Computer Network Mein Bridge ke Prakar kya hai?

ब्रिज के प्रकार

(i) ट्रांसपेरेन्ट ब्रिजेस- ये ऐसे ब्रिजेस हैं, जिनमें स्टेशन्स ब्रिज के एक्सिस्टेंस से पूरी तरह अनजान रहते हैं, अर्थात् भले ही ब्रिज को नेटवर्क से जोड़ दिया जाए या हटा दिया जाए, स्टेशन्स का रिकॉन्फिगरेशन अनावश्यक रहता है। ये ब्रिजेस दो प्रोसेसेस अर्थात् ब्रिज फॉरवर्डिंग तथा ब्रिज लर्निंग का उपयोग करते हैं।

(ii) सोर्ट रूटिंग ब्रिजेस– इन ब्रिजेस में, सोर्स स्टेशन द्वारा राउटिंग ऑपरेशन किया जाता है तथा फ्रेम स्पेसिफाए करता है कि किस रूट को फॉलो करना है। रूट एक स्पेशल फ्रेम सेंड करके फ्रेम कहा जाता है, जो डेस्टिनेशन तक सभी पॉसिबल पाथ्स का उपयोग करके सम्पूर्ण नेटवर्क के माध्यम से फैलता है।

By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

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