इलेक्ट्रॉनिक पर्स और डेबिट कार्ड (Electronic Purse and Debit Card)
अपने बढ़ते हुए लचीलेपन के बावजूद, संबंध आधारित कार्ड (Relationship based cards) क्रेडिट आधारित होती हैं और भुगतान चक्र (billing cycle) के अन्त में इसका निपटारा हो जाता है।
नगद के बदले में एक वित्तीय माध्यम (Financial Instrument) की जरूरत होती है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ, और यहाँ तक कि सरकारी संस्थाएँ इलेक्ट्रॉनिक पर्स का परिचय करने के दौर में हैं जो बटुवे के आकार की स्मार्ट कार्ड होती है।
जिसमें अंत:स्थापित (embedded) माइक्रोचिप लगी होती है जो लोगों के उपयोग के लिए पैसे की रकम को संगृहित करती है ताकि खाने-पीने का सामान खरीदने से लेकर, छायाप्रति कराने से लेकर किराये के भुगतान तक के लिए नगदी की जरूरत न पडे ।
एक इलेक्ट्रॉनिक पर्स निम्न तरीके से काम करता है। पर्स में पैसे डालने के बाद, किसी ATM पर या किसी सस्ते विशेष टेलिफोन के जरिये, इसका प्रयोग आइस्क्रीम तथा मिठाइयों का भुगतान करने के लिए भी किया जा सकता है बशर्ते वेंडिंग (vending) मशीन में कार्ड रीडर लगा हो।
वेंडिंग मशीन को सिर्फ यह पता लगाने की जरूरत होती है कि कार्ड असली है और एक आइसक्रीम का दाम अदा करने लायक पर्याप्त पैसा उसमें उपलब्ध है।
एक सेकण्ड में कार्ड के बैलेंस (balance) से खरीदारी की कीमत घटा ली जाती है और वेंडिंग मशीन के इलेक्ट्रॉनिक कैश बॉक्स में जोड दिया जाता है।
कार्ड में बची हुई राशि को बेंडिंग मशीन के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है या इसे ए.टी.एम. पर या किसी बैलेंस रीडिंग उपकरण से जाँचा जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक पर्स आपके प्रि-पेड मोबाइल की भाँति है जब इसके अंदर की राशि खत्म हो जाय तो आप इसे दोबारा चार्ज कर सकते हैं।
जहाँ तक विक्रेता का प्रश्न है, रसीदों को व्यक्तिगत रूप से या टेलिफोन द्वारा समय-समय पर इकट्ठा किया जा सकता है और बैंक खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है। हालाँकि यह तकनीक एक दशक से उपलब्ध रही है, परन्तु कार्ड से अपेक्षाकृत सस्ती है।
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