डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन संयोजन (Digital Subscriber Line Connection)
डिजीटल सब्सक्राइबर लाइन (Digital Subscriber Line) संयोजन आई. एस. डी. एन. संयोजन की तरह ही टेलीफोन नेटवर्क का प्रयोग करता है। परन्तु इसमें अधिक उन्नत डिजीटल संकेत प्रोसेसिंग तथा अल्गोरिद्म (algorithms) का प्रयोग होता है जो टेलीफोन लाइनों के माध्यम से अधिक संकतों (Signals) को संप्रेषित (Comprss) करते हैं।
डी. एस. एल. को किसी क्षेत्र में स्थापित करने से पूर्व इस क्षेत्र के टेलीफोन नेटवर्क के घटकों (Components) में कुछ बदलाव भी करने होते हैं। आई. एस. डी. एन. की ही तरह डी. एस. एल. साथ-साथ डेटा, ध्वनि तथा फैक्स ट्रान्समिशन एक ही लाइन पर प्रदान कर सकता है। डी. एस. एल. प्रोद्योगिकी का प्रयोग ग्राहक तथा टेलीफोन कम्पनी के केन्द्रिय कार्यालय के मध्य अंतिम मील के लिए होता है। वहाँ से डी. एस. एल. यातायात जो इन्टरनेट के लिए निर्दिष्ट होते हैं फोन कम्पनी के नेटवर्क पर, इन्टरनेट एक्सचेंज प्वाइंट (Internet Exchange Point) तथा इन्टरनेट पर गमन करते हैं।
मानकों में सामान्य रूप से बुनियादी डी. एस. एल. गति की दर 128 के. बी. पी. एस. तथा उच्च स्तर सेवा के लिए 8.448 एम. बी. पी. एस. (MBPS) तक होती है। डी. एस. एल. गति से तात्पर्य यातायात के अनुप्रवाह (Down Stream) की गति होती है अर्थात यह इण्टरनेट से आपके कम्प्यूटर की ओर डेटा के प्रवाह की गति को व्यक्त करता है। असीन्क्रोनस डी. एस. एल. (ADSL) का अनुप्रवाह गति इसके धारा-प्रतिकूल गति (Up-Stream Speed) से बहुत अधिक तेज होता है जबकि सीन्क्रोनस डी. एस. एल. में दोनों ही दिशा में गति की दर बराबर होती है। परन्तु एस. डी. एस. एल. मँहगा होता है।
अधिकतर लोगों को डाउनलोड की ही ज्यादातर आवश्यकता होती है जबकि कुछ लोगों का कार्य विशेषकर अपलोडिंग का होता है अतः सभी अपने कार्यों के अनसार ए. डी. एस. एल. तथा एस. डी. एस. एल. का प्रयोग करते हैं
जब आप कोई खास डी. एस. एल. सेवा सब्सक्राइब करते हैं तब भी संचार गति भिन्न-भिन्न हो सकती है। संचार गति को प्रभावित करने वाले कई कारक होते हैं जिसमें दूरी, तार, यंत्र के प्रकार, सेवा प्रदाता क्षमताएँ इत्यादि शामिल हैं। यह भी यहाँ उल्लेखनीय है कि विभिन्न प्रकार के प्रदाता डी. एस. एल. शब्दावली का प्रयोग अलग-अलग तरह से कर सकते हैं तथा डी. एस. एल. सेवाओं को देने में अलग व्यवहार के मानक (Usage Standards) को लागू कर सकते हैं। ये विविधताएँ (variations) प्रायः ग्राहकों में भ्रम पैदा करते हैं फलस्वरूप कुछ बाजारों में डी. एस. एल. की स्वीकृति में देरी हो रही है।
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