लाइसेन्सिंग (Licensing) kya hai?लाभ तथा नुकसान

लाइसेन्सिंग (Licensing)लाभ तथा नुकसान (Benefits and Limitations)

लाइसेन्सिंग को एक बिजनेस अरेन्जमेन्ट के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसमें एक कम्पनी किसी अन्य कम्पनी को अपने इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स यानि मैन्युफेक्चरिंग प्रोसेस, ब्रांड नेम, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, पेटेन्ट, टेक्नोलॉजी, ट्रेड सिक्रेट आदि के लिए अस्थायी रूप से पर्याप्त विचार के लिए लाइसेन्स जारी करके दिशानिर्देशों के साथ ऑथोराइज करती है।

वह फर्म जो किसी अन्य फर्म को अपनी इन्टेन्जिबल असेट्स का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करती है, वह ‘लाइसेन्सर है और जिस फर्म को लाइसेन्स जारी किया जाता है, वह लाइसेन्सी है। इन्टेलेक्चुअल प्रापर्टी राइट्स के उपयोग के लिए लाइसेन्सर द्वारा लाइसेन्सी से फीस या रॉयल्टी ली जाती है। –

उदाहरण के लिए, लाइसेन्सिंग सिस्टम के तहत, कोका-कोला तथा पेप्सी का विश्व स्तर पर प्रोडक्शन तथा बिक्री विभिन्न देशों में लोकल बॉटलर्स द्वारा की जाती है।

संक्षिप्त में, यह बिजनेस अलायन्स का सबसे सरल रूप है, जिसमें एक कम्पनी मार्केट में एंटर करने के बदले अपने प्रोडक्ट बेस्ट नॉलेज को किराए पर देती है।

लाइसेन्सिंग क्यों? (Why Licensing)

विदेशी कम्पनी एक निर्दिष्ट अवधि के लिए डामेस्टिक कन्ट्री पर आधारित अन्य कम्पनी के साथ लाइसेन्सिंग एग्रीमेन्ट करती है। लाइसेन्सिंग एग्रीमेन्ट में एंटर करने के लिए दो प्राथमिक कारण है:

• एक ब्रांड फ्रेंचाइसी का इन्टरनेशनल एक्सपानशन

• नई टेक्नोलॉजी के कमर्शियलाइजेशन की आवश्यकता

सामान्य तौर पर, एक फर्म अपने प्रोडक्ट्स के लाइसेन्स के लिए विकल्प चुनती है, जब यह फर्म मानती है कि प्रोडक्ट की स्वीकृति अधिक है। यह लाइसेन्सी को मार्केट में कॉम्पिरिटर्स द्वारा पेश किए गए प्रोडक्ट्स से अन्य प्रोडक्ट्स को अलग करने में सहायता करता है। इसके साथ ही, यह लाइसेन्सिंग कम्पनी को कम कीमत पर नए कस्टमर्स तक पहुँचने में भी सहायता करता है।

लाभ तथा नुकसान (Benefits and Limitations)

लाइसेन्सिंग में, लाइसेन्सर को कम जोखिम पर इन्टरनेशनल मार्केट में एंटर होने का लाभ प्राप्त होता है। हालाँकि, प्रोडक्ट के प्रोडक्शन, डिस्ट्रिब्युशन तथा बिक्री के मामले में लाइसेन्सी पर बहुत कम या कोई कंट्रोल नहीं होता है। इसके साथ यदि लाइसेन्सी को सफलता मिलती है, तो फर्म अपना लाभ देती है, और जब भी लाइसेन्सिंग एग्रीमेन्ट प्राप्त हो जाता है, तो फर्म को पता चल सकता है कि उसने एक कॉम्पिटिटर को जन्म दिया है।

रोकथाम के उपाय के रूप में, लाइसेन्सर द्वारा ही सप्लाए किए गए कुछ प्रॉप्राइटरी प्रोडक्ट कम्पोनेन्ट्स हैं। हालाँकि इनोवेशन को एप्रोप्रिएट स्ट्रेटेजी के रूप में माना जाता है, ताकि लाइसेन्सी को लाइसेन्सर पर निर्भर रहना पड़े ।

दूसरी ओर, लाइसेन्सी प्रोडक्शन या एक प्रसिद्ध ब्रांड के नाम से विशेषज्ञता प्राप्त करता है। वह उम्मीद करता है। कि अरेन्जमेन्ट समग्र बिक्री में वृद्धि करेगा, जो नए मार्केट के द्वार खोल सकता है और बिजनेस आब्जेक्टिव्स को प्राप्त करने में सहायता कर सकता है। हालाँकि इसे ऑपरेशन्स की शुरूआत करने के लिए काफी कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट की आवश्यकता होती है, साथ ही डेवलपमेन्ट कॉस्ट भी लाइसेन्सी द्वारा वहन की जाती है।

By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

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