Author: Ram

  • Network ka Itihaas kya hai

    नेटवर्क का इतिहास

    (ARPANET प्रथम नेटवर्क

    इन्टरनेट का जनक ARPANET (एडवान्स्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क) US डिपार्टमेन्ट ऑफ डिफेन्स (DOD) द्वारा स्थापित किया गया था। नेटवर्क को स्थापित करने का कार्य 1960 के दशक की शुरुआत में हुआ और DOD ने मेजर रिसर्च वर्क को स्पॉन्सर किया, जिसके परिणामस्वरूप नेटवर्क कम्यूनिकेशन के लिये इनिशियल प्रोटोकॉल्स, लैग्वेजेस तथा फ्रेमवर्क्स का विकास हुआ।

    इसके लॉस एंजल्स (UCLA) में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड रिसर्च इन्स्टिट्यूट (SRI) सेंटर बारबरा में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी तथा उताह यूनिवर्सिटी चार नोड्स थे। 29 अक्टूबर, 1969 को UCLA तथा SRI के बीच पहले मैसेज का आदान-प्रदान हुआ। BBN के UCLA से कनेक्ट होने के बाद सन् 1972 में बोल्ट बेरनेक एंड न्यूमेन इन्कॉर्पोरेशन में रॉय टॉम्लिन्सन द्वारा ई-मेल बनाया गया था।

    इन्टरनेट

    ARPANET ने अमेरिका की उन यूनिवर्सिटीज के पास DOD को कनेक्ट करने के लिये विस्तार किया, जो डिफेन्स- रिलेटेड रिसर्च कर रहे थे। इसने देश की अधिकांश प्रमुख यूनिवर्सिटीज को कवर किया। नेटवर्किंग के कॉन्सेप्ट को बढ़ावा तब मिला, जब यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन (UK) तथा रॉयल राडार नेटवर्क (नॉर्वे) ARPANET से कनेक्ट हुए और तब नेटवर्क्स का नेटवर्क बनाया गया।

    इस नेटवर्क्स के नेटवर्क को विस्तार से स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के विन्टन सर्फ, योगेन डेलल तथा कार्ल सनशाइन द्वारा इन्टरनेट के रूप में आविष्कृत किया गया। उन्होंने साथ में इन्टरनेट पर इन्फॉर्मेशन एक्सचेन्ज की सुविधा के लिये प्रोटोकॉल्स भी विकसित किये। ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) को आज भी नेटवर्किंग की रीढ़ माना जाता है।

    टेलनेट

    टेलनेट ARPANET का पहला कमर्शियल एडाप्टेशन था, जिसे सन् 1974 में इंट्रोड्यूस किया गया था। इसके साथ ही इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) कॉन्सेप्ट भी इंट्रोडयूस किया गया था । ISP का मुख्य कार्य सस्ती दरों पर अपने कस्टमर्स को अनइन्टरपेड इन्टरनेट कनेक्शन प्रदान करना है।

    वर्ल्ड वाइड वेब

    इन्टरनेट के कमर्शियलाइजेशन के साथ ही दुनिया के विभिन्न भागों में अधिक से अधिक नेटवर्क्स विकसित किये गए। प्रत्येक नेटवर्क, नेटवर्क पर कम्यूनिकेट करने के लिये विभिन्न प्रोटोकॉल का उपयोग करता था। इसने विभिन्न नेटवर्क्स को मूलरूप से एक साथ कनेक्ट होने से रोक दिया। 1980 के दशक में, टीन बर्नर्स ली ने स्विट्ज़रलैण्ड के CERN में कम्प्यूटर साइंटिस्ट्स के समूह का नेतृत्व किया, जिसने वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) नामक विभिन्न नेटवर्क्स का एक सहज नेटवर्क तैयार किया।’

  • Computer Network ka Parichay

    कम्प्यूटर नेटवर्क का परिचय (Introduction to Computer Network)

