामाजिक नॉर्म्स (मानक) प्राप्त नहीं है।
ऑस्ट्रिया में ई-डेमोक्रेसी को नागरिकों के ओपिनियन्स को सुनने के लिए बाध्यकारी बनाया जा सकता है। एक किये गए अध्ययन के आधार पर ऑस्टिया के संसद के चुने गए ऑफिसिअल्स के इस सम्बन्ध में विचार ई-डेमोक्रेसी के व्यापक और दृढ़ता से खिलाफ थे।
वे विश्वास करते थे कि नागरिक ई-डेमोक्रेसी के बारे में अनभिज्ञ थे और उनका अपने विचार या मत अभिव्यक्त करने का एक मात्र तरीका वोट देना है, ओपिनियन और आइडिया शेयर करना इलेक्टेड लोगों का काम है।
यू.एस. की तुलना में उनके अधिकारियों की अपनी भूमिका के सम्बन्ध में विरोधाभाषापूर्ण विचार हैं। यू.एस. के अधिकारियों के यहाँ नागरिकों के ओपिनियन का आदर किया जाता है वे स्पष्टीकरण मांग सकते हैं,
यहाँ ई-डेमोक्रेसी की ताकत नागरिकों की ताकत से ज्यादा नहीं है अर्थात् वे नागरिक ताकत की उपेक्षा नहीं कर सकते, उनके प्रभाव नागरिकों के ओपिनियन्स का हरण नहीं कर सकते। ऑस्ट्रिया में, दूसरी तरफ, इलेक्टेड ऑफिसिअल अपने अधिकारों के थोड़े भी ह्रासमान को सहन नहीं कर सकते, वे राजनीति के बारे में नागरिकों को मतों और विचारों की खुली अभिव्यक्ति की इजाजत नहीं दे सकते।
उनके विचारानुसार यह खुली अनुमति सत्ता में बैठे लोगों को नागरिकों के प्रति असुरक्षित और आलोच्य बनाता है। ऑस्ट्रिया की ई-डेमोक्रेसी के बारे में स्पष्ट निगेटिव ओपिनिअन यह दर्शाता है कि किसी राष्ट्र के लिए ई-डेमोक्रेसी तभी पनप कर उन्नत बन सकता है जब राजनीतिक विचारों में नागरिकों से खुलेपन का विचार अपनाया जाएगा।