Switch or Bridge Mein antar kya hai?

स्विच तथा ब्रिज के बीच अंतर switch and Bridge

1. स्विच –स्विच मूल रूप से एक हार्डवेयर या एक डिवाइस होती है, जो विभिन्न इनपुट पोर्टस में आने वाले डेटा को विशेष आउटपुट पोर्ट में लाने के लिए जिम्मेदार होता है, जो डेटा को डिजायर्ड डेस्टिनेशन तक ले जाएगा। इस प्रकार, इसका उपयोग मुख्य रूप से विभिन्न नेटवर्क डिवाइसेस जैसे कि राउटर, सर्वर आदि के बीच डेटा पैकेट के ट्रांसफर के लिए किया जाता है। यह वास्तव में एक डेटा लिक लेयर डिवाइस (लेयर 2 डिवाइस) है, जो यह सुनिश्चित करता है कि फॉरवर्ड किए जा रहे पैकेट एरर फ्री तथा एक्यूरेट हों। डेटा लिंक लेयर में डेटा को फॉरवर्ड करने के लिए स्विच MAC एड्रेस का उपयोग करता है। चूँकि स्विच मल्टिपल पोर्टस से डेटा इनपुट करता है, इसलिए इसे मल्टिपोर्ट ब्रिज भी कहा जाता है।

2. ब्रिज -एक ब्रिज मूल रूप से एक डिवाइस है, जो सिंगल नेटवर्क को विभिन्न नेटवर्क सेग्मेन्ट्स में विभाजित करने के लिए जिम्मेदार है। इस प्रकार, सिंगल नेटवर्क को विभिन्न नेटवर्क सेग्मेन्ट्स में विभाजित करने की प्रक्रिया को नेटवर्क ब्रिजिंग कहा जाता है। प्रत्येक नेटवर्क सेग्मेन्ट इस प्रकार एक सेपरेट कोलाइजन को रिप्रेजेन्ट करता है, जहाँ प्रत्येक डोमेन का एक अलग बैंडविड्थ होता है। ब्रिज का उपयोग करके नेटवर्क की परफॉर्मेन्स में सुधार किया जा सकता है, क्योंकि नेटवर्क पर होने वाले कोलाइजन्स की संख्या कम हो जाती है। ब्रिज यह निर्णय करता है। कि आने वाले नेटवर्क ट्रैफिक को फॉरवर्ड या फिल्टर किया जाता है। MAC (मीडिया एक्सेस कंट्रोल) एड्रेस टेबल को मेन्टेन रखने के लिए ब्रिज भी जिम्मेदार होता है।

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *