E-Commerce Business kaise karen?

E-Commerce Business

ई-कॉमर्स के लिए पर्याप्त मार्केट रिसर्च और विश्लेषण (market research and analysis) होना चाहिये।

ई-कामर्स अच्छे व्यापार की योजना और आपूर्ति एवं आवश्यकता के मूल सिद्धान्तों (fundamental laws of supply and demand) से परे नहीं है। व्यापार में असफल होना अन्य व्यापार की तरह ही ई-कॉमर्स का भी एक सत्य है।

• ई-कॉमर्स के लिए एक अच्छी मैनेजमेंट टीम आवश्यक है जिसके पास इन्फारमेशन टेक्नालाजी की रणनीति हो । कम्पनी की इन्फारमेशन टेक्नालाजी रणनीति, व्यापार की रीडिइजाइन (re-design) प्रोसेस का एक भाग होना चाहिए

• ग्राहकों को एक सुरक्षित और सरल तरीका प्रदान करना जिससे वे अपना ट्रांजेक्शन कर सके। क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट पर भुगतान करने का लोकप्रिय साधन है तथा 90 प्रतिशत ट्रांजेक्शन में यही साधन इस्तेमाल होता है।

पूर्व में कार्ड संख्याओं को सुरक्षित ढंग से ग्राहक तथा व्यापारी के मध्य स्वतंत्र भुगतान गेटवेज़ (gateways) के माध्यम से स्थानान्तरित किया जाता था।

आज भी इस तरह के स्वतंत्र गेटवे (gateway) का इस्तेमाल छोटे और गृह व्यापार कर रहे हैं। अधिकतर व्यापारी आज साइट पर क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन उन व्यापारी बैंकों या क्रेडिट कार्ड कम्पनियों के साथ करते हैं जिनके साथ उन्होंने अनुबंध कर लिया हो।

● सुरक्षा तथा विश्वसनीयता उपलब्ध करवाना। समानान्तर सर्वर (parallel server), हार्डवेयर रिडन्डैन्सी (hardware redundancy), फेल सेफ टेक्नालॉजी (fail-safe technology), इन्फारमेशन एनक्रिप्शन (information encryption), तथा फायरवाल (firewall) उपरोक्त आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।

• ग्राहक संबंधों की संपूर्ण जानकारी प्रदान करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कर्मचारी, सप्लायर्स तथा साझेदार (Partners) ग्राहक का संपूर्ण तथा समान जानकारी प्राप्त कर सके। • व्यापार की दृष्टि से मजबूत व्यापार माडल की संरचना

• एक ऐसे जागरूक, सजग संगठन की स्थापना करना जो आर्थिक, सामाजिक तथा भौतिक वातावरण के किसी भी परिवर्तन की दशा में शीघ्र प्रतिक्रिया दे।

•एक आकर्षक वेबसाइट उपलब्ध करवाना। इस संबंध में सुरूचिपूर्ण रंगों, ग्राफिक्स, एनीमेशन, फोटो, फॉन्ट तथा खाली जगहों का सही-सही तालमेल आवश्यक है।

• दिये जा रहे उत्पाद या सेवाओं की पूरी समझ प्रदान करना जिसमें न केवल उत्पाद संबंधी जानकारी हो परन्तु अच्छे सलाहकार तथा चयनकर्ता से संबंधित जानकारी का होना आवश्यक है

स्वाभाविक रूप से, ई-कॉमर्स (vendor) को इस प्रकार के नित्य (mundane) कार्यो को सम्पन्न करने के लिए उत्पाद इसकी उपलब्धता के बारे में सच्चा होना चाहिए, माल भेजने की प्रक्रिया विश्वसनीय होनी चाहिए, शिकायतों से तेजी के साथ और प्रभावी ढंग से निपटना चाहिए।

इंटरनेट वातावरण की यह खूबी है कि ग्राहक उत्पाद और उत्पाद करने वाली कम्पनी के बारे में अधिक जानकारी/सूचना एकत्र करने के अन्य साधनों से भी परिचित होता है जो भौतिक दुनिया में संभव नहीं है।

एक सफल ई-कामर्स संगठन को चाहिये कि वह ग्राहक को एक आनंददायक और संतोषजनक अनुभव दें। इसको संभव बनाने में अनेक कारक (factors) हैं जिनमें सम्मिलित हैं।

(i) ग्राहक को प्राथमिकता देना

(ii) सेवा और निष्पादन (service and performance) उपलब्ध करना ग्राहक को एक अच्छा खरीदारी का अनुभव – देना ठीक वैसा ही जब वह स्वयं किसी दुकान में जाकर खरीदारी कर के प्राप्त करता है।

(iii) ग्राहक को खरीदारी का इन्सैनटिव (incentive) देना विक्रय प्रमोशन (sale promotion) के इस उद्देश्य की प्राप्ति कूपन, स्पेशल आफर (special offer) तथा छूट (discount) से हो सकते हैं।

(iv) स्वयं ध्यान (personal attention) देना इसके लिए पर्सनलाइज्ड वेबसाइट (personalised web sites), खरीदारी सुझाव और पर्सनालाइन्ड विशेष ऑफर उपयोगी साबित हो सकते हैं। किसी विक्रय केन्द्र पर आमने सामने किये

गये खरीदारी के पारम्परिक तरीके का बदल बन सकते हैं।

(v) एक समुदाय की भावना देना चैटरूम (chatroom), डिस्कशन बोर्ड (discussion board), कस्टमर इनपुट (customer input) और लायलटी प्रोग्राम (loyalty program) जिन्हें कभी-कभी एफीनिटी प्रोग्राम (affinity program) भी कहते हैं, इस दिशा में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।

(vi) ग्राहक को स्वयं सहायता (self help) देने के लिये एक ऐसी साइट देना जो ग्राहक सरलता से बिना सहायता के इस्तेमाल कर सके। यह तभी संभव है जब उत्पाद की समस्त जानकारी उपलब्ध हो, क्रॉस-सेल सूचना (cross sell information), उत्पाद के विकल्प पर सलाह तथा सप्लाइज एवं एक्सेसरी चयनकर्त्ता (supplies and accessory selectors) भी उपलब्ध हो।

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