एफ.डी.डी.आई. (FDDI)
एफ. डी. डी. आई. (FDDI) का पूर्ण रुप फाइबर डिस्ट्रीब्यूटेड डेटा इंटरफेस (FIBER DISTRIBUTED DATA INTERFACE) है। एफ. डी. डी. आई. लोकल एरिया नेटवर्क में डाटा संप्रेषण के लिए एक मानक प्रदान करता है, जो 200 किमी. (124 मील) की सीमा तक विस्तारित हो सकती है। एफ. डी. डी. आई. प्रोटोकॉल अपने आधार के रूप में टोकेन रिंग प्रोटोकॉल (Token Ring Protocol) का प्रयोग करता है। विशाल भौगोलिक क्षेत्र को कवर करने के अतिरिक्त, एफ. डी. डी. आई. लोकल एरिया नेटवर्क, हज़ारों प्रयोक्ताओं को सपोर्ट कर सकती है। मानक नीचे बिछ सकने वाले (underlying) माध्यम के रूप में यह ऑप्टिकल फाइबर ( हालाँकि यह ताँबे के केबल का भी उपयोग कर सकता है, जिस स्थिति में हम इसे CDDI कहते हैं) का प्रयोग करता है।
एफ. डी. डी. आई. युग्म रूप से जुड़ा हुआ (dual attached) दोनों ओर से घूमते हुए टोकेन रिंग टोपोलॉजी (topology) का प्रयोग करता है। अमेरिकन नेशनल स्टैण्डर्डस इन्स्टीट्यूट (American National Standards Institute) x 3- T9 के उत्पाद के रुप में एफ. डी. डी. आई. (FDDI) अन्य प्रोटोकॉलों का प्रयोग करते हुए लैनस् के फंक्शनल लेअरिंग के ओपन सिस्टम्स इण्टरकनेक्शन (Open Systems Interconnection) अर्थात ओ. एस. आई. (OSI) मॉडल का पालन करती है।
एक एफ. डी. डी. आई. नेटवर्क में दो टोकेन रिंग होते हैं। एक प्रारंभिक रिंग के कार्य करना बंद कर देने की स्थिति में संभावित बैकअप (backup) प्रदान करने के लिए होता है। प्रारंभिक रिंग 100 मेगाबाइट की क्षमता प्रदान करता है। जब किसी नेटवर्क को बैकअप के लिए द्वितीयक या सहायक रिंग की जरूरत नहीं होता है तो यह 200 मेगाबाइट की क्षमता तक जाकर डेटा को वहन कर सकता है। एकल रिंग महत्तम दूरी को विस्तारित कर सकता है। एक दोहरा (dual) रिंग 100 किमी (62 मील) तक विस्तृत हो सकता है। एफ. डी. डी. आई. में मानक 100 मेगाबाइट इथरनेट के मुकाबले अधिक बड़ा महत्तम ढाँचाकृति (Maximum frame size) होता है। फलस्वरुप बेहतर (throughput) देता है।
डिज़ाइनर सामान्यतः दोहरे वृक्ष रिंग (dual ring of trees) के रूप में एफ. डी. डी. आई. रिंगों का निर्माण करते हैं। एक छोटी संख्या के उपकरण (खासतौर से, मूलसंरचनात्मक उपकरण (infrastructural devices) जैसे रुटर्स कंसेन्ट्रेटर्स न कि होस्ट कम्प्यूटर) दोनों रिंगों से जुड़ते हैं इसलिए ड्यूअल अटैच्ड (dual attached) नामक शब्दावली का उपयोग किया जाता है। फिर होस्ट कम्प्यूटर (host computers) एकल रूप से संग्लग्न उपकरण (single attached devices) के रूप में रुटर्स या कंसेन्ट्रेटर्स से जुड़ते हैं। दोहरे रिंग, अपने सबसे विकृत रूप में सामान्य रूप से एकल डिवाइस में बदल कर जाते हैं। विशेष रूप से, एक कम्प्यूटर कक्ष (computer room) में संपूर्ण दोहरा रिंग होता है, हालाँकि कुछ कार्यान्वयनों में मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क के रूप में एफ. डी. डी. आई. को प्रभावी रूप से प्रयुक्त किया है।
एफ. डी. डी. आई. को इस नेटवर्क टोपोलॉजी की ज़रूरत होती है क्योंकि दोहरा रिंग (dual ring) प्रत्येक संबद्ध उपकरण से होकर गुजरता है और उसे इस बात की आवश्यकता होती है कि ऐसा प्रत्येक उपकरण (device) सतत रूप से कार्यशील रहे। यह मानक, दरअसल ऑप्टिकल (bypasses) की अनुमति देता है, किन्तु नेटवर्क अभियंता इसे गैर भरोसेमंद और त्रुटि-कारक समझते हैं।)
ऐसे उपकरण यथा वर्कस्टेशन (workstations) और मिनी कम्प्यूटर जो नेटवर्क प्रबंधक के नियंत्रण में नहीं आ सकते दोहरे रिंग से संबद्धता के लिए उपयुक्त नहीं है। दोहरे रूप से संबद्ध कनेक्शन (dual-attached connection) के विकल्प के रूप
में, एक वर्कस्टेशन एक ही एफ. डी. डी. आई. रिंग में दो अलग-अलग उपकरणों से एक साथ किए गए ड्यूअल होम्ड (dual homed) कनेक्शन के द्वारा समान सीमा तक लचीलापन हासिल कर सकता है। दो में से एक कनेक्शन सक्रिय हो जाता है तथ दूसरा स्वतः बंद या अवरूद्ध हो जाता है। यदि पहला कनेक्शन कार्य करना बंद कर देता है तो बैकअप लिंक बिना समय गँवाए कार्यशील हो जाता है। अपनी गति, लागत और सर्वव्यापकता (ubiquity) के कारण तीव्र इथरनेट (1998 से अब तक) गीगाबाइट इथरनेट ने FDDI को बड़े तौर पर अनावश्यक बना दिया है।
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