    कम्प्यूटर नेटवर्क विभिन्न डिवाइसेस का ग्रुप है जो एक ट्रांसमिशन मिडियम जैसे- वायर्स, केबल्स आदि के माध्यम से कनेक्टेड होता है। ये डिवाइसेस कम्प्यूटर्स, प्रिन्टर्स, स्कैनर्स, फैक्स मशीन्स इत्यादि हो सकती है। नेटवर्क दो कम्प्यूटर्स जितना छोटा भी हो सकता है और असंख्य डिवाइसेस जितना बड़ा भी हो सकता है। एक ट्रेडिशनल नेटवर्क केवल डेस्कटॉप, कम्प्यूटर्स को ही समाविष्ट करता है, जबकि मॉडर्न नेटवर्क में लेपटॉप्स, टेब्लेट्स, स्मार्टफोन्स, टेलीविजन्स, गेमिंग कन्सोल्स, स्मार्ट एम्प्लाएन्सेस तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सम्मिलित है। सरल शब्दों में, कम्प्यूटर नेटवर्क दो या अधिक कनेक्टेड कम्प्यूटर्स का बना होता है। यह कनेक्शन दोहरा होता है-

    (a) फिजिकल वायर्स, केबल्स तथा वायरलेस मीडिया (सेलफोन्स के एटमॉस्फियर के साथ) के माध्यम से। (b) लॉजिकल फिजिकल मीडिया के माध्यम से डेटा को ट्रांसपोर्ट करके।

    कम्प्यूटर नेटवर्क का पर्पस नेटवर्क पर अन्य डिवाइसेस में स्टोर किये गए डेटा को सेन्ड तथा रिसिव करना है। इन डिवाइसेस को कई बार नोड्स के रूप में भी संदर्भित किया जाता है।

    स्कैल, सिंगल PC (पर्सनल कम्प्यूटर) से लेकर दुनियाभर में स्थित सभी विशाल डेटा सेन्टर्स तक बेसिक पेरिफेरल्स को इंटरनेट पर शेयर करना हो सकता है। स्कोप के साथ ही सभी नेटवर्क्स-कम्प्यूटर और या व्यक्तियों को इन्फॉर्मेशन तथा रिसोर्सेस शेयर करने की अनुमति प्रदान करते हैं।

  • Matplotlib kya hai?

    Matplotlib सबसे लोकप्रिय पायथन पैकेज है, जिसका उपयोग विजुसलाइजेशन के लिए किया जाता है। यह अरेज में डेटा से 2D प्लॉट्स बनाने के लिए एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म लाइब्रेरी है। Matplotlib को पायथन में लिखा गया है और Numpy, पायथन के न्यूमेरिकल मैथेमेटिक्स एक्सटेंशन का उपयोग करना है।

    यह एक आब्जेक्ट ओरिएंटेश API प्रोवाइड करता है, जो पायथन GUI टूलकिट जैसे PyQt, wxpythono tTkinter का उपयोग करके एप्लिकेशन्स को एम्बेड करने में सहायता करता है। इसका उपयोग पायथन और Ipython शेल्स, जुपिटर नोटबुक तथा वेब एप्लिकेशन सर्वर में भी किया जाता है।

    Matplotlib में Pylab नाम का प्रोसीजरल इन्टरफेस है, जिसे MATLAB को रिसेम्बल करने के लिए डिजाइन किया गया है। MATLAB, Mathworks द्वारा बनाई गई एक प्रोप्राइटरी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। Numpy….. गया था। Numpy 1 के साथ Matplotlib को MATLAB के समान ओपन सोर्स माना जा सकता है। Matplotlib को मुल रूप से वर्ष 2003 में जॉन डी. हंटर द्वारा लिखा गया था।

  • Csv Data kya hai?

    डेटा साइंस में CSV (कॉमा सेपरेटेड वैल्युज) से डेटा रीड करना मूलभूत आवश्यकता है। कई बार हमें विभिन्न सोर्सेस से डेटा प्राप्त होता है, जिसे CSV फॉर्मेट में एक्सपोर्ट किया जा सकता है ताकि उनका उपयोग अन्य सिस्टम्स द्वारा किया जा सके। पांडा लाइब्रेरी ऐसी सुविधाएँ प्रदान करती है,

