मेमोरी कम्प्यूटर को कार्यकारी संग्रहण है। यह कम्प्यूटर का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है जहाँ डाटा, सूचना और प्रोग्राम प्रोसेसिंग के दौरान स्थित रहते हैं और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध रहते हैं।
इस प्राइमरी ममारी अथवा मेन मेमोरी भी कहते हैं। मेमोरी में स्टोरेज के लिए कुछ स्थान होते हैं जिनको संख्या निश्चित होती है।
यह मेमोरी क्षमता अथवा मेमोरी का आकार कहलाता है। मात्रक जो कि मेमोरी की मापन क्षमता है, बाइट (byte) कहलाती है।
उदाहरणार्थ एक सामान्य पर्सनल कम्प्यूटर की मेमोरी एक मेगाबाइट (1 MB) होती है, इसका अर्थ है कि यह लगभग 1048576 कैरेक्टर्स (characters) को स्टोर कर सकती है। कम्प्यूटर की मेमोरी मुख्यतः दो प्रकार की होती है
1) रैम अथवा रेण्डम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory)
2) रोम अथवा रोड ऑनली मेमोरी (Read Only Memory)
इसके अतिरिक्त कैशे मेमोरी (cache memory) भी होती है जिसको चर्चा इस अध्याय में आगे की गयी है।
1) रैण्डम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory)
रैम या रैण्डम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory) कम्प्यूटर की अस्थाई मेमोरी होती है।
को बोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा, प्रोसेसिंग से पहले रैम (RAM) में ही स्टोर किया जाता है
और सी. पी. यू. द्वारा आवश्यकतानुसार वहाँ से एक्सेस किया जाता है। रैम में डाटा वा प्रोग्राम अस्थाई रूप से स्टोर रहते हैं।
कम्प्यूटर बन्द हो जाने या विद्युत बाधित हो जाने पर रैम (RAM) में स्टोर डाटा मिट जाता है। इसलिये रैम को वालेटाइल (Volatile) या अस्थाई मेमोरी भी कहते हैं।
रैम (RAM) की क्षमता या आकार (Size) विभिन्न प्रकार के होते हैं। जैसे 4 MB, 8 MB. 16 MB, 32 MB, 64 MB, 128 MB, 256 MB आदि।
पर्सनल कम्प्यूटर में कई प्रकार के रैम प्रयुक्त किए जाते हैं। ये निम्न प्रकार हैं
1) डायनैमिक रैम (Dynamic RAM)
2) सिन्क्रोनस डीरैम (Synchronous DRAM)
3) स्टैटिक रैम (Static RAM)
2) रीड ऑनली मेमोरी (Read Only Memory)
ROM का पूरा नाम रोड ऑनलो मेमोरी (Read Only Memory) है। यह स्थाई (Permanent) मेमोरी होती है
जिसमें कम्प्यूटर के निर्माण के समय प्रोग्राम स्टोर कर दिये जाते हैं। इस मेमोरी में स्टोर किये गये प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किये जा सकते हैं|
उन्हें केवल पड़ा (read) जा सकता है। इसलिये यह मेमोरी, रोड ऑनली मेमोरी (Read Only Memory) कहलाती है।
कम्प्यूटर का स्विच ऑफ (OF) करने के बाद भी रोम (ROM) में स्टोर किये गये अवयव (contents) नष्ट नहीं होते हैं।
अतः रोम नॉन-वोलेटाइल (Non- Volatile) या स्थाई स्टोरेज माध्यम कहलाता है।
इसमें कम्प्यूटर को बनावट के अनुसार प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर स्टोर रहते हैं। रोम के विभिन्न प्रकार होते हैं जो निम्नलिखित है|
1) प्रोम (PROM Programmable Read Only Memory)
2) इप्रोम (EPROM-Erasable Programmable Read Only Memory )
3) इ-इप्रोम (EEPROM Electrical Erasable Programmable Read Only Memory)