फ्रिक्वेंसी रियूज और क्लस्टर
एक सेलुलर नेटवर्क का प्रमुख विशेषता कवरेज तथा क्षमता (capacity) दोनों में वृद्धि करने के लिए फ्रिक्वेंसी रियूज की सामर्थ्य (ability) है।
जैसा कि ऊपर वर्णित है, सन्निकट सेल्स (Adjacent cells) को विभिन्न फ्रिक्वेंसी का उपयोग करना चाहिस; लेकिन दो सेल्स जो पर्याप्त दूरी पर एक ही फ्रिक्वेंसी पर काम कर रहे हैं के साथ कोई समस्या नहीं है।
एलीमेंट्स जो फ्रिक्वेंसी रियूज निर्धारित करते हैं, वे हैं – रियूज दूरी (Distance) तथा रियूज कारक (Factor) । रियूज दूरी, D निम्न रूप में गणना (calculate) की जाती है :
D = R√3N
जहाँ R सेल की त्रिज्या है और N प्रति कलस्टर सेलों की संख्या है। सेल्स (cells) त्रिज्या (radius) में 1 km से 30km के रेंज में भिन्न हो सकते हैं। सेल्स की सीमाओं (Boundaries) को भी सन्निकट सेल्स के बीच ओवरलैप कर सकते हैं और बड़े सेल्स छोटे सेल्स में विभाजित किया जा सकता है।
फ्रिक्वेंसी रियूज फैक्टर वह दर (rate) है, जिस पर एक ही फ्रिक्वेंसी नेटवर्क में प्रयोग किया जा सकता है। यह YK है, जहाँ K सेल्स (cells) की संख्या है, जो एक ही फ्रिक्वेंसी ट्रांसमिशन के लिए उपयोग नहीं कर सकते हैं। फ्रिक्वेंसी रियूज फैक्टर के लिए सामान्य मान (Common Value) 1/3, 1/4/1/7/1/9 और 1/12 (या 3, 4, 7, 9 तथा 12 संकेत पर निर्भर करता है) हैं।
उसी बेस स्टेशन साइट पर N सेक्टर एंटेना के केस में, प्रत्येक अगले दिशा के साथ, बेस स्टेशन साइट N विभिन्न क्षेत्रों (sectors) में सेवा (serve) कर सकते हैं। N सामान्यतः 3 है।
N/K का एक रियूज पैटर्न N सैक्टर एंटेना प्रति साइट की बीच फ्रिक्वेंसी में एक आगे विभाजन को प्रदर्शित करता है। कुछ वर्तमान और ऐतिहासिक रियूज पैटर्न 3/7 (उत्तरी अमेरिकी AMPS), 6/4 (मोटोरोला NAMPS), और 3/4 (जीएसएम) हैं। यदि कुल उपलब्ध बैंडविड्थ B है, तो प्रत्येक सेल (cell) केवल B/K के एक बैंडविड्थ के संगत फ्रिक्वेंसी चैनल के एक नंबर का उपयोग कर सकते हैं और प्रत्येक सेक्टर B/NK के एक बैंडविड्थ का उपयोग कर सकते हैं।
कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस बेस्ड सिस्टम FDMA के रूप में उसी दर का ट्रांसमिशन प्राप्त करने के लिए एक व्यापक (wider) फ्रिक्वेंसी बैंड का उपयोग करें, लेकिन यह 1 की फ्रिक्वेंसी रियूज कारक का उपयोग करने की क्षमता के द्वारा क्षतिपूर्ति (compensated) दिया है, उदाहरण के लिए 1/1 के एक रियूज पैटर्न का उपयोग करके ।
दूसरे शब्दों में, सन्निकट (adjacent) बेस स्टेशन साइट्स उसी फ्रिक्वेंसी का उपयोग करते हैं और अलग-अलग बेस स्टेशन तथा यूजर्स कोड ( codes) के द्वारा अलग किये जा रहे हैं न कि फ्रिक्वेंसी से अलग किये जा रहे हैं।
हालाँकि N1 के रूप में इस उदाहरण में दिखाया गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि CDMA सेल (cell) में मात्र एक क्षेत्र (sector) है, बल्कि संपूर्ण सेल बैंडविड्थ भी व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक क्षेत्र (sector) के लिए उपलब्ध है।
शहर के आकार (size) पर निर्भर करता है कि एक टैक्सी सिस्टम अपने ही शहर में किसी भी फ्रिक्वेंसी को रियूज नहीं कर सके, लेकिन निश्चित रूप से आस-पास के अन्य शहरों में उसी फ्रिक्वेंशी को यूज (use) किया जा सकता है। एक बड़े शहर में, दूसरी ओर, फ्रिक्वेंसी रियूज निश्चित रूप से उपयोग में हो सकता है।
हाल ही में आर्थोगोनल फ्रिक्वेंसी-डिवीजन मल्टीपल एक्सेस आधारित सिस्टम भी जैसे- LTE सिस्टम 1 के एक फ्रिक्वेंसी – रियूज के साथ तैनात (deployed) किया जा रहा है।
चूँकि ऐसी सिस्टम्स संकेत (signal) फ्रिक्वेंसी बैंड के पार में प्रसार नहीं करते, इंटर-सेल रिसोर्स मैनेजमंट अलग-अलग सेल साइटों के बीच रिसोर्स के आवंटन (allocation) के समायोजन के लिए और इंटर-सेल हस्तक्षेप (interference) को सीमित (limit ) करने के लिए महत्वपूर्ण है। इंटर-सेल हस्तक्षेप समन्वय (ICIC) के विभिन्न अर्थ हैं, जो पहले ही मानक (standard) में परिभाषित हैं।
समन्वित (कोऑर्डिनेटेड) शेड्यूलिंग, मल्टी साइट MIMO या मल्टी साइट बीम गठन, इंटर-सेल रेडियो रिसोर्स मैनेजमेंट के लिए अन्य उदाहरण हैं जो भविष्य में मानकीकृत (standardized) हो सकता है।
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