प्लेगियरिज्म (Plagiarism )प्लेगियरिज्म के प्रकार (Types of Plagiarism) kya hai?

प्लेगियरिज्म (Plagiarism )

प्लेगियरिज्म, दूसरे व्यक्ति को श्रेय दिए बिना किसी और के विचारों या शब्दों को अपने उपयोग में लेने का कार्य है। जब आप ओरिजिनल ऑथर को श्रेय देते हैं (व्यक्ति का नाम, आर्टिकल का नाम, जहाँ इसे पोस्ट या प्रिंट किया गया हो उसके बारे में जानकारी) आदि सोर्स का उपयोग करते हैं। प्लेगियरिज्म तब होता है, जब आप इन जानकारियों को अपने पेपर में सम्मिलित नहीं करते हैं। प्लेगियरिज्म के अन्य रूप भी हैं, जैसे किसी पेपर का पुनः उपयोग करना और किसी ओर से आपके लिए लिखवाना ।

अन्य शब्दों में, प्लेगियरिज्म, सोर्स का उल्लेख किए बिना किसी अन्य ऑथर के टेक्स्ट की नकल है। किसी विशेष टेक्स्ट को अपनी ओरिजिनल राइटिंग के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत करना और उसकी नकल करना सीरियस ऑफेन्स है।

प्लेगियरिज्म के ऑफेन्स के परिणामस्वरूप सजा भी हो सकती है, क्योंकि यह कॉपीराइट लॉ के तहत आता है, जो टेक्स्ट या कन्टेन्ट के ऑथर या ऑनर के अधिकार को प्रोटेक्ट करता है। राइटिंग में इसका सार होना आवश्यक है, और इसे राइटर को इसे वास्तविक रूप देने के लिए अपने शब्दों तथा भावनाओं को व्यक्त करने की आवश्यकता होती है। डुप्लिकेट या कॉपी किए गए कन्टेन्ट राइटिंग की ओरिजनलिटी समाप्त कर देते हैं, इसलिए राइटिंग रिडर तक पहुँचने में भी विफल हो जाता है। इसलिए रिसर्च पेपर्स तथा एकेडमिक पेपर्स के लिए टाइटर्स को अपने सोर्स मेटिरियल से सावधान रहना चाहिए।

यदि कार्यों में प्लेगियरिज्म का संकेत है, तो यह ओरिजनल नहीं है, इसके बजाए इसे कॉपी के नए कन्टेन्ट के रूप में माना जाता है। इसलिए राइटर्स के लिए यह जानना आवश्यक है कि प्लेगियरिज्म से कैसे बचा जाए और राइटिंग की ओरिजिनलिटी को बरकरार रखा जाए

प्लेगियरिज्म के प्रकार (Types of Plagiarism)

प्लेगियरिज्म के विभिन्न प्रकार होते हैं। डायरेक्ट प्लेगियरिज्म तथा मोसेक प्लेगियरिज्म, प्लेगियरिज्म के समान्य प्रकार हैं। इससे बचने के लिए यह जानना जरूरी है कि प्लेगियरिज्म को ऑनलाइन कैसे चैक किया जाता है।

1. डायरेक्ट प्लेगियरिज्मः सामान्य तौर पर, प्लेगियरिज्म के अपराध में सोर्स के उचित उल्लेख के बिना किसी अन्य राइटिंग के कुछ हिस्सो को अपनाना सम्मिलित होता है। कई बार टेक्स्ट से कॉपी करने वाला एक भी शब्द नहीं बदलता हैं। प्लेगियरिस्ट सेन्टेन्स के कुछ हिस्सों को भी बदल सकता है या फिर कुछ शब्दों को अपने शब्दों से फेरबदल कर सकता है। हालांकि यह प्लेगियरिज्म के अपराध के अंतर्गत भी आता है।

प्लेगियरिज्म के विभिन्न रूपों में डायरेक्ट प्लेगियरिज्म सबसे हानिकारक है। जब प्लेगियरिस्ट किसी और के कार्य से टेक्स्ट को कॉपी तथा पेस्ट करता है और सोर्स का हवाला देने या कोटेशन मार्क्स को हटाने की अपेक्षा करता है, तो यह डायरेक्ट प्लेगियरिज्म है।

किसी टेक्स्ट की समान कॉपी या क्लोनिंग एक सीरियस ऑफेन्स है। यह डुप्लिकेट केन्टेन्ट जानबुझकर प्लेगियराइज किए गए कन्टेन्ट की श्रेणी में आती है। यह अनैतिक है और ओरिजिनल कन्टेन्ट का राइटर प्लेगियरिस्ट के खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन्स ले सकता है।

