(Advantages of Database Management System)
डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम में संभावित लाभ होते हैं, जिन्हें इस प्रकार दर्शाया गया है।
1. डेटा एक्सट्रेक्शन यह किसी भी सॉफ्टवेयर सिस्टम के सबसे आवश्यक लाभों में से एक है और DBMS इस फिल्ड में भी काफी कुशलता से कार्य करता है. यह एंड युजर से अननेसेसरी डिटेल्स को हाइड करता है और सिर्फ यह प्रदर्शित करता है कि उसके टास्क को कम्प्लिट करने के लिए क्या उपयोगी है। इस प्रकार, यह हिडन कॉम्प्लेक्सिटीज के ओवरहैड को भी कम करता है और इसके साथ कार्य करने के लिए आसान सिस्टम बनाता है।
2. डेटा रिडन्डेन्सी कंट्रोल : डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम ACID (एटोमिसिटी, कन्सिस्टेन्सी, आइसोलेशन तथा ड्यूरोबिलिटी) और नॉर्मलाइजेशन प्रॉपटीज का उपयोग करके रिकॉर्ड सिस्टम में कुशलता से रिडन्डेन्सी को रिमूव कर देता है।।
3. डेटा इन्कन्सिस्टेन्सी का मिनिमाइजेशन : चूँकि डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम, सिस्टम की रिडन्डेन्सी को रिड्यूस करता है, इसलिए यह आसानी से सभी इन्कन्सिस्टेन्सीज को दूर करके सिस्टम को कन्सिस्टेन्ट बनाता है।
4. डेटा मैनिप्युलेशन में आसानी DBMS डेटाबेस मैनिप्युलेटिव लैग्वेजेस का उपयोग करता है जैसे कि SQL के साथ कमांड्स, जैसे- SELECT (एक या अधिक टेबल्स से रिकॉर्ड्स के सिलेक्शन के लिए उपयोग किया जाता है), INSERT (टेबल में रिकॉर्ड्स इन्सर्ट करने के लिए). UPDATE ( रिकॉर्ड्स की एक्जिस्टिंग इन्फॉर्मेशन को अपडेट करने के लिए) और DELETE (टेबल से एक या अधिक रिकॉर्डस रिमूव करने के लिए) डेटाबेस की इन्फॉर्मेशन को menuplate karti है, जिससे कि इसे आसानी से अपडेट किया जा सके।
5. डेटा सिक्योरिटी: पूर्व फाइल सिस्टम के विपरीत डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम एक सिक्योर्ड लॉगिन पासवर्ड (एडमिन तथा युजर के लिए सेपरेट) के साथ आता है, जिसके माध्यम से युजर और एडमिन एक्सेस (चेन्जेस के लिए) का उपयोग भी काफी हद तक सिक्योर किया जा सकता है।
6. डेटा का कॉन्करंट एक्सेस मल्टिपल यूजर्स समान डेटाबेस को एक्सेस कर सकते हैं, इस प्रकार डेटा शेयरिंग संभवत: आसान हो जाती है। यूजर्स को डेटाबेस का उपयोग करने के लिए किसी विशेष स्थान के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती हैं, वे अपनी आसानी और डेटाबेस के बेसिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर आवश्यकताओं के अनुसार इसका उपयोग कर सकते हैं।
7. इम्प्रूव्ड डेटा एक्सेस : डेटा को सॉर्टेड तरीके से स्टोर किया जाता है, जो डेटा एक्सेस को बेहद कुशल तथा आसान बनाता है। यूजर, एक्सेस और रिडन्डेन्ड रिकॉड्स (जिनकी उसे आवश्यकता है, के अलावा) के बारे में परेशान हुए बिना सीधे तौर पर रिट्राइव कर सकता है। यह काफी समय बचाता है।
8. डेटा इन्डिपेन्डेन्स : किसी विशेष डेटाबेस में स्टोर किया गया डेटा अन्य डेटा से पूरी तरह इन्डिपेन्डेन्ट होता है। हम किसी अन्य डेटा पर विचार कि बिना अपनी पसंद के डेटा की तलाश कर सकते हैं।
9. स्टैंडर्ड्स को इन्फोर्स किया जा सकता है चूँकि DBMS एक सेंट्रल सिस्टम है, इसलिए स्टैंडर्ड्स को आसानी से इन्फोर्स (लागू) किया जा सकता है। यह कंपनी लेबल, डिपार्टमेन्ट लेवल, नेशनल लेवल या इंटरनेशनल लेवल पर कि जा सकता है। स्टैंडर्डाइज्ड डेटा, डेटा के माइग्रेशन या इंटरचेंजिंग के दौरान अत्यंत सहायक होना है। फाइल सिस्टम एक इन्डिपेन्डेन्ट सिस्टम होता है, इसलिए स्टैंडर्ड को कई इन्डिपेन्डेन्ट एप्लिकेशन्स में आसानी से इन्फोर्स नहीं किया जा सकता है।
10. अनथोराइज्ड एक्सेस को रेस्ट्रिक्ट करता है जब मल्टिपल युजर्स एक डेटाबेस शेयर करते हैं, तो यह संभावना होती है कि कुछ यूजर्स डेटाबेस में सभी इन्फॉर्मेशन को एक्सेस करने के लिए आधोराइज नहीं होंगेDBMS सिक्योरिटी तथा आथोराइजेशन सबसिस्टम प्रदान करता है, जिसका उपयोग DBA अकाउंट्स क्रिएट करने तथा अकाउंट रेस्ट्रिक्शन्स को स्पेसिफाय करने के लिए करता है। इसके बाद DBMS इन रेस्ट्रिक्शन्स को स्वचालित रूप से इन्फोर्स करता है।
11. बैकअप तथा रिकवरी प्रदान करता है DBMS को हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर फैल्योर्स से रिकवर करने के लिए सुविधाएँ प्रदान करना आवश्यक है। DBMS का बैकअप तथा रिकवरी सबसिस्टम, रिकवरी के लिए जिम्मेदार होता है। उदाहरण के लिए, यदि कम्प्यूटर सिस्टम किसी कॉम्प्लेक्स अपडेट प्रोग्राम के बीच में फैल हो जाता है, तो रिकवरी सबसिस्टम या सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है कि डेटाबेस उस स्टेट रिस्टोर होता है जिस स्टेट में यह प्रोग्राम के एक्जिक्युशन की शुरूआत होने से पहले था ।
12. डेटा मॉडल डेवलप किया जा सकता है: सेंट्रलाइज्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स डेटा तथा इंटरफाइल रिलेशनशिप्स को रिप्रेजेन्ट करने में सक्षम होता है, जो परिणामस्वरूप बेहतर डेटा मॉडलिंग प्रॉपर्टीज प्रदान करता है। रिलेशनल मॉडल की डेटा बनाने की प्रॉपर्टी एन्टिटी तथा उनकी रिलेशनशिप पर आधारित होती है।