    जिनके उपयोग से हम CSV फाइल को पूरी और कॉलम्स तथा पंक्तियों के केवल सिलेक्टेड ग्रुप्स के लिए पार्ट्स में रीड कर सकते हैं। एक CSV फाइल, सिम्पल टेक्स्ट फाइल से अधिक कुछ नहीं है। हालाँकि, यह डेब्युलर डेटा को स्टोर करने का सबसे कॉमन तथा सिम्पल तरीका है। यह विशेष फॉर्मेट रोज तथा कॉलम्स में विभाजित एक स्पेसिफिक स्ट्रक्चर को फॉलो करके टेबल्स को अरेंज करता है।

    इन रोज तथा कॉलम्स में आपका डेटा सम्मिलित होता है। अगली रो शुरू करने के लिए प्रत्येक रो को टर्मिनेट करती है। इसी प्रकार, कॉमा, जिसे डेलिमीटर भी कहा जाता है, प्रत्येक रो के भीतर कॉलम्स को सेपरेट करता है।

  • Python ki applications kya hai?

    Python ki application

    पायथन की एप्लिकेशन्स-

    पायथन क्रॉस-प्लेटफॉम आपरेटिंग सिस्टम्स को सपोर्ट करता है, जो इसके साथ ही बिल्डिंग एप्लिकेशन्स को और अधिक सुविधाजनक बनाता है। कुछ विश्व स्तर पर पहचान प्राप्त एप्लिकेशन्स, जैसे- यूट्यूब, बिटटोरेन्ट, ड्रॉपबॉक्स आदि अपनी फंक्शनालिटी प्राप्त करने के लिए पायथन का उपयोग करती हैं।

    1. वथ डवलपमेन्ट : पायथन का उपयोग तीव्र गति से वेब एप्लिकेशन्स बनाने के लिए किया जा स है। ऐसा इन एप्लिकेशन्स को बनाने के लिए पायथन द्वारा उपयोग किए जाने वाले फ्रेमर्वक्स के का है। इसमें कॉमन बैक एंड लॉजिक है, जो इन फ्रेमवर्क्स और कई लाइब्रेरीज को बनाने में काम आता ये HTTPS, FTP, SSL आदि जैसे प्रोटोकॉल्स को इन्टिग्रेट करने में सहायता कर सकते हैं और तक कि JSON, XML, ई-मेल आदि की प्रोसेसिंग में भी सहायता कर सकते हैं।

    2. गेम डेवलपमेन्ट पायथन का उपयोग इन्टरेक्टिव गेम्स के डेवलपमेन्ट में भी किया जाता है। Pys 8 जैसी कई लाइब्रेरीज हैं, जो 3D गेम इन्जन हैं और पायथन 3 को सपोर्ट करती हैं। PyGamne फंक्श्नाति प्रदान करने के साथ ही गेम डेवलपमेन्ट के लिए एक लाइब्रेरी भी प्रदान करता है। पायथन का उप करके सिविलाइजेशन IV, डिज्नीज के दूनटाउन आनलाइन, वेगा स्ट्राइक आदि जैसे गेम्स बनाए गए

    3. मशीन लर्निंग और आर्टिफिशल इन्टेलिजेन्स मशीन लर्निंग और आर्टिफिशल इन्टेलिजेन्स व में चर्चा का विषय है, क्योंकि ये भविष्य के लिए आशाजनक करियर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हम कम्प्युटर को स्टोर किए गए डेटा के माध्यम से पिछले एक्सपीरिएंसेस के आधार पर सीखने बनाते हैं, साथ ही एल्गोरिदम्स बनाते हैं जिनके माध्यम से कम्प्युटर स्वयं सीखता है। पायथन प्रोग्र लँग्वेज लाइब्रेरीज के साथ डोमेन्स को सपोर्ट करती है, जो पहले से मौजूद हैं, जैसे- पांडा, स्काई लर्न और Numpy आदि ।

