सामान्य सेवा केन्द्र (Common Services Centers (CSC))
सी.एस.पी., व्यापक पैमाने पर ई-शासन की शुरूआत के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम साझा कार्यक्रम में अपनी प्रतिबद्धता के अंश के रूप में नेशनल ई-गवर्नेन्स प्रोजेक्ट (NeGP) की कार्यनीतिक आधारशिला है।
सी.एस.सी., ई-गवर्नेन्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन, मनोरंजन के साथ-साथ अन्य निजी सेवाओं के क्षेत्रों में उच्च गुणवक्ता वाली और किफायती वीडियो, ध्वनि और डाटा सामग्री और सेवाएँ उपलब्ध कराएगा।
सी.एस.सी. की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में, आवेदन पत्रों, प्रमाणपत्रों और यूटिलिटी भुगतान जैसे- विद्युत, टेलीफोन और पानी के बिल के भुगतान सहित वैब समर्थित ई-गवर्नेन्स सेवा प्रदान करेगा।
यह योजना, सी.एस.सी. योजना के इम्प्लीमेंटेशन में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए निजी क्षेत्र और गैर सरकारी संगठनों (NGO) के लिए सहायक वातावरण बनाती है, जिसके माध्यम से ये ग्रामीण भारत के विकास में सरकार के साझीदार बन सकते हैं।
सी.एस.सी. के PPP मॉडल में सी.एस.सी. ऑपरेटर (जिसे ग्राम स्तर पर उद्यम अथवा वी.एल.ई. कहा जाता है) वाली 3-स्तर संरचना पर विचार किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा सर्विस सेंटर एजेंसी (SCA), जो 500-1000 सी.एस.सी. के विभाजन के लिए उत्तरदायी होगी और पूरे राज्य में इम्प्लीमेंटेशन के प्रबंधन के लिए उत्तरदायी राज्य निर्दिष्ट एजेंसी (एस. डी.ए.) के साथ आइडेंटिफिकेशन स्थापित करेगी।
सरकार द्वारा सितंबर 2006 में 4 वर्ष की अवधि के दौरान 5742 करोड़ रु. के परिव्यय के साथ सी.एस.सी. योजना का अनुमोदन किया गया है। यह आशा की जाती है कि मार्च 2011 तक 100 प्रतिशत सी.एस.सी. को पंजीकृत कर लिया जाएगा।
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