(FAT) का पूरा नाम File Allocation Table है, इसका प्रयोग कम्प्यूटर में हार्ड डिस्क में फाइल को भण्डारण (store) करने एवं भण्डारण किये गये डाटा फाइलों को प्राप्त करने में किया जाता है. FAT वास्तव में हार्ड डिस्क को बाइट्स के गुच्छों में बाट देता है। और फिर उनमें Bit By Bit फाइलों को store करता है। इसे क्लस्टर (cluster) कहते हैं। फाइल के store होने के समय जो पहला क्लस्टर प्रयोग किया जाता है वह Root Directory से लिया जाता है.
और यदि फाइल का आकार क्लस्टर से ज्यादा हो तो भण्डारण अगले क्लस्टर की ओर बढ़ा दिया जाता है, किन्तु पिछले वाले क्लस्टर में आगे वाले क्लस्टर का पता होता है, जिससे उसे पहचाना जाता है। FAT ही इन क्लस्टर को जोड़कर एक फाइल का निर्माण करता है.
यदि FAT में Entry Zero है तो क्लस्टर free है, और इसके अलावा यदि अन्य कोई अंक है तो इसका तात्पर्य है कि वह अभी प्रयोग में है। Windows 98 से पूर्व FAT 16 प्रणाली का प्रयोग किया जाता था किन्तु अब FAT 32 प्रणाली का प्रयोग किया जाता है.
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