पायथन की विशेषताएँ (Features of Python )
पायथन धीमा है। हालाँकि इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, जिसका रूकना अब लगभग नामुमकिन है, क्योंकि यह कम कोड के साथ बेहतर प्रोडक्टिविटी प्रदान करती है। इस कारण पायथन सबसे अधिक पसंद की जाने वाली लैंग्वेजेस में से एक है। पायथन में उन विशेषताओं की सूची है, जो हर किसी को इसके साथ कोडिंग करने के लिए आकर्षित करती है।
- लिखने में आसान: इन दिनों लैग्वेजेस में लाइब्रेरीज की बढ़ती संख्या के साथ डेवलपर का अधिकांश समय उन्हें याद करने में चला जाता है। यह पायथन की सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक है क्योंकि पायथन लाइब्रेरीज सि इंग्लिश फेजेस का उपयोग करती हैं। इस प्रकार पायथन में कोड लिखना बेहद आसान है।
- समझने में आसान: यह पायधन लैंग्वेज को सबसे शक्तिशाली विशेषता है, जो इसे सभी की पहली पसंद बनाती है। चूंकि इसमें उपयोग किए जाने वाले कॉवईस सिपल इंग्लिश फ्रेजेस होते है, इसलिए इसे समझना बहुत आसान है।
- ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड मायवन में ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड लैंग्वेज की सभी विशेषताएँ हैं, जैसे- इन्हेरिटेन्स, मेयर ओवरराइडिंग, ऑब्जेक्ट्स आदि। इस प्रकार यह सभी पैराद्विग्म्स और इसकी लाइब्रेरीज में करस्पॉडिंग फंक्शन्स को सपोर्ट करती है। यह जावा के विपरीत मल्टिपल इन्हेरिटेन्सेस के साथ इम्प्लिमेन्टेशन को भी सपोर्ट करती है।
4. रॉबस्ट स्टैंडर्ड लाइब्रेरीज : पायथन की लाइब्रेरीज बहुत विशाल है, जिसमे विभिन्न मॉड्यूल्स तथा फंक्शन्स सम्मिलित हैं, जो विभिन्न डेटा टाइप्स जैसे रेग्युलर एक्सप्रेशन्स आदि में कार्य करने वाले विभिन्न ऑपरेशन्स को सपोर्ट करती है।
- विभिन्न प्रोग्रामिंग पैराहिग्म्स को सपोर्ट करती है: ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड लैंग्वेज की सभी विशेषताओं के सपोर्ट के साथ, पायथन प्रोसीजर ओरिएंटेड पैराडिग्म को भी सपोर्ट करता है। यह मल्टिपल इन्हेरिटेन्स को भी सपोर्ट करता है। यह अपनी विशाल तथा रॉबस्ट लाइब्रेरीज के कारण संभव है, जिसमें हर एक चीज के लिए फंक्शन सम्मिलित होता है।
- इन्टरेक्टिव मोड के लिए सपोर्ट पायथन के पास इन्टरेक्टिव मोड में काम करने के लिए भी सपोर्ट है, जहां युजर आसानी से कोड और युनिट टेस्ट कर सकता है। यह एरर्स को यथासंभव कम करने में सहायता करता है।
- आटोमेटिक गारबेज कलेक्शन पायथन बेहतर मेमोरी तथा परफॉर्मेन्स मैनेजमेन्ट के आटोमेटिक गारबेजकलेक्शन भी शुरू करता है। इस मेमोरी के कारण इसका अधिकतम उपयोग किया जा सकता है, जो एप्लिकेशन को रॉबस्टबनाता है।
8. डायनेमिकली टाइप्ड तथा टाइप चैकिंग: यह पायथन की एक बड़ी विशेषता है कि युजर को इसका उपयोग करने से पहले वैरिएबल का डेटा टाइप डिक्लेयर करने की आवश्यकता नहीं होती है। एक बार जब वैरिएबल को वैल्यु असाइन कर दी जाती है, इसका डेटा टाइप डिफाइन हो जाता है। इस प्रकार अन्य लैग्वेजेस से अलग पायथन में टाइप चैकिग रन टाइम पर की जाती है।
- डेटाबेसेस : किसी एप्लिकेशन का डेटाबेस उन महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है, जिन्हें उपयोग की जा रही करस्पॉन्डिंग प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस द्वारा भी सपोर्ट किया जाना चाहिए। पायथन उन सभी मेजर डेटाबेसेस को सपोर्ट करता है, जिनका उपयोग किसी एप्लिकेशन जैसे MySQL, ओरेकल आदि में किया जा सकता है। डेटाबेस ऑपरेशन्स के लिए करस्पॉन्डिंग फंक्शन्स पायधन लाइब्रेरीज में पहले से डिफाइन रहते हैं। इनका उपयोग करने के लिए यूजर को कोड्स को इन फाइल्स में सम्मिलित करने की आवश्यकता होती है।