    1. डेटा साइंस और डेटा विजुअलाइजेशन : डेटा पैसा है, यदि आप जानते हैं कि रेलेवेन्ट इन्फॉमें को जैसे एक्सट्रेक्ट किया जाए, तो आपको कैल्क्युलेटेड रिस्क और प्रॉफिट में बढ़ोतरी करने में सह कर सकता है। आप मौजूद डेटा का अध्ययन करते हैं, ऑपरेशन्स परफॉर्म करते हैं और आवा इन्फॉर्मेशन एक्सट्रेक्ट करते हैं। पांडा, Numpy जैसी लाइब्रेरीज इन्फॉर्मेशन एक्सट्रेक्ट करने में आ सहायता करती हैं। आप Matplotlib, Seabor जैसी डेटा लाइब्रेरीज को विजुअलाइज कर सकते जो ग्राफ्स प्लॉट करने में सहायता करते हैं। पायथन आपको डेटा साइंटिस्ट बनने में सहायता कर
    2. डेस्कटॉप GUI : पायथन का उपयोग डेस्कटॉप एप्लिकेशन्स को प्रोग्राम करने के लिए किया जा स है। यह Tkinter लाइब्रेरी प्रदान करता है, जिसका उपयोग युजर इन्टरफेसेस डेवलप करने के लिए जा सकता है। कुछ अन्य उपयोगी टूल किट्स है, जैसे कि wxwidgets, kivy, PyQL जिनका उप कई प्लेटफॉर्म्स पर एप्लिकेशन्स बनाने के लिए किया जा सकता है। कैल्क्युलेटर्स, टू-हू एप्लिकेशन्स बनाने के साथ इसकी शुरूआत की जा सकती है और इस कॉम्प्लिकेटेड एप्लिकेशन्स बना सकते हैं।हैं
    3. वेब स्क्रेपिंग एप्लिकेशन्स : पायथन का उपयोग वेबसाइट्स से डेटा की एक बड़ी मात्रा को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है, जो प्राइज कम्पेरिजन, जॉब लिस्टिंग, रिसर्च तथा डेवलपमेन्ट आदि जैसी रियल-वर्ल्ड प्रोसेसेस में सहायक हो सकते हैं
    4. बिजनेस एप्लिकेशन्स : ई-कॉमर्स, ERP आदि डोमेन्स को कवर करने वाले हमारे सामान्य एप्लिकेसन्स से बिजनेस एप्लिकेशन्स अलग हैं। उन्हें ऐसी एप्लिकेशन्स की आवश्यकता होती है, जो स्केलेबल एक्सटेंसिबल और आसानी से पढ़े जा सकने योग्य हों, पायथन हमें ये सारी सुविधाएँ प्रदान करता है। ऐसी बिजनेस एप्लिकेशन्स डेवलप करने के लिए ट्राईटन जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जा सकता है।
    5. आडियो तथा विडियो एप्लिकेशन्स : पायथन का उपयोग उन एप्लिकेशन्स को डेवलप करने के लिए किया जा सकता है, जो मल्टि-टास्क तथा आउटपुट मीडिया के काम आती हैं। विडियो तथा आडियो एप्लिकेशन्स जैसे TimPlayer, Cplay को पायथन लायब्रेरी का उपयोग करके डेवलप किया गया है। और वे अन्य मीडिया प्लेयर्स की तुलना में बेहतर स्टेबिलिटी और परफॉर्मेन्स प्रदान करते हैं।
    6. CAD एप्लिकेशन्स : कम्प्यूटर एडेड डिजाइनिंग एक बहुत ही कॉम्प्लिकेडेड एप्लिकेशन है, जिसे डेवलप करते समय कुछ बातें ध्यान रखना होती हैं। जब कुछ इस तरह की बात आती है, तो ऑब्जेक्ट्स और उनका रिप्रेजेन्टेशन, फंक्शन्स सिर्फ आइसबर्ग की टिप होती है। पायथन इसे सरल बनाता है। CAD की सबसे प्रसिद्ध एप्लिकेशन Fandango है।
    7. एम्बेडेड एप्लिकेशन्स : पायथन C पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि इसका उपयोग एम्बेडेड एप्लिकेशन्स के लिए एम्बेडेड C सॉफ्टवेयर बनाने के लिए किया जा सकता है। यह हमें छोटी डिवाइसेस पर हायर- लेवल एप्लिकेशन्स परफॉर्म करने में सहायता करता है, जो पायथन को कम्प्युट कर सकता है।
  • Python ki haniyan kya hai

    पायथन की हानियाँ

    कई लाभों के साथ पायथन की परफॉर्मेन्स तथा सिक्योरिटी क्षेत्रों में कुछ रूकावटें हैं। पायथन का उपयोग करते समय होने वाली हानियों का वर्णन इस प्रकार किया गया है :

