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  • Matplotlib kya hai?

    Matplotlib सबसे लोकप्रिय पायथन पैकेज है, जिसका उपयोग विजुसलाइजेशन के लिए किया जाता है। यह अरेज में डेटा से 2D प्लॉट्स बनाने के लिए एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म लाइब्रेरी है। Matplotlib को पायथन में लिखा गया है और Numpy, पायथन के न्यूमेरिकल मैथेमेटिक्स एक्सटेंशन का उपयोग करना है।

    यह एक आब्जेक्ट ओरिएंटेश API प्रोवाइड करता है, जो पायथन GUI टूलकिट जैसे PyQt, wxpythono tTkinter का उपयोग करके एप्लिकेशन्स को एम्बेड करने में सहायता करता है। इसका उपयोग पायथन और Ipython शेल्स, जुपिटर नोटबुक तथा वेब एप्लिकेशन सर्वर में भी किया जाता है।

    Matplotlib में Pylab नाम का प्रोसीजरल इन्टरफेस है, जिसे MATLAB को रिसेम्बल करने के लिए डिजाइन किया गया है। MATLAB, Mathworks द्वारा बनाई गई एक प्रोप्राइटरी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। Numpy….. गया था। Numpy 1 के साथ Matplotlib को MATLAB के समान ओपन सोर्स माना जा सकता है। Matplotlib को मुल रूप से वर्ष 2003 में जॉन डी. हंटर द्वारा लिखा गया था।

  • Csv Data kya hai?

    डेटा साइंस में CSV (कॉमा सेपरेटेड वैल्युज) से डेटा रीड करना मूलभूत आवश्यकता है। कई बार हमें विभिन्न सोर्सेस से डेटा प्राप्त होता है, जिसे CSV फॉर्मेट में एक्सपोर्ट किया जा सकता है ताकि उनका उपयोग अन्य सिस्टम्स द्वारा किया जा सके। पांडा लाइब्रेरी ऐसी सुविधाएँ प्रदान करती है,

    जिनके उपयोग से हम CSV फाइल को पूरी और कॉलम्स तथा पंक्तियों के केवल सिलेक्टेड ग्रुप्स के लिए पार्ट्स में रीड कर सकते हैं। एक CSV फाइल, सिम्पल टेक्स्ट फाइल से अधिक कुछ नहीं है। हालाँकि, यह डेब्युलर डेटा को स्टोर करने का सबसे कॉमन तथा सिम्पल तरीका है। यह विशेष फॉर्मेट रोज तथा कॉलम्स में विभाजित एक स्पेसिफिक स्ट्रक्चर को फॉलो करके टेबल्स को अरेंज करता है।

    इन रोज तथा कॉलम्स में आपका डेटा सम्मिलित होता है। अगली रो शुरू करने के लिए प्रत्येक रो को टर्मिनेट करती है। इसी प्रकार, कॉमा, जिसे डेलिमीटर भी कहा जाता है, प्रत्येक रो के भीतर कॉलम्स को सेपरेट करता है।

  • Python ki applications kya hai?

    Python ki application

    पायथन की एप्लिकेशन्स-

    पायथन क्रॉस-प्लेटफॉम आपरेटिंग सिस्टम्स को सपोर्ट करता है, जो इसके साथ ही बिल्डिंग एप्लिकेशन्स को और अधिक सुविधाजनक बनाता है। कुछ विश्व स्तर पर पहचान प्राप्त एप्लिकेशन्स, जैसे- यूट्यूब, बिटटोरेन्ट, ड्रॉपबॉक्स आदि अपनी फंक्शनालिटी प्राप्त करने के लिए पायथन का उपयोग करती हैं।

    1. वथ डवलपमेन्ट : पायथन का उपयोग तीव्र गति से वेब एप्लिकेशन्स बनाने के लिए किया जा स है। ऐसा इन एप्लिकेशन्स को बनाने के लिए पायथन द्वारा उपयोग किए जाने वाले फ्रेमर्वक्स के का है। इसमें कॉमन बैक एंड लॉजिक है, जो इन फ्रेमवर्क्स और कई लाइब्रेरीज को बनाने में काम आता ये HTTPS, FTP, SSL आदि जैसे प्रोटोकॉल्स को इन्टिग्रेट करने में सहायता कर सकते हैं और तक कि JSON, XML, ई-मेल आदि की प्रोसेसिंग में भी सहायता कर सकते हैं।

