बैकग्राउण्ड (Background) (E-Governance)
भारतवर्ष में ICT तकनीक के अन्तर्गत IT के विस्तृत प्रयोगों और चलन के कारण कम्प्यूटर्स मोबाइल फोन्स, इन्टरनेट और अन्य कम्पोनेन्ट्स का पिछले दो दशकों में काफी विस्तृत रूप में फैलाव हो सका है।
दरअसल भारतवर्ष में इ गवर्नमेन्ट की आवश्यकता का फाइनल आर्टिकुलेशन (प्रयास) सेकेण्ड ऐडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म कमीशन के ग्यारहवें रिपोर्ट जिसका शीर्षक “प्रोमोटिंग ई-गवर्नमेन्ट द स्मार्ट वे फॉरवाड” है, के रूप में प्रस्तुत किया गया।
पाराग्राफ 83 के अनुसार, कनवरजेंस एवं गवनेन्स पर काम कर रहे वर्कग्रुप का टेंथ फाइव इयरप्लान का 2002-07 रिपोर्ट प्लानिंग कमीशन, नवम्बर 2001, SMART गर्वनमेंट को सिम्पल, मोरल, अकाउन्टेबल, रिसपॉन्सिव और ट्रान्सपैरेन्ट गॅवॅन्मेंट की तरह परिभाषित किया गया है।
20 दिसम्बर 2008 को ARC रिपोर्ट GOI (भारत सरकार) को प्रस्तुत किया गया। रिपोर्ट में कई प्रायर इनिसिएटिव्स प्रेरणा के स्रोत के रूप में उद्धृत किये गए हैं, जिसमें सिंगापुर में हुए एक प्रोग्राम का रेफरेंस (सन्दर्भ) भी इन्क्लुड किया गया है।
ARC रिपोर्ट ने ई-गवर्नेन्स की जरूरत को परिभाषित करते हुए स्पष्ट किया है कि सरकार को नागरिकों (G2C) और G2B (बिजनसेस) के और भी करीब लाने हेतु ई-गवर्नेन्स की जरूरत ज्यादा महसूस की गई है, जबकि इन्टर गॅवॅमेंट अजेन्सी कॉपरेशन को फ्रैन्डली, कनवेनिएन्ट, ट्रान्सपरेन्ट और इनएकसपेन्सिव फैशन में प ्रोमोट भी किया जा रहा है। इस रिर्पोट के अनुसार ई-गवर्नेस का लक्ष्य
निम् तरीके से परिभाषित किया गया हैं
1. नागरिकों को बेहतर सर्विस डेलिवरी
2. ट्रान्सपरेंसी और अकाउन्टेबिलिटी उद्घाटित करना
3. नागरिकों को सूचना उपलब्ध कराके शक्ति देना या समर्थ बनाना
4. सरकार के आन्तरिक विभागों को कार्य क्षमता को इम्प्रूव करना
5. व्यवसाय और उद्योग के साथ इन्टरफेस इम्प्रूव करना ।
इस रिपोर्ट ने भारत वर्ष में ऑन गोइंग ई-गॅवॅनमेन्ट के इनिसिएटिव्स के अस्तित्व को उस समय रिकॉगनाइज किया और उनकी संस्तुति भी रिकॅमेण्ड किया है ताकि NeGP के अर्न्तगत कॉर्डिनेटेड इम्प्लिमेन्टेशन के लिए कनसोलिडेट किया जा सके।
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