Web based E-mail kya hai?

वेब आधारित ई-मेल (Web-based E-mail)

वेब-आधारित ई-मेल द्वारा, आप ई-मेल प्रदाता के साइट पर जाने के लिये अपने इन्टरनेट ब्राउजर (Internet browser) का उपयोग कर सकते हैं, और उसके बाद यूजर नेम (user name) तथा पासवर्ड (pass word) की सहायता से लॉग इन (log in) कर सकते हैं। ई-मेल प्रदाता (e-mail provider) आपके सभी संदेशों को आपके लिये संचित रखता है।

अधिकांश विशालकाय निःशुल्क ई-मेल प्रदाता वेब आधारित ई-मेल व्यवसाय के अन्तर्गत कार्य करते हैं, क्योंकि इस प्रकार की सेवा कार्यान्वित करने में सरल है तथा साइट पर आगन्तुकों (visitors) को बार-बार आने का निमंत्रण देती है।

कई सेवा अतिरिक्त कार्य जैसे- ऑनलाइन वर्तनी जाँच, व्यक्तिगत एड्रेस बुक, वितरण सूची आदि को भी करती है।

वेब आधारित ई-मेल के फायदे (Pros of web based E-mail)

आप इसे सरलतापूर्वक लॉग-इन कर सकते हैं तथा किसी भी वेब ब्राउजर के माध्यम से अपना ई-मेल प्राप्त कर सकते हैं। आपको अपने ई-मेल को पढ़ने हेतु किसी प्रोग्राम को कनफिगर करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह बहुत बड़ा फायदा है यदि आप तकनीकी रूप से सक्षम नहीं हैं।

वेब आधारित ई-मेल के नुकसान (Cons of Web based E-mail)

वेब इसे आधारित मेल का सबसे बडा नकारात्मक पक्ष यह है कि इस पर आप ऑफलाइन कार्य नहीं कर सकते हैं। आपको इस पर कार्य करने के लिए इण्टरनेट से जुडना होगा।

कई वेब आधारित सेवाएँ उन्नत फंक्शनों जैसे जावा (Java) का लाभ प्राप्त करती हैं, ताकि एक आकर्षक इन्टरफेस (Interface) प्राप्त किया जा सके। अतः आपको अपने विकल्प खुले रखने के लिये वर्तमान में प्रचलित वेब ब्राउजर की आवश्यकता पड़ती है। नेटस्केप नेवीगेटर 4x (Netscape Navigator 4.x) या इन्टरनेट एक्सप्लोरर 4x (Internet Explorer 4.x) आपके ई-मेल को एक्सेस करने के लिये पर्याप्त होगा।

अधिकांश वेब-आधारित सेवाएँ एक अच्छे ई-मेल सॉफ्टवेयर के कार्य (functionality) से मेल (match) नहीं खाती है। आपको संग्रहण स्थान (storage space) की अपेक्षाकृत छोटी मात्रा (सामान्यतः कुछ मेगाबाइटों तक ही सीमित कर दिया जाता है। अतः आप अपने पुराने संदेशों को काफी लम्बे समय तक सुरक्षित रख पाने में समर्थ नहीं हो पाते हैं।

वेब आधारित ई-मेल सेवा साधारणतः आपको उस समय बैनर विज्ञापन दिखाती है, जब आप अपने संदशों को प्राप्त कर रहे होते हैं। कई आपके द्वारा भेजे गये प्रतयेक संदेश के साथ एक संक्षिप्त “टैग लाइन (Tag line )” भी जोड़ देते हैं, जो आपके द्वारा प्रयुक्त सेवा की पहचान करते हैं। इससे प्राप्तकर्त्ता के लिये यह देखना सरल हो जाता है कि उसने निःशुल्क ई-मेल सेवा का उपयोग किया है।

ई-मेल की विशेषताएँ (Merits of E-mail)