- GUI प्रोग्रामिंग: पायथन एक स्क्रिप्टिंग लैग्वेज होने के नाते कई फिचर्स तथा लाइब्रेरीज को सपोर्ट करता है, जो एप्लिकेशन्स के ग्राफिकल डेवलपमेन्ट की अनुमति प्रदान करता है। विशाल लाइब्रेरीज तथा फंक्शन्स में किसी एप्लिकेशन की परफेक्ट GUI को डेवलप करने के लिए विशेष OS कॉल्स को कॉल करने के लिए करस्पॉन्डिंग सिस्टम) कॉल्स तथा प्रोसीजर्स को डिफाइन किया जाता है। इस तरह के GUI बनाने के लिए पायवन को एक फ्रेमवर्क की भी आवश्यकता होती है। कुछ फ्रेमर्वक्स के उदाहरण Django, Tkinter आदि है।
- एक्सटेन्सिबल : यह विशेषता पायथन कोड में अन्य लैंग्वेजेस के उपयोग को संभव बनाती है। इसका अर्थ यह है कि पायथन कोड को अन्य लैंग्वेजेस में एक्सटेन्ड किया जा सकता है और इस प्रकार इसे और अधिक रॉबस्ट बनाने और इसकी विशेषताओं में बढ़ोतरी करने के लिए इसे आसानी से एक्जिस्टिंग कोड में एम्बेड किया जा सकता है। पायथन कोड को कम्पाइल करने के लिए अन्य लैंग्वेजेस का उपयोग किया जा सकता है।
12. पोर्टेबल एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को तब पोर्टेबल कहा जाता है, जब यह हमें एक बार कोड करने और कहीं भौ रन करने की अनुमति प्रदान करती है। अर्थात् जिस प्लेटफॉर्म पर इसका कोड किया गया है और जहाँ इसे रन किया जा रहा है, दोनों समान हो यह आवश्यक नहीं है। यह विशेषता ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड लैंग्वेजेस रियुजेबिलिटी की सबसे मुल्यवान विशेषताओं में से एक की अनुमति प्रदान करती है। एक डेवलपर को सॉल्युशन को कोड करने और उसके बाइट कोड को जनरेट करने की आवश्यकता होती है और साथ ही उसे एन्वायर्नमेन्ट के बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है, जहाँ भी इसे रन किया जाना है। उदाहरण के लिए, युजर विडोज पर डेवलप किए गए कोड को अन्य किसी आपरेटिंग सिस्टम जैसे लिनक्स, युनिक्स आदि पर रन कर सकता है।।
13. स्कैलेबल: यह लैंग्वेज विभिन्न सिस्टम्स या एप्लिकेशन्स को डेवलप करने में सहायता करती है, जो डायनेमिक रूप से कार्य की बढ़ती मात्रा को हैंडल करने में सक्षम है। इस प्रकार की एप्लिकेशन्स आर्गेनाइजेशन्स के विकास में बहुत सहायता करती हैं क्योंकि वे कई हद तक चेन्जेस को हैंडल करने के लिए पर्याप्त मजबूत होती है।
14. फ्री तथा ओपन सोर्स: यह लैंग्वेज सिखने में बहुत आसान है, यानि यदि आप इसे सही ढंग से सिखते हैं, तो आपको इसे अपनी एप्लिकेशन में उपयोग करने के लिए किसी प्रकार के भुगतान की कोई आवश्यकता नहीं है। सिर्फ इसे इसकी आफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड करने की आवश्यकता होती है, और इसके बाद इसे आसानी से शुरू किया जा सकता है। साथ ही जैसे कि यह ओपन सोर्स हैं, इसके सोर्स कोड को भी पब्लिक बनाया गया है कोई भी इसे आसानी से डाऊनलोड कर सकता है और आवश्यकतानुसार इसका उपयोग कर सकता है. साथ ही अन्य युजर्स के साथ इसे शेयर कर सकता है। इस प्रकार यह हर दिन बेहतर होता जाता है।
15. इन्टिग्रेटेड पाययन को आसानी से अन्य उपलब्ध प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस जैसे कि C. C++, जावा आदि के साथ इन्टिग्रेट किया जा सकता है। यह युजर्स को एक्जिस्टिंग एप्लिकेशन्स की फंक्शनालिटी में बढ़ोतरी करने और इसे और अधिक रॉबस्ट बनाने के लिए इसका उपयोग करने की अनुमति प्रदान करता है।