    1. कम एक्जिक्युशन स्पीड : पायथन एक इन्टरप्रिटेड लैंग्वेज है, जिसका अर्थ है कि यह इन्टरप्रिटर के साथ कार्य करती है, न कि कम्पाइलर के साथ। परिणामस्वरूप, यह C, C++ जावा तथा अन्य लैंग्वेजेस की तुलना में धीरे एक्जिक्युट होती है।

    2. अधिक मेमोरी कंजम्प्शन : पायथन के स्ट्रक्चर्स अधिक मेमोरी स्पेस की डिमांड करते हैं। यह लैंग्वेज सीमित मेमोरी रेष्ट्रिक्शन्स के अंतर्गत डेवलपमेन्ट के लिए उपयोग किए जाने हेतु उपयुक्त नहीं है।

    3. मोबाइल और गेम डेवलपमेन्ट के लिए उपयुक्त नहीं है : पायथन का उपयोग अधिकतर डेस्कटॉप तथा वेब सर्वर साइड डेवलपमेन्ट में किया जाता है। यह अन्य लैंग्वेजेस की तुलना में अधिक मेमोरी कंजम्पशन और इसकी धीमी प्रोसेसिंग स्पीड के कारण मोबाइल ऐप डेवलपमेन्ट तथा गेम डेवलपमेन्ट के लिए आदर्श नहीं है।

    4. डेवलपर के रेस्ट्रिक्शन्स : एक बार जब डेवलपर को इसकी सरलता तथा सरजता की आदत हो जाती है, तो उसके लिए दूसरी लँग्वेज अपनाना बहुत मुश्किल का काम हो जाता है।

    5. कोइस में एरर डिटेक्शन: जैसा कि पायथन को कम्पाइलर के बजाए इन्टरप्रिटर के माध्यम से एक्जिक्युट किया जाता है, कम्पाइलेशन के दौरान एरर्स तथा बग्स का पता नहीं लगाया जा सकता है, और यह डेवलपर्स के लिए अच्छा नहीं है।

  • Python ke Labh

    पायथन के लाभ

    पायथन की कुछ अनूठी विशेषताएँ हैं, जो इसकी प्रोग्रामिंग को आसान बनाती हैं, इसी कारण से डेवलपर्स पायथन में कोड करना चुनते हैं। पायथन कई लाभ प्रदान करता है, जिनका वर्णन इस प्रकार किया गया है :

    1. रीड करने और सीखने में आसान है : पायथन रीड करने और सीखने के लिए बहुत आसान लैंग्वेज है। इसमें अन्य हाई-लेवल लैंग्वेजेस जैसे C या C++ के समान कॉम्प्लेक्स सिन्टेक्स नहीं हैं। कम कॉम्प्लेक्सिटी के साथ पायथन हमें अधिक स्पष्ट रूप से सोचने और लॉजिक बिल्डिंग पर फोकस करने की अनुमति प्रदान करता है।

    2. मैन्टेनेन्स कॉस्ट को कम करता है : इसकी सिम्लिसिटी के कारण पायथन एप्लिकेशन के मेन्टेनेन्स को आसान बनाता है और इस प्रकार, इसमें सम्मिलित कॉस्ट्स को भी कम कर देता है, जो कि एक बहुत बड़ा लाभ है।

    3. सॉफ्टवेयर बग्स के नुकसान से बचाता है: पायथन एप्लिकेशन के भीतर कोड बग का सेग्मेन्टेशन फॉल्ट शुरू नहीं होने देता है। इस कारण इसे पसंदीदा लैंग्वेज माना जाता है।

    4. वाइड एप्लिकेबिलिटी : इस लैंग्वेज का एक अन्य लाभ यह है कि यह व्यापक रूप से एप्लिकेबल है। इंजीनियर्स, साइंटिस्ट्स तथा मैथेमेटिशियन्स इसका व्यापक रूप से उपयोग करते हैं।

    5. मेमोरी मैनेजमेन्ट : पायथन में मेमोरी मैनेजमेन्ट कैपेबिलिटीज के साथ विशाल लाइब्रेरी सम्मिलित है, और यह इसे अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस से अलग स्थान देती है। इसमें एक प्राइवेट हिप सम्मिलित है, जिसमें सभी पायथन ऑब्जेक्ट्स और डेटा स्ट्रक्चर्स हैं। इस प्राइवेट को मेन्टेन करने के लिए बिल्ट-इन मेमोरी मैनेजर जिम्मेदार है।

  • Python ke Advantage kya hai?