    2. गेम डेवलपमेन्ट पायथन का उपयोग इन्टरेक्टिव गेम्स के डेवलपमेन्ट में भी किया जाता है। Pys 8 जैसी कई लाइब्रेरीज हैं, जो 3D गेम इन्जन हैं और पायथन 3 को सपोर्ट करती हैं। PyGamne फंक्श्नाति प्रदान करने के साथ ही गेम डेवलपमेन्ट के लिए एक लाइब्रेरी भी प्रदान करता है। पायथन का उप करके सिविलाइजेशन IV, डिज्नीज के दूनटाउन आनलाइन, वेगा स्ट्राइक आदि जैसे गेम्स बनाए गए

    3. मशीन लर्निंग और आर्टिफिशल इन्टेलिजेन्स मशीन लर्निंग और आर्टिफिशल इन्टेलिजेन्स व में चर्चा का विषय है, क्योंकि ये भविष्य के लिए आशाजनक करियर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हम कम्प्युटर को स्टोर किए गए डेटा के माध्यम से पिछले एक्सपीरिएंसेस के आधार पर सीखने बनाते हैं, साथ ही एल्गोरिदम्स बनाते हैं जिनके माध्यम से कम्प्युटर स्वयं सीखता है। पायथन प्रोग्र लँग्वेज लाइब्रेरीज के साथ डोमेन्स को सपोर्ट करती है, जो पहले से मौजूद हैं, जैसे- पांडा, स्काई लर्न और Numpy आदि ।

    1. डेटा साइंस और डेटा विजुअलाइजेशन : डेटा पैसा है, यदि आप जानते हैं कि रेलेवेन्ट इन्फॉमें को जैसे एक्सट्रेक्ट किया जाए, तो आपको कैल्क्युलेटेड रिस्क और प्रॉफिट में बढ़ोतरी करने में सह कर सकता है। आप मौजूद डेटा का अध्ययन करते हैं, ऑपरेशन्स परफॉर्म करते हैं और आवा इन्फॉर्मेशन एक्सट्रेक्ट करते हैं। पांडा, Numpy जैसी लाइब्रेरीज इन्फॉर्मेशन एक्सट्रेक्ट करने में आ सहायता करती हैं। आप Matplotlib, Seabor जैसी डेटा लाइब्रेरीज को विजुअलाइज कर सकते जो ग्राफ्स प्लॉट करने में सहायता करते हैं। पायथन आपको डेटा साइंटिस्ट बनने में सहायता कर
    2. डेस्कटॉप GUI : पायथन का उपयोग डेस्कटॉप एप्लिकेशन्स को प्रोग्राम करने के लिए किया जा स है। यह Tkinter लाइब्रेरी प्रदान करता है, जिसका उपयोग युजर इन्टरफेसेस डेवलप करने के लिए जा सकता है। कुछ अन्य उपयोगी टूल किट्स है, जैसे कि wxwidgets, kivy, PyQL जिनका उप कई प्लेटफॉर्म्स पर एप्लिकेशन्स बनाने के लिए किया जा सकता है। कैल्क्युलेटर्स, टू-हू एप्लिकेशन्स बनाने के साथ इसकी शुरूआत की जा सकती है और इस कॉम्प्लिकेटेड एप्लिकेशन्स बना सकते हैं।हैं
    3. वेब स्क्रेपिंग एप्लिकेशन्स : पायथन का उपयोग वेबसाइट्स से डेटा की एक बड़ी मात्रा को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है, जो प्राइज कम्पेरिजन, जॉब लिस्टिंग, रिसर्च तथा डेवलपमेन्ट आदि जैसी रियल-वर्ल्ड प्रोसेसेस में सहायक हो सकते हैं
    4. बिजनेस एप्लिकेशन्स : ई-कॉमर्स, ERP आदि डोमेन्स को कवर करने वाले हमारे सामान्य एप्लिकेसन्स से बिजनेस एप्लिकेशन्स अलग हैं। उन्हें ऐसी एप्लिकेशन्स की आवश्यकता होती है, जो स्केलेबल एक्सटेंसिबल और आसानी से पढ़े जा सकने योग्य हों, पायथन हमें ये सारी सुविधाएँ प्रदान करता है। ऐसी बिजनेस एप्लिकेशन्स डेवलप करने के लिए ट्राईटन जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जा सकता है।
    5. आडियो तथा विडियो एप्लिकेशन्स : पायथन का उपयोग उन एप्लिकेशन्स को डेवलप करने के लिए किया जा सकता है, जो मल्टि-टास्क तथा आउटपुट मीडिया के काम आती हैं। विडियो तथा आडियो एप्लिकेशन्स जैसे TimPlayer, Cplay को पायथन लायब्रेरी का उपयोग करके डेवलप किया गया है। और वे अन्य मीडिया प्लेयर्स की तुलना में बेहतर स्टेबिलिटी और परफॉर्मेन्स प्रदान करते हैं।
    6. CAD एप्लिकेशन्स : कम्प्यूटर एडेड डिजाइनिंग एक बहुत ही कॉम्प्लिकेडेड एप्लिकेशन है, जिसे डेवलप करते समय कुछ बातें ध्यान रखना होती हैं। जब कुछ इस तरह की बात आती है, तो ऑब्जेक्ट्स और उनका रिप्रेजेन्टेशन, फंक्शन्स सिर्फ आइसबर्ग की टिप होती है। पायथन इसे सरल बनाता है। CAD की सबसे प्रसिद्ध एप्लिकेशन Fandango है।
    7. एम्बेडेड एप्लिकेशन्स : पायथन C पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि इसका उपयोग एम्बेडेड एप्लिकेशन्स के लिए एम्बेडेड C सॉफ्टवेयर बनाने के लिए किया जा सकता है। यह हमें छोटी डिवाइसेस पर हायर- लेवल एप्लिकेशन्स परफॉर्म करने में सहायता करता है, जो पायथन को कम्प्युट कर सकता है।
  • Atanasoff Berry Computer kya hai

