नेटवर्क का इतिहास
(ARPANET प्रथम नेटवर्क
इन्टरनेट का जनक ARPANET (एडवान्स्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क) US डिपार्टमेन्ट ऑफ डिफेन्स (DOD) द्वारा स्थापित किया गया था। नेटवर्क को स्थापित करने का कार्य 1960 के दशक की शुरुआत में हुआ और DOD ने मेजर रिसर्च वर्क को स्पॉन्सर किया, जिसके परिणामस्वरूप नेटवर्क कम्यूनिकेशन के लिये इनिशियल प्रोटोकॉल्स, लैग्वेजेस तथा फ्रेमवर्क्स का विकास हुआ।
इसके लॉस एंजल्स (UCLA) में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड रिसर्च इन्स्टिट्यूट (SRI) सेंटर बारबरा में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी तथा उताह यूनिवर्सिटी चार नोड्स थे। 29 अक्टूबर, 1969 को UCLA तथा SRI के बीच पहले मैसेज का आदान-प्रदान हुआ। BBN के UCLA से कनेक्ट होने के बाद सन् 1972 में बोल्ट बेरनेक एंड न्यूमेन इन्कॉर्पोरेशन में रॉय टॉम्लिन्सन द्वारा ई-मेल बनाया गया था।
इन्टरनेट
ARPANET ने अमेरिका की उन यूनिवर्सिटीज के पास DOD को कनेक्ट करने के लिये विस्तार किया, जो डिफेन्स- रिलेटेड रिसर्च कर रहे थे। इसने देश की अधिकांश प्रमुख यूनिवर्सिटीज को कवर किया। नेटवर्किंग के कॉन्सेप्ट को बढ़ावा तब मिला, जब यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन (UK) तथा रॉयल राडार नेटवर्क (नॉर्वे) ARPANET से कनेक्ट हुए और तब नेटवर्क्स का नेटवर्क बनाया गया।
इस नेटवर्क्स के नेटवर्क को विस्तार से स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के विन्टन सर्फ, योगेन डेलल तथा कार्ल सनशाइन द्वारा इन्टरनेट के रूप में आविष्कृत किया गया। उन्होंने साथ में इन्टरनेट पर इन्फॉर्मेशन एक्सचेन्ज की सुविधा के लिये प्रोटोकॉल्स भी विकसित किये। ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) को आज भी नेटवर्किंग की रीढ़ माना जाता है।
टेलनेट
टेलनेट ARPANET का पहला कमर्शियल एडाप्टेशन था, जिसे सन् 1974 में इंट्रोड्यूस किया गया था। इसके साथ ही इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) कॉन्सेप्ट भी इंट्रोडयूस किया गया था । ISP का मुख्य कार्य सस्ती दरों पर अपने कस्टमर्स को अनइन्टरपेड इन्टरनेट कनेक्शन प्रदान करना है।
वर्ल्ड वाइड वेब
इन्टरनेट के कमर्शियलाइजेशन के साथ ही दुनिया के विभिन्न भागों में अधिक से अधिक नेटवर्क्स विकसित किये गए। प्रत्येक नेटवर्क, नेटवर्क पर कम्यूनिकेट करने के लिये विभिन्न प्रोटोकॉल का उपयोग करता था। इसने विभिन्न नेटवर्क्स को मूलरूप से एक साथ कनेक्ट होने से रोक दिया। 1980 के दशक में, टीन बर्नर्स ली ने स्विट्ज़रलैण्ड के CERN में कम्प्यूटर साइंटिस्ट्स के समूह का नेतृत्व किया, जिसने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) नामक विभिन्न नेटवर्क्स का एक सहज नेटवर्क तैयार किया।’