    पायथन के गुण

    पायथन धीमा है। हालाँकि इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, जिसका रूकना अब लगभग नामुमकिन है, क्योंकि यह कम कोड के साथ बेहतर प्रोडक्टिविटी प्रदान करती है। इस कारण पायथन सबसे अधिक पसंद की जाने वाली लैंग्वेजेस में से एक है। पायथन में उन विशेषताओं की सूची है, जो हर किसी को इसके साथ कोडिंग करने के लिए आकर्षित करती है। :

    पायथन के गुण-

    1. लिखने में आसान: इन दिनों लैंग्वेजेस में लाइब्रेरीज की बढ़ती संख्या के साथ डेवलपर का अधिकांश समय उन्हें याद करने में चला जाता है। यह पायथन की सबसे अच्छी विशेषताओं में से एक है क्योंकि पायथन लाइब्रेरीज सिंपल इंग्लिश फ्रेजेस का उपयोग करती हैं। इस प्रकार पायथन में कोड लिखना बेहद आसान है।
    2. समझने में आसान: यह पायथन लैंग्वेज की सबसे शक्तिशाली विशेषता है, जो इसे सभी की पहली पसंद बनाती है। चूँकि इसमें उपयोग किए जाने वाले कीवर्ड्स सिंपल इंग्लिश फ्रेजेस होते है, इसलिए इसे समझना बहुत आसान है।
    3. ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड : पायथन में ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड लैंग्वेज की सभी विशेषताएँ हैं, जैसे- इन्हेरिटेन्स, मेथड ओवरराइडिंग, ऑब्जेक्ट्स आदि। इस प्रकार यह सभी पैराडिग्म्स और इसकी लाइब्रेरीज में करस्पॉडिंग फंक्शन्स को सपोर्ट करती है। यह जावा के विपरीत मल्टिपल इन्हेरिटेन्सेस के साथ इम्प्लिमेन्टेशन को भी सपोर्ट करती है।

    4. रॉबस्ट स्टैंडर्ड लाइब्रेरीज : पायथन की लाइब्रेरीज बहुत विशाल हैं, जिसमें विभिन्न मॉड्यूल्स तथा फंक्शन्स सम्मिलित हैं, जो विभिन्न डेटा टाइप्स जैसे रेग्युलर एक्सप्रेशन्स आदि में कार्य करने वाले विभिन्न ऑपरेशन्स को सपोर्ट करती है।

    5. विभिन्न प्रोग्रामिंग पैराडिग्म्स को सपोर्ट करती है : ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड लैंग्वेज की सभी विशेषताओं के सपोर्ट के साथ, पायथन प्रोसीजर ओरिएंटेड पैराडिग्म को भी सपोर्ट करता है। यह मल्टिपल इन्हेरिटेन्स को भी सपोर्ट करता है। यह अपनी विशाल तथा रॉबस्ट लाइब्रेरीज के कारण संभव है, जिसमें हर एक चीज के लिए फंक्शन सम्मिलित होता है।

  • Python Programming Language kya hai?

    पायथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड लैंग्वेज है, जिसका अर्थ यह है कि यह मॉडल रियल-वर्ल्डएन्टिटीज हो सकती है। यह डायनेमिकली टाइप्ड भी होती है क्योंकि यह रनटाइम पर टाइप-चैकिंग परफॉर्म करती है। यह ऐसा, यह सुनिश्चित करने के लिए करती है कि कन्स्ट्रक्ट का प्रकार वैसा ही होता है, जैसा कि हम चाहते हैं।

    पायथन IDLE (इन्टिग्रेटेड डेवलपमेन्ट एन्वायर्नमेन्ट) एक समय पर एक लाइन में इन्स्ट्रक्शन्स एक्जिक्यूट करता है।

