वीआर के प्रभाव (Impact of VR)
नई टैक्नालाजी जैसे वर्चुअल रियलिटी के सामाजिक प्रभावों में दिलचस्पी बढ़ने लगी है।
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माइचिलो एस क्लाइन (Mychilo S. Cline) ने अपनी पुस्तक पावर, मैडनेस एण्ड इममारटैलिटी: दी फ्यूचर आफ वर्चुअल रियलिटी (Power, Madness and Immortality : The Future of Virtual Reality) में यह तर्क रखा है कि वीआर मानव-जीवन में अनेक परिवर्तन लायेगी । उसका तर्क है कि :
वीआर मनुष्य की दिनचर्या और गतिविधियों में घुलकर अनेक तरीकों से काम में आयेगी।
मानव-व्यवहार इन्टरपर्सनल कम्यूनिकेशन (interpersonal communication) तथा कॉग्निशन अर्थात् वर्चुअल जैनेटिक्स (Virtual genetics) को प्रभावित करने के लिये यह तकनीक विकसित होगी।
जैसे-जैसे हम वर्चुअल स्पेस में अधिक समय बितायेंगे वैसे-वैसे हम धीरे-धीरे “वर्चुअल स्पेस में माइग्रेट (migrate) ” हो जायेंगे जिसके फलस्वरूप आर्थिक, विश्व दृष्टि (world view) तथा संस्कृति में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन होंगे।
जैसे-जैसे हम सामाजिक तथा राजनीतिक विकास के एक चरण से अगले चरण की ओर चलेंगे। वर्चुअल एनवायरमेंट के डिजाइन को वर्चुअल स्पेस में मूलभूत मानव अधिकारों के विस्तार में, मानव-स्वतंत्रता के प्रचार-प्रसार में तथा सामाजिक स्थिरता में इस्तेमाल कर सकते हैं।