क्रमिक लाइन इण्टरनेट प्रोटोकॉल (SLIP)
मिक लाइन इन्टरनेट प्रोटोकॉल (SLIP) इन्टरनेट प्रोटोकॉल का ऐसा पुराना पड़ चुका संपुटित रूप है जिसे क्रमिक पोर्ट्स और डेम कनेक्शनों पर कार्य करने के लिए विकसित किया गया था। इसे RFC 1055 में दस्तावेज़ीकृत किया गया है।
पर्सनल म्प्यूटरों पर स्लीप (SLIP) को मुख्यतः प्वाइण्ट-टू-प्वाइण्ट प्रोटोकॉल ने प्रतिस्थापित किया है, जिसे ज्यादा बेहतर तरीके से र्मित किया गया है, जिसमें अधिक विशेषताऐं हैं और स्थापित किये जाने से पूर्व इसके आई. पी. कन्फिग्रेशन को निर्धारित कये जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। किन्तु सूक्ष्म नियंत्रकों (Micro-controllers) पर, अब भी स्लीप अपने छोटे ओवर हेड – कारण आई. पी. पैकेटों को संपूटित करने का पसंदीदा तरीका है।
लीप एक मानक इन्टरनेट डेटाग्राम को इसमें एक विशेष “SLIP END” कैरेक्टर संलग्न कर उन्नत करता है, जो डाटाग्राम atagrams) को अलग-अलग करके देखे जाने की अनुमति प्रदान करता है। स्लीप में 8 डेटा बिट्स के एक पोर्ट कन्फिग्रेशन आवश्यकता होती है।
स्लीप त्रुटियों को पता लगाने की क्षमता नहीं प्रदान करता और इसके लिए दूसरे उच्च स्तर के टोकॉल पर निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए, एक खास गलतियों की संभावना वाली डायल-अप कनेक्शन पर स्लीप खुद में तना संतोषजनक नहीं है।
किन्तु यह अब भी लोड के अंतर्गत परिचालन तंत्र के रिअल टाइम क्षमताओं की जाँच के लिए पयोगी है। हेडर वाला स्लीप का एक संस्करण संकुचन स्लीप (Compressed SLIP) कहलाता है।