माइक्रोवेव संचारण (Microwave Transmission)
100 MHz के ऊपर तरंगें सीधी रेखा में गमन करती हैं और इसलिए संकीर्ण रूप से केन्द्रित की जा सकती हैं।
सारी ऊर्जा को एक पैरा-बॉलिक एन्टिना (सैटेलाइट टीवी डिश की तरह) का इस्तेमाल करके एक छोटी किरण के रूप में केन्द्रित करने से ध्वनि तथा शोर का एक उच्च अनुपात प्राप्त होता है।
लेकिन भेजने वाले और प्राप्त करने वाले एन्टिना को पूरी तरह से एक-दूसरे के साथ पंक्तिबद्ध होना चाहिए। फाइबर ऑप्टिक की खोज से पहले ये माइक्रोवेव लम्बी दूरी के टेलिफोन संचारण सिस्टम का केन्द्र थे।
अपने सरलतम रूप में माइक्रोवेव लिंक एक हॉप (Hop) हो सकता है, जिसमें दो एन्टिना हो सकते हैं जो केवल एक या दो कि.मी. की दूरी पर हों, या एक मजबूत आधार हो सकता है जिसमें कि कई हजार किलोमीटर तक फैले हुए कई हॉप्स हों।
एक सफल हॉप 2 से 8 GHz बैण्ड्स में आवृत्तियों के लिए अपेक्षाकृत समतल क्षेत्रों में 30 से 60 किलोमीटर तक होता है। जब एन्टिना को पहाड़ की चोटियों पर रखा जाता है, तो एक बहुत लंबी हॉप दूरी प्राप्त की जा सकती है। 200 किलोमीटर से ज्यादा की हॉप दूरियाँ भी विद्यमान हैं।
माइक्रोवेव्स के “लाइन-आफ-साइट ” (Line-of-Sight) स्वभाव के केबल सिस्टम की तुलना में कुछ बहुत ज्यादा आकर्षक फायदे हैं। ‘लाइन-ऑफ-साइट’ एक शब्द है, जो माइक्रोवेव मार्गों की व्याख्या करने में अपूर्णरूप से ही सही है।
वातावरणीय परिस्थितियाँ तथा कुछ अन्य प्रभाव माइक्रोवेव प्रसारण को कुछ इस प्रकार प्रभावित करते हैं कि यदि डिजाइनर, बिन्दु A से B (सच्ची लाइन ऑफ साइट) तक देख सकता हो, तो भी उन दो बिन्दुओं पर एन्टिना को रखना और एक सन्तोषजनक संवाद प्रदर्शन प्राप्त करना सम्भव नहीं हो पाता है।
लाइन-ऑफ-साइट की समस्या और कमजोर सिग्नलों के पावर एम्प्लीफिकेशन से निकलने के क्रम में माइक्रोवेव सिस्टम ट्रान्समिटिंग तथा रिसीविंग स्टेशनों के बीच 25-30 किलोमीटर के अन्तराल पर रिपीटर्स का प्रयोग करता है।
पहले रिपीटर को ट्रान्समिटिंग स्टेशन की लाइन ऑफ साइट पर रखा जाता है और अन्तिम रिपीटर को प्राप्त करने वाले स्टेशन की लाइन ऑफ साइट पर रखा जाता है।
दो लगातार रिपीटर्स को भी एक-दूसरे की लाइन ऑफ साइट पर रखा जाता है। डेटा सिग्नल्स इन तीनों स्टेशनों द्वारा प्राप्त विस्तारित और पुनः प्रसारित किए जाते हैं।
माइक्रोवेव सवांद सिस्टम का उद्देश्य बिना किसी हस्तक्षेप के और रिसिवर पर स्पष्ट उत्पादन के साथ एक जगह से दूसरी जगह सूचना को भेजना है। चित्र दिखलाता है कि सरलतम रूप में यह कैसे प्राप्त किया जाता है।