ई-मेल नयी प्रौद्योगिकी की एक अद्भुत देन है जिसने दूरभाष (telephone) तथा दूसरे पारंपरिक संचार सेवाएँ जैसे टेलिग्राम (telegram), फैक्स (Fax), पोस्टकार्ड (Postcard) की आवश्यकताओं पर एक प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इसकी कई विशेषताओं में कुछ विशेषताएँ प्रमुख हैं, जो निम्नलिखित है-

ई-मेल के माध्यम से हम किसी भी व्यक्ति को अपना संदेश शीघ्रता के साथ संचारित (Communicate) कर सकते हैं। कोई भी ई-मेल कुछ सेकण्ड में अपने पते पर पहुँच जाती है।

ई-मेल, अपने मित्रों व रिश्तेदारों से बातचीत करने का बहुत सस्ता तरीका है। ई-मेल दूरी पर निर्भर नहीं करता, अर्थात् हम विश्व में कहीं भी बैठे हुए व्यक्ति को आसानी से ई-मेल कर सकते हैं। यदि हम ई-मेल करने के लिए मूल्य अदा करते हैं तो यह मूल्य भेजे गए संदेशों की संख्या व आकार पर निर्भर करेगा, न कि दूरी पर ।

ई-मेल के माध्यम से पत्रों, संदेशों के साथ-साथ विभिन्न फाइल, डाटा, फोटो तथा कई अन्य दस्तावेज (documents) भेज सकते हैं।

ई-मेल भेजते समय कोई भी व्यक्ति या माध्यम अवरोध उत्पन्न नहीं कर सकता है। इसके साथ-साथ ई-मेल को प्राप्त करने वाला भी इससे अवरोध महसूस नहीं करता, क्योंकि ई-मेल उसके कम्प्यूटर के मेल बॉक्स (mail box) में संगृहीत हो जाती है।

ई-मेल भेजने वाले को ई-मेल प्राप्त करने वाले व्यक्ति से किसी तरह का पहले से समय (appointment) नहीं लेना पड़ता है। यह हमारी सुविधा के अनुसार कभी भी भेजी जा सकती है। इसके लिए प्राप्तकर्ता (Receiver) की उपलब्धता के बारे में भी सोचना आवश्यक नहीं होता है।

ई-मेल संदेशों के खो जाने का डर भी नहीं होता है।

किसी को ई-मेल करने के लिए किसी झिझक या शर्म का सामना नहीं करना पड़ता है जो अक्सर आमने-सामने कीबातचीत में हो सकती है

ई-मेल की सीमाएँ (Limitations of E-mail)

ई-मेल एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर सिस्टम को किसी नेटवर्क के माध्यम से भेजी जाती है। अतः किसी अन्य व्यक्ति की ई-मेल को पढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। किसी ई-मेल संदेश पर सुरक्षा लगा पाना मुश्किल कार्य है।

हम ई-मेल के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकते हैं। क्योंकि ई-मेल प्राप्त करने वाला व्यक्ति हमारे हाव-भाव नहीं देख सकता है, न ही हमारी आवाज सुन सकता है अतः यह भी सम्भव होता है कि प्राप्तकर्ता, प्रेषक के संदेश का गलत आकलन कर ले।

प्रेषक (Sender) (ई-मेल भेजने वाला व्यक्ति) के ई-मेल के आधार पर प्रेषक के बारे में सही जानकारी नहीं लिया जा सकता है। ई-मेल आई.डी. गलत सूचनाओं पर आधारित भी हो सकता है। कुछ ई-मेल सिस्टम चित्रों, पेजों को भेज पाने में असमर्थ होते हैं।

कोई भी प्राप्तकर्ता (Receiver) (ई-मेल प्राप्त करने वाला) ई-मेल को रोक नहीं सकता है। अतः कई बार मनचाही ई-मेल को प्राप्त करने के लिये प्राप्तकर्ता (Receiver) को अपना काफी समय उन ई-मेल को छाँटने में लगाना पड़ता है।

ई-मेल नि:संदेह इंटरनेट की एक अद्भुत सेवा है तथा इसकी विशेषताएँ बहुत अधिक है। साथ ही इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं

By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *