हराशमेन्ट (Harassment contents)
हराशमेन्ट (Harassment) : जबकि कनटेन्टस किसी नन-स्पेसिफिक रूप में आपराधिक हो सकता है, हराशमेन्ट (उत्पीड़न) आबसीनिटिज (अश्लीलता) और किसी स्पेसिफिक इनडिविजुअल्स पर अप्रतिष्ठाजनक कमेन्ट्स जो प्रायः लिंग, जाति, धर्म, राष्ट्रीयता या सेक्सुअल ऑरिएन्टेशन को केन्द्रित करके टिप्पणी की गई हो उत्पीड़न समझा जाता है।
ये सभी बातें इन्टेरेस्टेड पार्टिज की अक्सर चैटिंग रूम के द्वारा, न्यूज ग्रुप्स के द्वारा और हेट ई-मेल के द्वारा भेजकर, उत्पीड़ित की जाती है।
इंगलैण्ड में s43 टेलिकम्युनिकेशन्स एक्ट 1984, s1 मेलिसियस (हानिकारक) कम्युनिकेशन्स Act 1988 से वृहत रूप में, इसे ऑफेन्स (अपराध) माना जाता है।
यदि कोई इनडिसेन्ट (अशोभनीय), ऑफेन्सिव या थ्रेटनिंग पत्र, या इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन्स या अन्य कोई आर्टिकिल किसी व्यक्ति को भेजा करता है।
अब s2 प्रोटेक्शन फ्रॉम हराशमेन्ट Act 1997 हराशमेन्ट जैसे किसी भी कन्डक्ट को क्रिमिनल ऐक्ट की श्रेणी में लाता है और इस तरह का व्यवहार करने वाले व्यक्ति को ऑफेन्डर मानती है।
यह निर्धारित करने के लिए कि कोई मैसेज कनटेन्ट ऑफेन्सिव है या ग्रॉसलि ऑफेन्सिव है, यह पार्टिकुलर परिस्थितियों और सन्दर्भों पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए किसी वाइडर सोसाइटि में, जो एक खुली और मल्टि रेसिअल (जातीय) सोसाइटि है, ऑफेन्सिवनेस की टॉच वस्तुपरक होती है।
सामान्य अर्थ में, निन्दालेख क्रिमनल मैटर की तरह नहीं समझी जाती है, सिवाय उस परिस्थिति में जब यह निन्दालेख सम्बन्धित व्यक्ति को अपमानित होने के लिए इस तरह प्रवोकर (इरिटेट) करे कि वह रिटैलिएटरि (प्रतिशोधात्मक) हिंसा उत्पन्न कर सके।
हर किस्म के अनसॉलिसिटेड (अयाचित) ई-मेल और विज्ञापन भी इन्टरनेट हराशमेन्ट समझे जा सकते हैं, जहाँ कन्टेन्ट्स आफेन्सिव है या इक्सप्लिसिट सेक्सुअल नेचर का है। इन दिनों अनेक राष्ट्रों में ‘स्पैम’ को क्रिमिनेलाइज किया गया है, ऐसे शब्दों के प्रयोग आफेन्सिव माने गए हैं।