ATM kya hai? ए. टी. एम.

ए. टी. एम. (ATM)

ए. टी. एम. ATM से तात्पर्य असहकालिक हस्तांतरण मोड (Asynchronous Transfer Mode) होता है। यह एक सेल रिले नेटवर्क प्रोटोकॉल है जो डेटा ट्रैफिक को परिवर्तनीय आकार के नेटवर्क (कभी-कभी इसे फ्रेम कहा जाता है)

जैसा कि पैकेट स्वीच्ड नेटवर्क (यथा इण्टरनेट प्रोटोकॉल या ईथरनेट) में होता है के बजाय छोटे स्थिर आकार (53 बाइट जिसमें 48 बाईट डेटा तथा 5 बाईट हेडर सूचना) के सेलों में कोडित (encode) करता है। यह संयोजन प्रदत्त प्रौद्योगिकी (Connection oriented technology) होता है जिसमें संयोजन को मूल डेटा के आदान-प्रदान होने से पहले ही दो अंतिम बिन्दुओं (end-point) के मध्य स्थापित किया जाता है।

ए. टी. एम. ATM का उद्देश्य इकहरा तथा एकीकृत नेटवर्किंग मानक प्रदान करना था जो पैकेट ट्रैफिक के लिए कई स्तरों की सेवाओं की गुणवत्ता (multiple levels of quality of service) को सर्पोट करने के साथ-साथ सहकालिक चैनल नेटवर्किंग (synchro- nous channel networking ) (PDH, SDH) और पैकेट आधारित नेटवर्किंग दोनों को सपोर्ट कर सकता था।

ए. टी. एम. ATM ने सर्किट स्विच्ड नेटवर्क (Circuit Switched Networks) और पैकेट स्विच्ड नेटवर्क (Packet Switched Networks) दोनों के बीच के विवाद (conflict) को सुलझाने की कोशिश की और इसके लिए उसने दोनों बिट स्ट्रीम्स तथा पैकेट स्ट्रीम्स को वर्चुअल सर्किट पहचानकर्ता से जुड़े छोटे नियत आकार के सेलों के स्ट्रीम पर मापने और अंकित करने की कोशिश की।

सेलों (Cells) को एक सहकालिक बिट स्ट्रीम में एक सहकालिक टाइम स्लॉट के भीतर माँग के आधार पर (on demand) भेजा जाता है। यहाँ असहकालिक सेलों (cells) को ढ़ोने वाले निम्न स्तर बिट् स्ट्रीम नहीं है, बल्कि सेलों को भेजा जाना असहकालिक (asynchronous) हैं।

अपने मूल अवधारणा में ATM को ब्रॉड बैण्ड इंटिग्रेटेड सर्विसेज डिजीटल नेटवर्क (Broadband Integrated Services Digital Network (B-ISDN)) की सामर्थ्यदायी तकनीक होना था जो वर्तमान में चल रही पी. एस. टी. एन. (PSTN) को प्रतिस्थापित करता।

ए. टी. एम. मानक का पूरा सुईट (suite), क्लासिकल ओ. एस. आई. के सात लेअर नेटवर्किंग मॉडल का लेयर । (भौतिक संयोजन), लेयर 2 (डेटा लिंक लेयर) और लेयर 3 (नेटवर्क) की परिभाषा प्रदान करता है। ATM मानकों की अवध रणा कम्प्यूटर नेटवर्किंग कम्यूनिटि से नहीं दूरसंचार कम्यूनिटि से ली गई थी। इस कारण से, वर्तमान टेलको तकनीक और ए. टी. एम. की परंपराओं के एकीकरण के लिए व्यापक प्रबन्ध किये गए थे।

इसके परिणाम स्वरूप ए. टी. एम. एक उच्च स्तर की जटिल तकनीक प्रदान करता है, जिसकी विशेषताएँ, वैश्विक टेलकों नेटवर्क से लेकर लोकल एरिया कम्प्यूटर नेटवर्क तक के अनुप्रयोगों पर लागू होती हैं। अपने विस्तृत फैलाव के कारण ए. टी. एम. एक तकनीक के रूप में आंशिक रूप से सफल हुई है, किन्तु सामान्यतः इसका उपयोग आई. पी. ट्रैफिक के लिए ट्रांस्पोर्ट के रूप में होता है। लैन पब्लिक नेटवर्क, तथा प्रयोक्ता सेवाओं के लिए एकीकृत तकनीक प्रदान करने का इसका लक्ष्य बड़े रूप में असफल ही रहा है।

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