ई-कॉमर्स के नुकसान (Disadvantages of E-Commerce)
ई-कॉमर्स के नकारात्मक पहलू पर चर्चा अपेक्षाकृत कठिन है। क्योंकि यदि इसके नकारात्मक पहलू प्रबल होते तो शायद ही आज इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स का स्वरूप यह होता । फिर भी इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के कुछ प्रत्यक्ष नकारात्मक पहलू दिखते हैं जो इस प्रकार हैं-
• खरीदार तथा विक्रेता एक दूसरे को नहीं देखते जब खरीदार किसी विक्रेता से कोई सामान खरीदता है तो वे दोनों पक्ष एक-दूसरे को नहीं देख पाते। अतः विक्रेता खरीदार की कोई सहायता नहीं कर पाता ।
न ही विक्रेता खरीदार के उत्पाद संबंधी शिकायतों को तत्काल सुन पाता है। इस प्रकार बिक्री अप्रत्यक्ष (passive) बन जाता है।
यह विक्रेता के एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त की अवहेलना करता है। यदि किसी उत्पाद को लेकर मानवीय संवाद की जरूरत पड़े तो यहाँ ई-कॉमर्स से यह सम्भव नहीं हो पाता।
• आर्थिक तथा सामाजिक समस्या इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के लिए पूरी आबादी कभी भी इस प्रकार की तकनीकी 1 कौशल विकसित नहीं कर पाएगी। न ही सब के पास ई-कॉमर्स के लिए संसाधन प्राप्त होंगे। इस तरह के व्यापार में चूँकि कम मानव शक्ति की आवश्यकता होती है अतः इससे बेरोजगारी भी बढ़ेगी।
• ग्राहकों की रूचि को समझने में असफल – कोई भी उत्पाद जिसको कितनी भी सुरूचिपूर्ण ढंग से क्यों न ही प्रस्तुत किया हो असफल हो जाता है क्योंकि उत्पादक और रिटेलर, ग्राहक की आदतों, अपेक्षाओं तथ प्रयोजन से अनभिज्ञ रहते हैं।
• प्रतिस्पर्धा की स्थिति को समझने में चूक हो जाना – किसी के अंदर एक अच्छा पुस्तक ई-टेलिंग व्यापार मॉडल बनाने की इच्छाशक्ति होती है, परन्तु प्रतिस्पर्धा को कैसे निबटा जाय इसकी कमी हो सकती है।
• एन्वाएरमेंटल रीएक्शन की भविष्यवाणी करने में अक्षम प्रतिस्पर्धी क्या करेंगे ? क्या वह प्रतियोगी ब्रान्ड या प्रतियोगी वेबसाइट (competitive websites) आरम्भ करेंगे ? क्या वे अपनी सेवाओं को सप्लीमेंट (supplement) करेंगे ? क्या वे किसी प्रतिस्पर्धी की साइट को बर्बाद (sabotage) करेंगे ? क्या मूल्य की युद्ध (price war) छिड़ जायेगी ? सरकार क्या करेगी ? इन सारे प्रश्नों का उत्तर सही-सही पाने में इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी असमर्थ होते हैं।
• संसाधन क्षमता को अधिक आँकना क्या स्टाफ, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर तथा प्रक्रियाऐं (processes) प्रस्तावित – रणनीति को नियंत्रित कर सकते हैं ? क्या ई-टेलर्स (e-tailors) कर्मचारी तथा प्रबंधन कौशल को विकसित करने में असफल हुए हैं ? ये मुद्दे संसाधन नियोजन (resource planning) तथा कर्मचारी प्रशिक्षक (employee training) के लिए आवश्यक हो सकते हैं।
• समन्वय बनाने में असफल (Failure to coordinate) – यदि उपस्थित रिपोर्टिंग और कन्ट्रोल रिलेशनशिप पर्याप्त नहीं है इस स्थिति में एक फ्लैट, एकाउन्टेबल और लचीले संगठनात्मक संरचना की ओर अग्रसर हो सकते हैं जो कोआर्डिनेशन में संभवतः सहायता दे सकता है अथवा नहीं दे सकता है ।
• वरिष्ठ मैनेजमेंट से वचनबद्धता लेने में असफलता इसके फलस्वरूप किसी कार्य को पूरा करने में पर्याप्त कारपोरेट – संसाधनों के जुटाने में असफलता प्राप्त होना होता है। इससे उच्चतर मैनेजमेंट को प्रारम्भ से से ही काम में लगाने में सहायता मिल सकती है।
• कर्मचारी वचनबद्धता लेने में असफलता • यदि योजना बनाने वाले कर्मचारियों को अपनी रणनीति अच्छी तरह न – समझा सके या कर्मचारियों को पूरी छवि स्पष्ट न कर सके तब प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन देकर कर्मचारियों को रणनीति की ओर उन्मुख किया जा सकता है।
● आवश्यक समय कम आँकना किसी भी ई-कामर्स जैसे जोखिम भरे काम को करने में काफी समय और पैसा लगता है अतः समय तथा कार्य के वरीयता को समझने में विफलता (Sequencing of tasks) लागत में महत्वपूर्ण उलटफेर कर सकती है।
बुनियादी परियोजना नियोजन (basic project planning), विवेचनात्मक पाथ (critical path), विवेचनात्मक चेन (critical chain) अथवा पी.ई.आर.टी. (PERT) विश्लेषण (analysis) असफलताओं को कम कर सकती हैं। मार्केट शेयर को पाने के लिये लाभांश को प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।
• संगठित अपराध का शिकार बनना – अनेक सिन्डीकेट (syndicates) हैं, जिनको यह मालूम है कि इंटरनेट, राजस्व का बड़ा स्रोत हो सकता है। ये व्यवसाय संघ दो मुख्य तरीके अपनाते हैं
(1) आइडेन्टिटी थैफ्ट तकनीक (identity theft technique) जैसे फिशिंग (phishing) जिसमें मूल्यवान वस्तुओं के खरीदने का आर्डर देकर बिल किसी निरीह व्यक्ति के नाम भेजने का आदेश देकर जल्दी से मूल्यवान वस्तु बेचकर रोकड़ा इकट्ठा कर लेना तथा
(2) दूसरा तरीका है काम्प्रोमाइज्ड जूम्बी कम्प्यूटर (compromised “Zombie” computers) का इस्तेमाल कर एक नेटवर्क के द्वारा शिकार वैबसाइट (website) को इस तरह एन्गेज रखना कि वह अपना व्यवसाय न कर सके। तब तक जब तक कि प्रोटेक्शन मनी (protection money) अदा करना न शुरू कर दे।
• अनापेक्षित की अपेक्षा में असफलता (Failure to expect the unexpected) – बहुधा ऐसा होता है कि नये व्यापार समय, पैसा और संसाधन की आवश्यकताओं का सही अंदाज नहीं लगा पाते जो किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगती है और इसी कारण किसी एक की कमी के कारण वे सफल व्यापार नहीं कर पाते।
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