    1945 में एानांसरोफ (Atancevoff) तथा क्लीफॉर्ट बेरी (Clifford Berry) ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन को विकसित किया जिसका नाम ए प्रो. सी. (ABC) रखा गया।

    ए. बी. सी. (ABC) शब्द एटानासोफ बेरी कम्प्यूटर (Atanasoll. Berry [Computer) का रूप है। ए. बी. सी. (ABC) सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर (Electronic Digital Computers) डिजीटल अवधारणा (concepts) तब भी वहाँ थी जब मशीनें यांत्रिक (mechanical) या विद्युत यांत्रिक (electro- mechanical) होती थीं।

    1935 में, कोनार्ड जयूज (Konard Zuse) जो जर्मन थे, ने पहला डिजीटल कम्प्यूटर द्विआधारी अंकगणित तथा प्रोग्राम नियंत्रण का प्रयोग कर बनाया। इसका नाम जेड प्रथम (Z1) था।

    यह एक यांत्रिक (mechanical) मशीन थी। बाद में उन्होंने एक मशीन ज़ेड द्वितीय (Z2) बनायी जिसमें उन्होंने विद्युत चुम्बकीय रिलेश (electro-magnetic) relays ) का प्रयोग किया।

    1945-46 के दौरान, जॉन विलियम मुचली (John William Mauchly) तथा जे.पी. एकर्ट (J.P. Eckert) ने सl बसे पहले सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर (General Purpose Computer) का विकास पेनसिलवेनिया विश्वविद्यालय (University of Pennsyl- vania) में किया जिसका नाम एनिएक (ENIAC) रखा गया

    जिसका पूर्ण रूप इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिक इन्टीग्रेटर एण्ड कम्प्यूटर (Electronic Numeric Integrator And Computer)

    हमने कम्प्यूटरों तथा सूचना प्रौद्योगिकी (IT) में आये व्यापक बदलावों को देखा। किन्तु आने वाले दिनों में यह हो सकताहै कि हम आज जिसे प्रयोग कर रहे हैं वह कल कम्प्यूटर के विकास अध्याय का अंश बन जाये।

