अप्राकृतिक या कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Atrificial Intelligence)
अप्राकृतिक या कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीनों के कॉग्निटिव अध्ययन से संबंधित है। इसका मुख्य उद्देश्य इन्सानियत बुद्धिमत्ता को कम्प्यूटर में डालना है।
कॉग्निटिव अध्ययन के लिए कम्प्यूटरों का भी भरपूर प्रयोग होता है इन्सानी बुद्धिमत्ता की संरचना को समझने के लिए कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग सिमुलेशन (simulation) का प्रयोग करती है।
मस्तिष्क को छोटे परन्तु स्वतंत्र तत्वों जैसे न्यूरॉन का ऐरे समझा जाए अथवा उच्च श्रेणी की संरचना जैसे संकेत, स्कीमाज, योजनायें तथा नियम यह आज भी विवाद का विषय है।
पहली सोच मस्तिष्क के अध्ययन के लिये कनेक्शनिज्म का उपयोग करती है जबकि दूसरी सांकेतिक कम्प्यूटेशन पर जोर देती है।
इस विषय को देखने का एक तरीका है कि क्या मनुष्य के मस्तिष्क को उचित ढंग से कम्प्यूटर पर सिमुलेट किया जा सकता है बिना न्यूरॉन को सिमुलेट किये जो मनुष्य के मस्तिष्क का निर्माण करते हैं।
ध्यान ही मुख्य जानकारी का चुनाव है। मानव मस्तिष्क ऐसी सैकड़ों कोशिकाओं का केन्द्र है जो कार्यप्रणाली का निर्णय करता है।
कभी-कभी किसी एक विशेष जानकारी पर ही ध्यान केन्द्रित करना कोई हल होता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रयोग सबसे पहले जॉन मैकार्थी ने किया है, इसका अर्थ विज्ञान व इंजीनियरिंग का प्रयोग बुद्धिमान मशीनें बनाने के लिए था।
यह बुद्धिमत्ता अप्रकृतिक, मानव-निर्मित व कृत्रिम है। जब ‘AT शब्द का प्रयोग होता है, कंप्यूटेशनल व सिंथेटिक बुद्धिमत्ता का प्रयोग अधिक सही लगता है।
इन सिस्टम्स को भागों में बांटने के लिए कमजोर व शक्तिशाली AI का प्रयोग किया जाता है। AI विभिन्न क्षेत्रों, जैसे कंप्यूटर विज्ञान, मनोविज्ञान, फिलॉसफी, न्यूरो-विज्ञान, इंजीनियरिंग व व्यावहारिक विज्ञान आदि में प्रयुक्त होती है। इसका प्रयोग कंप्यूटर व अन्य मशीनों द्वारा होता है।
AI के विषय में खोज यह बताती है कि ऑटोमेटिक मशीनों का उत्पादन किस प्रकार हो। उदाहरणार्थ, नियंत्रण, नियोजन, समय-सारणी बनाने, हस्तलिपि, प्रश्नों के उत्तर देने की क्षमता, प्राकृतिक भाषा, भाषण, तथा मुख पहचानना आदि।
AI का अध्ययन भी एक इंजीनियरिंग अनुशासन बन गया है जो जिंदगी से जुड़ी समस्याओं का समाधान देता है। यह कम्प्यूटर शतरंज, विडियो गेम, साफ्टवेयर एप्लिकेशन आदि में भी सहायक है।
AI की सबसे कठिन समस्या इसका विस्तृत स्वरूप है। कई मशीनों का निर्माण हुआ है जो अद्भुत कार्य कर सकती हैं, परन्तु AI के क्षेत्र में कोई ऐसी मशीन नहीं बनी है।