कम्प्यूटर की मूल संरचना तथा इसके भाग

कम्प्यूटर की मूल संरचना- यदि हम कम्प्यूटर की कार्य-प्रणाली पर ध्यान दें, तो पायक कम्प्यूटर कुछ सूचनाओं को प्राप्त करता है फिर निश्चित निर्देशों का प्रदत्त क्रम में अनुपालन करते हुये सूचना की आवश्यकतानुसार गणना एवं उसका विश्लेषण कर, शुद्ध एवं सत्य परिणाम को प्रस्तुत करता है।

उदाहरण के लिये- हमारे आस-पास कोई आटा चक्की तो होगी ही। यदि हम इसे ध्यान से देखेंगे तो पायेंगे कि आटा चक्की भी तीन भागों में बँटी होती है- पहला भाग, जिसमें गेहूँ डालते हैं, इस चक्की की इनपुट डिवाइसेज है, दूसरा भाग, जिसमें गेहूँ पिसकर आटे के रूप में परिवर्तित होता है, इस चक्की की विश्लेषक इकाई है एवं तीसरा भाग जहाँ से आटा बाहर निकलता है, इसे चक्की की आउटपुट डिवाइसेज कहते हैं।

कम्प्यूटर के भाग- संरचनात्मक दृष्टिकोण से कम्प्यूटर को निम्नलिखित चार भागों में बाँटा जा सकता है- 

(1) सेण्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट 

(2) स्मृति 

(3) इनपुट डिवाइसेज 

(4) आउटपुट डिवाइसेज।

(1) सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट- सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का हिन्दी अनुवाद केन्द्रीय विश्लेषण इकाई है। इसके नाम से ही स्पष्ट है कि कम्प्यूटर का वह भाग, जहाँ पर प्राप्त सूचनाओं की गणना एवं उनका विश्लेषण होता है, सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट अर्थात् केन्द्रीय विश्लेषक इकाई कहलाता है।

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को दो भागों में बाँटा जा सकता है

(i) नियन्त्रक इकाई (ii) अंकगणितीय एवं तार्किक इकाई।

(i) नियन्त्रक इकाई (CU)- नियन्त्रक इकाई का कार्य कम्प्यूटर की इनटप. आउटपुट युक्तियों तथा स्टैण्डर्ड डिवाइज को नियन्त्रण में रखना है। इनपुट यक्तिगर सूचनाओं को प्राप्त करना, इन्हें कम्प्यूटर के समझने योग्य संकेतों में बदलना, इन्हें ALUT भेजना, ALU से विश्लेषण के उपरान्त प्राप्त परिणामों को आऊटपुट युक्ति तक भेजना, समान का उचित प्रयोग करना एवं आऊटपुट युक्तियों को विश्लेषण के उपरान्त प्राप्त परिणाम को प्रस्तुत करने के लिय भेजना, इसका मुख्य कार्य है।

Control unit के कार्य

(A) यह प्रोग्राम के निर्देशों को मैमोरी से उचित डिवाइसेस तक पहुंचाता है ताकि data process हो सके।

(B) यह निर्देशों के execution हेतु आवश्यक timing व control signal generate करता है।

(C) यह computer के अन्य resources जैसे- CPU, memory, input, output device i ont fabular 3/19946 status, timing a control signal प्रदान करता है।

(व) यह data के आदान-प्रदान को नियंत्रित करता है।

(ii) अंकगणितीय एवं तार्किक इकाई (ALU)- कम्प्यूटर के इस भाग में सभी अंकगणितीय गणनायें तथा तार्किक विश्लेषण होते हैं। यह अपने द्वारा संचित सभी निष्कर्षों की स्मृति में भेज देता है।

ALU के कार्य

(A) यह increment, decrement shift, clear operation सम्पन्न करता है।

(B) एक computer कितने व किस प्रकार की गणितीय व logic क्रियाओं को करने में सक्षम है। इनका निर्धारण A.L.U. द्वारा ही होता है।

(C) इसमें सभी process C.U. के निर्देश में एवं binary format में सम्पन्न होती है।

By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

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