  • Dr. Howard Aiken kon hai Mark – 1 kya hai

    सन् 1940 में विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटिंग (electromechanical computing) शिखर पर पहुँच चुकी थी। आई. बी. एम.(TBM) के चार शीर्ष इंजीनियरों व डॉ. हॉवर्ड आईकेन (Dr. Howard Aiken) (1900- 1973) ने सन् 1944 में एक मशीन को विकसित किया यह विश्व का सबसे पहला विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटर (Electromechanical Computer) था।

    इसका नाम ऑटोमेटिक सीक्वेन्स कन्ट्रोल्ड केल्कुलेटर (Automatic Sequence Controlled Calculator) रखा गया। इसे हावर्ड विश्वविद्यालय को सन् 1944 के फरवरी महीने में भेजा गया

    जो विश्वविद्यालय में 7 अगस्त 1944 को प्राप्त हुआ। इसी विश्वविद्यालय में इसका नाम मार्क | पड़ा

    मार्क – I में 500 मील लम्बाई के तार व 30 लाख विद्युत संयोजन (connections) थे। यह 6 सैकण्ड में एक गुणा (multiplication) और 12 सेकण्ड में एक भाग (division) की क्रिया कर सकता था।

    19 वीं शताब्दी के चौथे दशक के मध्य में इलेक्ट्रॉनिक अवधारणाएँ (concepts) तेजी से बढ़ रही थीं। इनसे कम्प्यूटर भी अछूते नहीं थे।

    आई.बी.एम. मार्क इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी (technology) के आने के साथ ही पुराना हो गया। इस प्रौद्योगिकी में केवल विद्युतीय धारा द्वारा निर्मित संकेत ही आवश्यकताओं को प्रोसेस करते थे

    इस प्रौद्योगिकी पर आधारित डिवाइसेज में किसी movable पुर्जे को आवश्यकता नहीं थी। अतः यह तेज सिद्ध हुआ।

  • Herman hollerith kon hai?

    सन् 1890 में कम्प्यूटर के इतिहास में अमेरिका की जनगणना का कार्य एक महत्वपूर्ण घटना थी।

    सन् 1890 से पूर्व जनगणना का कार्य पारम्परिक तरीकों से किया जाता था। सन् 1880 में शुरू की गई जनगणना में 7 वर्ष लगे थे।

    कम समय में जनगणना के कार्य को सम्पन्न करने के लिए हर्मन होलेरिथ (Herman Hollerith) (1869-1926) ने एक मशीन बनाई जिसमें पंचकाडों (Punch cards) को विद्युत द्वारा संचालित किया गया।

    उस मशीन की सहायता से जनगणना (Census) का कार्य केवल तीन वर्ष में सम्पन्न हो गया। सन् 1896 में होलेरिथ ने पंचकार्ड (Punch card) यंत्र बनाने की एक कम्पनी टेबुलेटिंग मशीन कम्पनी (Tabulating Machine Company/ स्थापित की। सू 1911 में इस कम्पनीका अन्य कम्पनी के साथ वलय (merged) हुआ

    इसका परिवर्तित नाम कम्प्यूटर टेबुलेटिंग रिकॉर्डिंग कम्पनी’ (Computer Tabulating Recording Company) हो गया।

    सन् 1924 में उस कम्पनी का नाम पुनः परिवर्तित होकर ‘इंटरनेशनल बिजनेस मशीन (International Business Machine) हो गया, जो आज कम्प्यूटर निर्माण में विश्व की अग्रणी कम्पनियों में से एक है।

    अब कम्प्यूटर विद्युत पात्रिकी (electromechanical) के युग में आ गये, क्योंकि होलेरिथ की मशीन यांत्रिक थी और विद्युत से संचालित थी।

  • Python ki haniyan kya hai

    पायथन की हानियाँ

    कई लाभों के साथ पायथन की परफॉर्मेन्स तथा सिक्योरिटी क्षेत्रों में कुछ रूकावटें हैं। पायथन का उपयोग करते समय होने वाली हानियों का वर्णन इस प्रकार किया गया है :

