आईसाइट, फिजियोलॉजिकल इशूज तथा एर्गोनॉमिक आस्पेक्ट्स पर टेक्नोलॉजी के उपयोग से सम्बन्धित हेल्थ कन्सर्न्स के बारे में ई-वेस्ट अवेयरनेस
(E-waste awareness about health concerns related to the usage of technology on eyesight, physiological issues and ergonomic aspects)
पहले की अपेक्षा लोग आज के समय में एक-दूसरे से कहीं गुना अधिक कनेक्टेड हैं। जबकि टेक्नोलॉजी के कुछ रूपों ने दुनिया में सकारात्मक बदलाव किए हैं, टेक्नोलॉजी के नकारात्मक प्रभाव और इसके अति प्रयोग के प्रमाण भी हैं। सोशल मीडिया तथा मोबाइल डिवाइसेस से फिजियोलॉजिकल तथा फिजिकल इशूज हो सकते हैं, जैसे आँखों में खिचाव तथा महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केन्द्रित करने में कठिनाई। ये डिप्रेशन जैसी सीरियस हेल्थ कंडीशन्स का कारण भी बन सकते हैं। टेक्नोलॉजी का अति प्रयोग का विकासशील बच्चों और किशोरों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
1.फिजियोलॉजिकल इफेक्ट्स टेक्नोलॉजी का अति प्रयोग या निर्भरता के प्रतिकुल फिजियोलॉजिकल इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिसमें निम्नलिखित बिन्दू सम्मिलित हैं:
• आइसोलेशन सोशल मीडिया जैसी टेक्नोलॉजीस को लोगों को एक साथ लाने तथा कनेक्ट करने के लिए किया गया है, फिर केसेस में उनका विपरीत प्रभाव हो सकता है।
19-32 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों के वर्ष 2017 के एक अध्ययन में पाया गया कि सोशल मीडिया का अधिक उपयोग करने वाले लोगों के सामाजिक रूप से अलग होने की संभावना उन लोगों से तीन गुना अधिक थी, जो अक्सर सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते थे।
सोशल मीडिया के उपयोग को कम करने के तरीके ढूंढना, जैसे कि सोशल एप्स के लिए समय सीमा निर्धारित करना कुछ लोगों में अलगाव की भावनाओं को कम करने में सहायता करना है।
डिप्रेशन तथा एन्जाइटी
वर्ष 2016 के सिस्टमेटिक रिव्यू ने सोशल नेटवर्क्स तथा मेन्टल हेल्थ इशूज, जैसे डिप्रैशन तथा एन्जाइटी के बीच की कड़ी पर चर्चा की।
उनकी रिसर्च में मिश्रित परिणाम मिले। जिन लोगों के पास इन प्लेटफॉर्म पर पॉजिटिव इन्टरेक्शन तथा सोशल सपोर्ट था, उन लोगों में डिप्रेशन तथा इन्जाइटी का लेवल कम था।
हालाँकि, इसका उल्टा भी सच था। जिन लोगों ने महसूस किया कि उनके पास अधिक नेगेटिव सोशल इन्टरेक्शन्स थे, और जो सोशल कम्पेरिजन के लिए अधिक प्रवण थे, उन्होंने हायर लेवल के डिप्रैशन तथा एन्जाइटी का अनुभव किया। इसलिए, जबकि सोशल मीडिया तथा मेन्टल हेल्थ के बीच एक कड़ी प्रतीत होती हैं, तो एक सिग्निफिकेन्ट डिटरमाइन फैक्टर को लेकर लोगों को लगता है कि वे इन प्लेटफॉर्म्स पर होने वाले इन्टरेक्शन्स के प्रकार हैं।
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