DBMS के मेजर कम्पोनेन्ट्स या सॉफ्टवेयर मॉड्युल्स इस प्रकार है।
1. क्वेरी प्रोसेसर डेटाबेस युजर डेटाबेस के सात प्रदान की गई डेटा मैनिप्युलेशन लैग्वेज में क्वेरी को फॉम्यूलेट • करके डेटा रिट्राइव करता है। क्वेरी प्रोसेसर का उपयोग आन-लाइन युजर की क्वेरी को इंटरप्रिंट करने के लिए किया है तथा इसके एक्जिक्युशन के लिए डेटा मैनेजर को भेजने के लिए कैपेबल फॉर्म में आपरेशन्स की इफिशिएंट सीरिज में कन्वर्ट किया जाता है। क्वेरी प्रोसेसर डेटाबेस के रिलेवेन्ट पोर्शन के स्ट्रक्चर को ढूंढने के लिए डेटा डिक्शनरी का उपयोग करता है तथा इस इन्फॉर्मेशन का उपयोग क्वेरी को मोडिफाए करने तथा डेटाबेस को एक्सेस करने हेतु आप्टिमल प्लान बनाने के लिए करता है।
2. रन टाइम डेटाबेस मैनेजर: रन टाइम डेटाबेस मैनेजर, DBMS का सेंट्रल सॉफ्टवेयर कम्पोनेन्ट है। यह युजर द्वारा सबमिट किए गए एप्लिकेशन प्रोग्राम्स तथा क्वेरीज के साथ इंटरफेस करता है। यह रनटाइम पर डेटाबेस के एक्सेस को हैंडल करता है। यह प्रत्यक्ष रूप से क्वेरी प्रोसेसर के माध्यम से आने वाली युजर की क्वेरीज में या फिजिकल फाइल सिस्टम के लिए युजर के लॉजिकल व्यू से अप्रत्यक्ष रूप से एप्लिकेशन प्रोग्राम के माध्यम से आपरेशन्स में कन्वर्ट करता है। डेटाबेस मैनेजर, डेटा की कन्सिस्टेन्सी तथा इन्टिग्रिटी को मेन्टेन करने के लिए जिम्मेदार होता है। रन टाइम डेटाबेस मैनेजर को डेटाबेस कंट्रोल सिस्टम भी कहा जाता है। इसके निम्नलिखित कम्पोनेन्ट्स हैं
(1) अथोराइज्ड कंट्रोल: यह मॉड्युल चैक करता है कि युजर के पास रिक्वायर्ड ऑपरेशन को करने के लिए आवश्यक अथोराइजेशन है या नहीं।
(11)कमांड प्रोसेसरः यह कम्पोनेन्ट अथोराइजेशन कंट्रोल मॉड्यूल द्वारा पास की गई क्वेरीज को प्रोसेस करता है।।
(III) इन्टिग्रिटी चैकरः यह कम्पोनेन्ट डेटाबेस को चेन्ज करने वाले रिक्वेस्ट कि गए सभी आपरेशन्स के लिए
आवश्यक इन्टिग्रिटी कन्स्ट्रेन्ट्स को चैक करता है।
(iv) क्वेरी आप्टिमाइजर : यह कम्पोनेन्ट क्वेरी के एक्जिक्युशन के लिए ऑप्टिमल स्ट्रेटेजी को डिटरमाइन करने
हेतु जिम्मेदार है। यह क्वेरी को इवैल्युएट करने के लिए एक इफिशिएंट एक्जिक्युशन प्लान बनाने के लिए कैसे डेटा स्टोर
किया जाता है, इसकी इन्फॉर्मेशन का उपयोग करता है।
(v) ट्रांजेक्शन मैनेजर : ट्रांजेक्शन मैनेजर ट्रांजेक्शन्स से प्राप्त किए जाने वाले आपरेशन्स की आवश्यक प्रोसेसिंग परफॉर्म करता है। यह निम्नलिखित दो बाते सुनिश्चित करता है।
(a) एक उपयुक्त लॉकिंग प्रोटोकॉल के अनुसार टूजिक्शन रिक्वेस्ट तथा रीलिज लॉक्स
(b) ट्रांजेक्शन्स के एक्जिक्युशन के लिए शेड्युल्स (vi) शेड्युलर यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि डेटाबेस पर कॉन्करंट आपरेशन्स एक दूसरे को कॉन्फ्लिक्ट किए बिना कितना आगे बढ़ते हैं। यह उस रिलेटिव आर्डर को कंट्रोल करता है जिसमें ट्रांजेक्शन आपरेशन्स एक्जिक्यूट किए जाते हैं। दो कम्पोनेन्ट्स होते हैं:
(b) बफर मैनेजर : बफर मैनेजर को कैशे मैनेजर भी कहा जाता है। यह मेन मेमोरी तथा सेकंडरी स्टोरेज जैसे
(vii) डेटा मैनेजर : डेटा मैनेजर डेटाबेस में डेटा की एक्युअल हँडलिंग के लिए जिम्मेदार हैं। इस मॉड्युल में (a) रिकवरी मैनेजर : रिकवरी मैनेजर यह सुनिश्चित करता है कि डेटाबेस, फैल्योर्स की प्रेजेन्स में कन्सिस्टेन्ट
डिस्क या टेप के बीच डेटा ट्रांसफर के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
3. DML प्रोसेसर : DML कम्पाइलर का उपयोग करके DDL प्रोसेसर एक एप्लिकेशन प्रोग्राम में एम्बेडेट DML स्टेटमेन्ट को होस्ट लैंग्वेज में स्टैंडर्ड फंक्शन कॉल्स में कन्वर्ट करता है। DML कम्पाइलर होस्ट प्रोग्रामिंग लँग्वेज में लिखें गए DML स्टेटमेन्ट्स को डेटाबेस एक्सेस के लिए आब्जेक्ट कोड में कन्वर्ट कर देता है.
4. DDL प्रोसेसर : DDL कम्पाइलर का उपयोग करके DDL प्रोसेसर DDL स्टेटमेन्ट्स को मेटाडेटा वाली टेबल्स के एक सेट में कन्वर्ट करता है। इन टेबल्स में डेटाबेस से संबंधित मेटाडेटा होता है और यह एक ऐसे रूप में होता है, जिसका उपयोग DBMS के अन्य कम्पोनेन्ट्स द्वारा किया जा सकता है।
5. फिजिकल डेटाबेस : रनटाइम डेटाबेस मैनेजर फिजिकल सिस्टम इम्प्लिमेन्टेशन के एक भाग के रूप में विभिन्न डेटा स्ट्रक्चर्स को इम्प्लिमेन्ट करता है।
(i) डेटा फाइल्स : डेटा फाइल्स डेटाबेस को स्टोर करती हैं। (ii) डेटा डिक्शनरी : डेटा डिक्शनरी डेटाबेस की विशेष स्किमा में डेटाबेस के स्ट्रक्चर के बारे में मेटाडेटा स्टोर करती है।
(iii) इन्डाइसेस : इन्डाइसेस या इंडेक्स फाइल्स उन डेटा आइटम्स को तेजी से एक्सेस प्रदान करती हैं, जो विशेष वैल्यूज रखते हैं।