    1. कम एक्जिक्युशन स्पीड : पायथन एक इन्टरप्रिटेड लैंग्वेज है, जिसका अर्थ है कि यह इन्टरप्रिटर के साथ कार्य करती है, न कि कम्पाइलर के साथ। परिणामस्वरूप, यह C, C++ जावा तथा अन्य लैंग्वेजेस की तुलना में धीरे एक्जिक्युट होती है।

    2. अधिक मेमोरी कंजम्प्शन : पायथन के स्ट्रक्चर्स अधिक मेमोरी स्पेस की डिमांड करते हैं। यह लैंग्वेज सीमित मेमोरी रेष्ट्रिक्शन्स के अंतर्गत डेवलपमेन्ट के लिए उपयोग किए जाने हेतु उपयुक्त नहीं है।

    3. मोबाइल और गेम डेवलपमेन्ट के लिए उपयुक्त नहीं है : पायथन का उपयोग अधिकतर डेस्कटॉप तथा वेब सर्वर साइड डेवलपमेन्ट में किया जाता है। यह अन्य लैंग्वेजेस की तुलना में अधिक मेमोरी कंजम्पशन और इसकी धीमी प्रोसेसिंग स्पीड के कारण मोबाइल ऐप डेवलपमेन्ट तथा गेम डेवलपमेन्ट के लिए आदर्श नहीं है।

    4. डेवलपर के रेस्ट्रिक्शन्स : एक बार जब डेवलपर को इसकी सरलता तथा सरजता की आदत हो जाती है, तो उसके लिए दूसरी लँग्वेज अपनाना बहुत मुश्किल का काम हो जाता है।

    5. कोइस में एरर डिटेक्शन: जैसा कि पायथन को कम्पाइलर के बजाए इन्टरप्रिटर के माध्यम से एक्जिक्युट किया जाता है, कम्पाइलेशन के दौरान एरर्स तथा बग्स का पता नहीं लगाया जा सकता है, और यह डेवलपर्स के लिए अच्छा नहीं है।

  • Ada Augusta kon hai?

    चार्ल्स बैबेज के एनालिटिकल इंजिन को शुरू में बेकार समझा गया तथा इसकी उपेक्षा की गयी जिसके कारण बैबेज को अपार निराशा हुई।

    परन्तु अप्रत्याशित रूप से (unexpectedly) एडा ऑगस्टा (Ada Augusta ), जो प्रसिद्ध इंग्लिश कवि लॉर्ड वायरन (Lord Byron) की पुत्री थीं, ने बैबेज के उस एनालिटिकल इंजिन में computation instructions विकसित करने में मदद की।

    चार्ल्स बैबेज को जिस प्रकार ‘कम्प्यूटर विज्ञान का जनक’ होने का गौरव प्राप्त है, उसी प्रकार विश्व में एडा ऑगस्टा को पहली प्रोग्रामर होने का श्रेय जाता है। ऑगस्टा को सम्मानित करने के उद्देश्य से एक प्रोग्रामिंग भाषा का नाम एडा (Ada) रखा गया।

  • Python ke Labh

    पायथन के लाभ

    पायथन की कुछ अनूठी विशेषताएँ हैं, जो इसकी प्रोग्रामिंग को आसान बनाती हैं, इसी कारण से डेवलपर्स पायथन में कोड करना चुनते हैं। पायथन कई लाभ प्रदान करता है, जिनका वर्णन इस प्रकार किया गया है :

    1. रीड करने और सीखने में आसान है : पायथन रीड करने और सीखने के लिए बहुत आसान लैंग्वेज है। इसमें अन्य हाई-लेवल लैंग्वेजेस जैसे C या C++ के समान कॉम्प्लेक्स सिन्टेक्स नहीं हैं। कम कॉम्प्लेक्सिटी के साथ पायथन हमें अधिक स्पष्ट रूप से सोचने और लॉजिक बिल्डिंग पर फोकस करने की अनुमति प्रदान करता है।

    2. मैन्टेनेन्स कॉस्ट को कम करता है : इसकी सिम्लिसिटी के कारण पायथन एप्लिकेशन के मेन्टेनेन्स को आसान बनाता है और इस प्रकार, इसमें सम्मिलित कॉस्ट्स को भी कम कर देता है, जो कि एक बहुत बड़ा लाभ है।

