भारत में साइबर लॉ (Cyber Laws in India)
भारत में, साइबर लॉ, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलाजी एक्ट, 2000 (IT एक्ट) में निहित है, जिसे 17 अक्टूबर, 2000 को लागू किया गया था। एक्ट का मुख्य उद्देश्य गवर्नमेन्ट के साथ इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स को कानूनी मान्यता प्रदान करना तथा फाइलिंग की सुविधा प्रदान करना है।
भारत के मौजूद लॉ, यहाँ तक कि सबसे कम्पेसिनेट तथा इन्टरप्रिटेशन के साथ, साइबर स्पेस में विभिन्न एक्टिविटीज को सम्मिलित करने के लिए इमरजेन्सी साबर स्पेस के प्रकाश में इन्टरप्रिंट नहीं किया जा सकता है। वास्तव में, प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस तथा जजमेन्ट के ज्ञान ने पाया कि यह बड़े खतरों और नुकसान के बिना नहीं होगा, यदि लॉ की व्याख्या नए साइबर लॉ को लागू किए बिना इमर्जिंग साइबर स्पेस के सिनेरियों में की जाए। इसलिए रेलेवेन्ट साइबर लॉ को अधिनियमित करने की आवश्यकता है।
मौजूदा लॉ में से किसी ने भी साइबर स्पेस में एक्टिविटीज की कोई लीगल वैलिडिटी या मंजूरी नहीं दी है। उदाहरण के लिए, अधिकांश युजर्स ईमेल के लिए नेट का उपयोग करते हैं। फिर भी आज तक हमारे देश में ईमेल आई कानूनी नहीं हैं।
देश में ऐसा कोई लॉ नहीं है, जो ईमेल को लीगल वैलिडिटी तथा मंजूरी देना हो। हमारे देश में न्यायालय तथा न्यायपालिका, संसद द्वारा बनाए गए किसी विशिष्ट लॉ के अभाव में ईमेल की वैलिडिटी को न्यायिक मान्यता देने में पीछे रहे हैं। ऐसे में साइबर लॉ अत्यधिक आवश्यक हो गया है।
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