Storage Devices Kya Hai?

परिचय (Introduction)

स्टोरेज डिवाइस कम्प्यूटर के प्रमुख तीन भागों में एक है। कम्प्यूटर में प्राइमरी तथा सेकण्डरी दो प्रकार के स्टोरेज होते हैं।

कम्प्यूठा में दो प्रकार के स्टोरेज होते हैं- प्राइमरी तथा सेकण्डरी प्राइमरी स्टारज अस्थिर (volatile) तथा सेकण्डरी स्टोरेज स्थिर (non-volatile) होता है।

अस्थिर (volatile) मेमोरी डाटा को अस्थायी रूप से कम्प्यूटर ऑन होने से बंद होने तक स्टोर करती है।

बिज (electricity) जाने पर या कम्प्यूटर के रिस्टॉट (restart) होने पर यह डाटा कम्यूटर से नष्ट (lost) हो जाता है।

स्थिर (non-volatile) प्राइमरी स्टोरेज कम्प्यूटर को स्टार्ट करने में सहायता करता है। इसमें कुछ अति उपयोगी फर्मवेयर (firmware) हैं

जो कम्प्यूटर को बूट करने में मदद करते हैं। बूटिंग कम्यूटर को शुरू करने को प्रक्रिया को कहा जाता है।

इस प्रकार के स्टोरेज को मेन मेमोरी कहते हैं। स्टोरेज डिवाइस वह है जो हमारे डाटा का लम्बे समय तक रखता है।

हम सामान्यतः इस प्रकर के डाटा को रखते हैं जो बहुत ज्यादा महत्त्वपूर्ण होते हैं तथा उन्हें उपयोग के लिए स्थानांतरित भी किया जा सकता है।

सेकण्डरी स्टोरेज विभिन्न रूपों में आते हैं। फ्लॉपी डिस्क, हार्ड डिस्क तथा प्रकाशीय डिस्क कुछ इस तरह के नाम इस अध्याय में स्टोरेज डिवाइसेज पर स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला गया है।

स्टोरेज डिवाइस और इसकी आवश्यकता (Storage Device and its Need)

जब आप अपनी परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं तो सबसे पहली चीज जो आप चाहते हैं, वह यह है कि आप जा कुछ पढ़ते हैं

वह आपको याद हो जाय अर्थात् उन चीजों का रिकॉर्ड रखना चाहते हैं जिन्हें आपने पूर्व में पढ़ा है। अब प्रश्न या है कि यह कितना महत्त्वपूर्ण है।

उत्तर आपके ही पास है। यह उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना आपके लिए अपने दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को याद करना।

वास्तविक दुनिया में एक आदमी मस्तिष्क को घातक बीमारी से ग्रस्त समझा जाता है, यदि वह चीजों को याद रखने में सक्षम न हो।

इसी प्रकार यदि कम्प्यूटर में स्टोरेज क्षमता न होती तो सम्भवतः इसने इस प्रकार से मानव जाति को प्रभावित न किया होता।

ममारी कम्प्यूटर के अत्यन्त अदभुत गुणों में एक है। तो आइए हम जानते है कि स्टोरेज डिवाइस क्या है ?

स्टोरेज डिवाइस कम्प्यूटर का वह हार्डवेयर पार्ट है जिसका प्रयोग डाटा को इसमें स्टोर करने तथा स्टोर किये गये डाटा को कम्प्यूटरों में एक से अधिक ममारी (storage device) होती है।

हम उनका सामान्यतः प्राइमरी और सेकण्डरी मेमोरी के रूप में वर्गीकृत कर सकते हैं। प्राइमरी मेमोरी का अस्थायी मेमोरी के रूप में प्रयोग होता है

जिसका कार्य गणना संक्रियाओं (calculation processes) तथा अस्थायी मानों (values) को जिन्हें तेजी के साथ एक्सेस तथा अपडेट करने की आवश्यकता होती है, को स्टार करना है।

प्राइमरी मेमारी की विषय-वस्तु (contents) बिजली के चले जाने के पश्चात समाप्त हो जाती है। प्राइमरी मेमोरी प्रोग्राम के एक्जिक्यूशन के दौरान महत्त्वपूर्ण होती है।

बड़े प्रोग्रामों को अधिक प्राइमरी मेमोरी को आवश्यकता होती है। रैम (रेण्डम एक्सेस मेमारी), कॅश (caches) तथा बफर (buffers) प्राइमरी मेमोरी के कुछ उदाहरण हैं।

सेकण्डरी मेमोरी अक्सर हार्ड डिस्क, टेप ड्राइव तथा रिमूवेबल डिस्क ड्राइव्ज़ के रूप में आती है। सेकण्डरी मेमोरी का प्रयोग अधिकतर सिस्टम के डाटा, प्रोग्राम तथा अन्य स्थायी (permanent) डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है

जो पॉवर के जाने पर भी नष्ट (lost) नहीं होता है। कम्प्यूटर में बड़े प्रोग्राम तथा डाटा को प्रविष्ट (Fed) होते हैं, जिन्हें स्टोर करने के लिए सेकण्डरी मेमोरी की आवश्यकता होती है।

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