    3. सॉफ्टवेयर बग्स के नुकसान से बचाता है: पायथन एप्लिकेशन के भीतर कोड बग का सेग्मेन्टेशन फॉल्ट शुरू नहीं होने देता है। इस कारण इसे पसंदीदा लैंग्वेज माना जाता है।

    4. वाइड एप्लिकेबिलिटी : इस लैंग्वेज का एक अन्य लाभ यह है कि यह व्यापक रूप से एप्लिकेबल है। इंजीनियर्स, साइंटिस्ट्स तथा मैथेमेटिशियन्स इसका व्यापक रूप से उपयोग करते हैं।

    5. मेमोरी मैनेजमेन्ट : पायथन में मेमोरी मैनेजमेन्ट कैपेबिलिटीज के साथ विशाल लाइब्रेरी सम्मिलित है, और यह इसे अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस से अलग स्थान देती है। इसमें एक प्राइवेट हिप सम्मिलित है, जिसमें सभी पायथन ऑब्जेक्ट्स और डेटा स्ट्रक्चर्स हैं। इस प्राइवेट को मेन्टेन करने के लिए बिल्ट-इन मेमोरी मैनेजर जिम्मेदार है।

  • Python ke Advantage kya hai?

    पायथन के गुण

    पायथन धीमा है। हालाँकि इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, जिसका रूकना अब लगभग नामुमकिन है, क्योंकि यह कम कोड के साथ बेहतर प्रोडक्टिविटी प्रदान करती है। इस कारण पायथन सबसे अधिक पसंद की जाने वाली लैंग्वेजेस में से एक है। पायथन में उन विशेषताओं की सूची है, जो हर किसी को इसके साथ कोडिंग करने के लिए आकर्षित करती है। :

    पायथन के गुण-

    1. लिखने में आसान: इन दिनों लैंग्वेजेस में लाइब्रेरीज की बढ़ती संख्या के साथ डेवलपर का अधिकांश समय उन्हें याद करने में चला जाता है। यह पायथन की सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक है क्योंकि पायथन लाइब्रेरीज सिंपल इंग्लिश फ्रेजेस का उपयोग करती हैं। इस प्रकार पायथन में कोड लिखना बेहद आसान है।
    2. समझने में आसान: यह पायथन लैंग्वेज की सबसे शक्तिशाली विशेषता है, जो इसे सभी की पहली पसंद बनाती है। चूँकि इसमें उपयोग किए जाने वाले कीवर्ड्स सिंपल इंग्लिश फ्रेजेस होते है, इसलिए इसे समझना बहुत आसान है।
    3. ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड : पायथन में ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड लैंग्वेज की सभी विशेषताएँ हैं, जैसे- इन्हेरिटेन्स, मेथड ओवरराइडिंग, ऑब्जेक्ट्स आदि। इस प्रकार यह सभी पैराडिग्म्स और इसकी लाइब्रेरीज में करस्पॉडिंग फंक्शन्स को सपोर्ट करती है। यह जावा के विपरीत मल्टिपल इन्हेरिटेन्सेस के साथ इम्प्लिमेन्टेशन को भी सपोर्ट करती है।

    4. रॉबस्ट स्टैंडर्ड लाइब्रेरीज : पायथन की लाइब्रेरीज बहुत विशाल हैं, जिसमें विभिन्न मॉड्यूल्स तथा फंक्शन्स सम्मिलित हैं, जो विभिन्न डेटा टाइप्स जैसे रेग्युलर एक्सप्रेशन्स आदि में कार्य करने वाले विभिन्न ऑपरेशन्स को सपोर्ट करती है।

    5. विभिन्न प्रोग्रामिंग पैराडिग्म्स को सपोर्ट करती है : ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड लैंग्वेज की सभी विशेषताओं के सपोर्ट के साथ, पायथन प्रोसीजर ओरिएंटेड पैराडिग्म को भी सपोर्ट करता है। यह मल्टिपल इन्हेरिटेन्स को भी सपोर्ट करता है। यह अपनी विशाल तथा रॉबस्ट लाइब्रेरीज के कारण संभव है, जिसमें हर एक चीज के लिए फंक्शन सम्मिलित होता है।