दूरस्थ लॉग इन (Remote Login)
इन्टरनेट एक ऐसी रिमोट लॉग इन सेवा उपलब्ध कराता है, जो किसी प्रयोक्ता को दूरस्थ टाइम-शेयरिंग (timesharing) कम्प्यूटर सिस्टम को इस प्रकार अभिगम (access) करने में समर्थ बनाती है, जैसे प्रयोक्ता का की-बोर्ड और मॉनीटर प्रत्यक्षतः दूरस्थ कम्प्यूटर से जुड़े हों। इस सेवा का उपयोग करने के लिए, प्रयोक्ता लोकल कम्प्यूटर पर एक एप्लीकेशन प्रोग्राम को खोलता है और एक दूरस्थ कम्प्यूटर का नाम निर्देशित करता है।
लोकल एप्लीकेशन प्रोग्राम एक क्लाइन्ट बन जाता है, जो इन्टरनेट का प्रयोग दूरस्थ कम्प्यूटर से जुड़ने के लिए करता है। एक बार संयोजन (connection) स्थापित हो जाने पर, दूरस्थ कम्प्यूटर प्रयोक्ता को दिखाई देने लगता है और एक लॉग-इन तथा पासवर्ड देने का आग्रह करता है, वैसे ही जैसे यह प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ने वाले टर्मिनल के साथ करता है।
दूरस्थ लॉग इन कैसे कार्य करता है ? (How Does Remote Login Work ?)
अन्य इन्टरनेट अनुप्रयोगों की भाँति, रिमोट लॉग इन भी क्लाइन्ट सर्वर प्रतिमान (Paradigm) का अनुसरण करता है। जब स्थानीय कम्प्यूटर से कोई प्रयोक्ता एक दूरस्थ सिस्टम पर लॉग इन करने का निश्चय करता है, तो प्रयोक्ता रिमोट लॉग इन सेवा के लिए एक लॉजिकल एप्लीकेशन प्रोग्राम को कॉल करता है और सम्पर्क हेतु एक दूरस्थ कम्प्यूटर का नाम अंकित करता है।
अनुप्रयोग (application) एक क्लाइन्ट बन जाता है, जो रिमोट कम्प्यूटर पर इन्टरनेट के द्वारा कनेक्ट करने के लिए TCP/IP का प्रयोग करता है। सर्वर ठीक वही log in prompt भेजता है, जो परंपरागत (conventional) टर्मिनलों के लिए प्रयुक्त होता है।