2. मॉसेक प्लेगियरिज्म: एक अन्य प्रकार का प्लेगियरिज्म होता है, जो अनजाने में किया जाता है। इस केस में प्लेगियरिस्ट ने उस कन्टेन्ट के सोर्स का उल्लेख किया होगा, जिसका उसने उपयोग किया है। लेकिन वह कोटेड भाग को एक्नॉलेज नहीं करता है या उन्हें कोटेशन मर्क्स के भीतर सही तरीके से रखता है, तो राइटर प्लेगियरिज्म के अपराध करता है। चाहे इरादतन हो या अनजाने में प्लेगियरिज्म एक सीरियस ऑफेन्स है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि राइटिंग राइटर की प्रापर्टी है।

राइटिंग को समृद्ध बनाने के लिए कुछ सोर्स मटेरियल्स का उल्लेख करना आवश्यक है। यदि को राइटर इंटरनेट को सोर्स के रूप में उपयोग करता है, तो उसे पता होना चाहिए कि क्या नहीं करना है, ताकि वह प्लेगियरिज्म से बच सके। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस कार्य का उन्होंने उल्लेख किया है, उसके सोर्स का ठीक प्रकार उल्लेख करना यदि उसने शब्द दर शब्द का उपयोग किया है, तो उसे कोटेशन मार्क्स का उपयोग करना चाहिए। एक राइटर को मॉसेक प्लेगियरिज्म से सावधान रहना चाहिए। इस प्रकार का प्लेगियरिज्म तब होता है, जब राइटर कोटेशन मक्स का उपयोग किए बिना किसी विशेष सोर्स मटेरियल से फ्रेजेस या पार्ट्स को बीरो करता है या सोर्स के ओरिजिनल स्ट्रक्चर को बदले बिना कन्टेन्ट के कुछ शब्दों को अनजाने में किसी और के कार्य की पैराफ्रेजिंग करना भी मॉसेक प्लेगियरिज्म की ओर जाता है। कभी-कभी प्लेगियरिस्ट कुछ पार्ट्स की पैराफ्रेजिंग करके पेच, राइटिंग करते हैं और फिर उसमें से टेक्स्ट या पार्ट्स को कॉपी तथा पेस्ट करते हैं। यह मॉजेक प्लेगियरिज्म का दूसरा रूप है। ये दो तरीके राइटर को सबसे सामान्य प्रकार के प्लेगियरिज्म से बचने में सहायता करते हैं।

3. सेल्फ-प्लेगियरिज्मः सेल्फ-प्लेगियरिज्म, प्लेगियरिज्म के सामान्य प्रकारों में से एक है, जहाँ स्कूल के स्टूडेन्ट्स अपने पहले सबमिट किए गए एकेडमिक पेपर के हिस्से को कॉपी तथा पेस्ट करते हैं। यदि स्टूडेन्ट सम्बन्धित टीचर से पूछे बिना दो अलग-अलग क्लास प्रोजेक्ट्स के लिए एक ही पेपर सबमिट करता है, तो इसे सेल्फ-प्लेगियरिज्म माना जाता है।

हालाँकि सेल्फ-प्लेगियरिज्म अक्सर गंभीर लीगल एक्शन के साथ समाप्त नहीं होती है, जो एकेडमिक पेपर्स तथा रिसर्च पेपर्स के प्रेजेन्टेशन को प्रभावित कर सकती है।

• एक्सिडेन्टल प्लेगियरिज्मः प्लेगियरिज्म के एक अन्य सामान्य रूप में एक्सिडेन्टल प्लेगियरिज्म सम्मिलित है। जब प्लेगियरिस्ट सोर्स मटेरियल के लिए फ्रेजेस तथा टेक्स्ट के कुछ हिस्सों को गलत तरीके से कोट करता है या सोर्स का पर्याप्त रूप से हवाला नहीं देता है, तो उसे प्लेगियरिज्म माना जाता है।

गलत ऑथरशिप के लिए भले ही कार्य का नाम उद्धृत किया गया हो, ओरिजिनल राइटर प्लेगियरिस्ट के खिलाफ डिसिप्लिनरी एक्शन्स ले सकता है, भले ही एक्सिडेन्टल प्लेगियरिज्म इरादतन न हो।

By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

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