Cellular Transmission kya hai?

सेलूलर ट्रांसमिशन (Cellular Transmission)

परिचय (Introduction)

एक सेलुलर नेटवर्क पूरे लैंड एरिया में वितरित (Distributed) एक रेडियो नेटवर्क है जो सेल्स (Cells) कहा जाता है,

इसमें से प्रत्येक कम से कम एक फिक्स्ड-लोकेशन ट्रान्सीवर (Fixed-location Transceiver) जो एक सेल साइट (Cell site) या बेस स्टेशन (Base station) के रूप में जाना जाता है, के द्वारा सर्व (Served) किया जाता है।

जब ये सेल्स (Cells) एक साथ शामिल (joined) हो जाते हैं तो एक व्यापक भौगोलिक क्षेत्र में रेडियो कवरेज प्रदान करते हैं। बेस स्टेशनों के माध्यम से, यह अधिक पोर्टेबल ट्रान्सीवर्स (उदाहरण के लिए, मोबाइल फोन, पेजर आदि) को एक-दूसरे के साथ तथा फिक्स्ड ट्रान्सीवर तथा नेटवर्क में कहीं भी टेलीफोन के साथ संवाद करने में सक्षम बनाता है,

यहाँ तक कि अगर कुछ ट्रान्सीवर्स (Transceivers) एक से अधिक सेल के माध्यम से ट्रांसमिशन के समय आगे बढ़ रहे हैं। सेलुलर नेटवर्क वैकल्पिक समाधान के तुलना निम्न लाभ प्रदान करते हैं,

क्षमता में वृद्धि, शक्ति का उपयोग कम करता है, बड़े कवरेज क्षेत्र और अन्य संकेतों (signals) आवृति संचार, माइक्रोवेब संचार, उदाहरण के लिए उच्च दिशात्मक एंटीना के द्वारा लांग-रेंज लाइन -लॉफ-साइट या सार्ट-रेंज संचार, इन्फ्रारेड (IR) कम दूरी संचार, उदाहरण के लिए उपभोक्ता IR उपकरणों से जैसे रिमोट कंट्रोल्स या इन्फ्रारेड डाटा एसोसिएशन (IDA) के माध्यम से हो सकता है।

मोबाइल उपग्रह संचार, जहाँ अन्य वायरलैस कनेक्शन अनुपलब्ध (Unavailable) है, जैसे बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों या दूरदराज के स्थानों में प्रयोग किया जा सकता है।

सैटेलाइट (Satellite) संचार विशेष रूप से परिवहन (Transportation), उड्डयन (Aviation), समुद्री (Maritime) और सैन्य (Military) उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है

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