    पायथन एक जनरल-पर्पस, हाई-लेवल, ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड, इन्टरप्रिटेड तथा इन्टरेक्टिव प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसे गाइडो वैन, रसम द्वारा 1985-1990 के दौरान बनाया गया था।

    जनरल पर्पस : पायथन को कई उद्देश्यों जैसे वेब डेवलपमेन्ट, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग आदि के लिए उपयोग करने हेतु बनाया गया है।

    हाई लेवल : पायथन इसके कीवर्ड्स तथा फंक्शन्स में ह्युमन रीडेबल नेम्स (इंसान द्वारा पढ़े जा सकने वाले नामों) का उपयोग करता है।

    ऑब्जेक्ट- ओरिएंटेड : पायथन, प्रोग्रामिंग की ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड स्टाइल या टेक्निक को सपोर्ट करता है जो कोड को ऑब्जेक्ट्स में इन्कैप्सुलेट करता है।

    इन्टरप्रिटेड : पायथन को इन्टरप्रिटर द्वारा रनटाइम पर प्रोसेस किया जाता है। आपको इसे एक्जिक्यूट करने से पहले आपके प्रोग्राम को कम्पाइल करने की आवश्यकता नहीं है।

    इन्टरेक्टिव : युजर, पायथन प्रॉम्प्ट को ओपन करने के साथ ही प्रोग्राम्स लिखने के लिए सीधे तौर पर इन्टरप्रिटर से इन्टरेक्ट कर सकता है।

  • Requests kya hai ?

    रिक्वेस्ट्स (Requests)

    रिक्वेस्ट्स एक रीच पायथन HTTP लाइब्रेरी है। अपाचे 2.0 लाइसेंस के अंतर्गत रिलिज की गई, रिक्वेस्ट्स HTTP रिक्वेस्ट्स को अधिक रिस्पॉन्सिव तथा युजर फ्रेंडली बनाने पर केन्द्रित है। यह पायथन लाइब्रेरी नौसिखियों के लिए वास्तव में आर्शीवाद स्वरूप है क्योंकि यह HTTP के सबसे सामान्य मेथड्स की अनुमति प्रदान करता है। आप इस लाइब्रेरी का उपयोग करके HTTP रिक्वेस्ट्स को आसानी से कस्टमाइज, इन्स्पेक्ट, आथोराइज तथा कॉन्फिगर कर सकते हैं।

    रिक्वेस्ट्स के गुण

    रिक्वेस्ट्स में बेसिक पायथन डिक्शनरीज का उपयोग करके आप पैरामीटर्स, हैडर्स, मल्टि-पार्ट फाइल्स एड कर सकते हैं, और साथ ही डेटा भी फॉर्म कर सकते हैं।

    यह एक आसान लाइब्रेरी है, जिसमें कई गुण हैं, जो आपको कस्टम हैडर्स, SSL सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन्स की अनुमति प्रदान करती है, और साथ ही URLs की ओर पैरामीटर्स को संबोधित करती है।

    रिक्वेस्ट्स के साथ आप एक समय में मल्टिपल फाइल्स अपलोड कर सकते हैं। यह आपको फास्ट तथा इफिशिएंट एन्वायर्नमेन्ट में कार्य करने की अनुमति प्रदान करता है।

    रिक्वेस्ट्स हमें आटोमेटिक डिकम्प्रेशन की सुविधा प्रदान करता है, जो आपको कम्प्रेस्ड डेटा को कुछ ही समय में उसके आथेन्टिक फॉर्म में रिस्टोर तथा रिवाइव करने की अनुमति प्रदान करता है।

    रिक्वेस्ट्स हमें HTTP प्रॉक्सी सपोर्ट की सुविधा प्रदान करता है। साथ ही युजर्स को अपनी फाइल्स तथा पेजेस के लिए तेज तथा आसान रूट प्रदान करता है।

    रिक्वेस्ट्स वैल्यु कुकीज, युनिकोड रिस्पॉन्स बॉडीज, बेसिक/डायजेस्ट आथेन्टिकेशन, थ्रेड सेफ्टी, कनेक्शन पूलिंग आदि की भी सुविधा प्रदान करता है।