ड्रग ट्रैफिकिंग (Drug Trafficking) : ड्रग ट्रैफिकिंग (अवैध व्यापारी) इंटरनेट का फायदा उठाते हुए अवैध पदार्थों को बेचने के लिए निरन्तर बढ़ रहे हैं। इसके लिए वे इन्क्रिप्टेड ई-मेल और अन्य तरह के इनटरनेट तकनीक का सहारा ले रहे हैं।
कुछ ड्रग ट्रैफिकर्स इंटरनेट कैफेज में ही ‘डील’ अरेंज करते हैं और अवैध पैकेजेज ऑफ पिल्स को ट्रैक करने के लिए कूरिअर वेब साइट्स यूज करते हैं और रेसट्रिक्टेड ऐक्सेस चैट रूम्स में कूट नुस्खों का प्रयोग करके व्यापारिक लेन-देन सम्पन्न कर लेते हैं।
इंटरनेट का कौशल सीखने में आसान, फास्ट पेस्ड कैरेक्ट, ग्लोवल इमपैक्ट और नितान्त विश्वसनीय प्राइवेसी की विशेषताएँ अवैध दवाओं के विपणन की सुविधा प्रदान करता है।
ड्रग ट्रैफिर्क्स द्वारा नकद अर्जित किये जाने वाले मनी लॉड्रिग (काले धन) को डिटैक्ट कर पाना बहुत कठिन है, क्योंकि विक्रेता इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स और इन्टरनेट बैंकिंग सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं।
साथ ही ट्रैफिकर्स ऑन लाइन पैकेज ट्रैकिंग सर्विसेस जिसे कुरिअर कम्पनियाँ प्रोवाइड करती हैं और उनके शिपमेंट (लदान) के प्रोग्रेस पर निगरानी के साथ-साथ पट्टी लगा देते हैं ताकि किसी को कुछ पता न चल सके, अगर कभी किसी प्रकार का लेन-देन ( डील में) नाजायज विलम्ब होता है तो अधिकारियों को प्रक्रिया के बीच रास्ते में ही इसे रोक रखा जाता है, बावजूद इसके निर्धारित समय को कवर कराने की कोशिशें की जाती हैं।
लॉ (कानून) इनफोर्समेंट भी बहुत ज्यादा त्रुटिपूर्ण होते हैं, क्योंकि अवैध ड्रग डील्स तत्काल और छोटी दूरियों के लिए अरेंज किये जाते हैं, साथ ही अधिकारियों की मिली भगत से मौकों पर बीच में ही रोक दिये जाते हैं, अतः ये सभी बातें ड्रग ट्रैफिकिंग के सम्बन्ध में खोज पाना और रोक लगा पाना बहुत डिफिकल्ट है।
इंटरनेट ड्रग ट्रेड्स का फलना-फूलना फेस-टू-फेस कम्युनिकेशन के अभाव के कारण भी सम्पन्न होता है। ये वर्चुअल (वास्तविक) आदान-प्रदान ज्यादा से ज्यादा अभित्रासित यानि डराये धमकाये ग्राहकों या व्यक्तियों को अवैध ड्रगों को खरीदने में ज्यादा आरामदायक परिस्थिति प्रदान करते हैं।
ड्रग ट्रेडो के साथ अक्सर जुड़े हुए स्केचि (स्थूल) फैक्ट्स इतने अपूर्ण होते हैं कि ऐसे ड्रेग ट्रेडो को गंभीर रूप से मिनिमाइज करना मुश्किल होता है और फिल्टरिंग प्रॉसेस जो फिजिकल इन्टर ऐक्शन से सम्पन्न होता है, बेरोकटोक चलता रहता है।
ड्रग-ट्रैफिकिंग की रोकथाम क्षीण पड़ जाती है। इसके भी अतिरिक्त, ट्रैडिशनल ड्रग रेसिपी (नुस्खे) सावधानीपूर्ण तरीके से गुप्त रखे जाते हैं, किन्तु आजकल के कम्प्यूटर तकनीक के द्वारा सूचनाएँ किसी को भी जिसकी कम्प्यूटर तक पहुँच है, उपलब्ध करायी जा रही है।