Point to Point Protocol kya hai?

पॉइण्ट-टू-पॉइण्ट प्रोटोकॉल (Point to Point Protocol)

पॉइण्ट-टू-पॉइण्ट प्रोटोकॉल (Point to Point Protocol) या पी. पी. पी. का उपयोग सामायतः दो नोड्स के बीच संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है। यह सीरियल केबल, फोन लाइन, ट्रंक लाइन, सेल्युलर टेलिफोन, विशेषीकृत (specialized) रेडियो लिंक, या फाइबर ऑप्टिक लिंक में से किसी का उपयोग कर कम्प्यूटरों आपस में जोड़ सकता है।

अधिकांश इन्टरनेट सेवा प्रदानकर्ता, इन्टरनेट से ग्राहक डायल-अप अभिगमन के लिए पी. पी. पी. का प्रयोग करते हैं। पी. पी. पी. का एक संपुटित (Encapsulated) रूप जिसे पी. पी. पी. ओवर ईथरनेट (PPPOE) कहा जाता है, का प्रयोग समान भूमिका में डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन इन्टरनेट सेवा (Digital Subscriber Line Internet Service) के साथ किया जाता है।

पी. पी. पी. आमतौर पर प्रयोग लेअर-2 (OSI मॉडल के : डेटा लिंक लेअर) प्रोटोकॉल के रूप में कार्य करता है जो समक्रमिक (synchronous) और असमक्रमिक (asynchronous) परिपथ पर संयोजन (connection) के लिए होता है, जहाँ इसने बड़े पैमाने पर एक पुराने अमानक प्रोटोकॉल (an older nonstandard protocol) (जो SLIP के रूप में जाना जाता है) और टेलिफोन कम्पनी अधिदेशाधीन मानक (telephone company mandated standards) (जैसे X.25) को खत्म किया है।

पी. पी. पी. को अनगिनत लेअर3 नेटवर्क लेयर प्रोटोकॉल्ज़ जिसमें आई. पी., नॉवेल का आई. पी. एक्स और एपल टॉक (Apple Talk) के साथ काम करने हेतु डिज़ायन किया गया था।

By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

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