सन् 1940 में विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटिंग (electromechanical computing) शिखर पर पहुँच चुकी थी। आई. बी. एम.(TBM) के चार शीर्ष इंजीनियरों व डॉ. हॉवर्ड आईकेन (Dr. Howard Aiken) (1900- 1973) ने सन् 1944 में एक मशीन को विकसित किया यह विश्व का सबसे पहला विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटर (Electromechanical Computer) था।
इसका नाम ऑटोमेटिक सीक्वेन्स कन्ट्रोल्ड केल्कुलेटर (Automatic Sequence Controlled Calculator) रखा गया। इसे हावर्ड विश्वविद्यालय को सन् 1944 के फरवरी महीने में भेजा गया
जो विश्वविद्यालय में 7 अगस्त 1944 को प्राप्त हुआ। इसी विश्वविद्यालय में इसका नाम मार्क | पड़ा
मार्क – I में 500 मील लम्बाई के तार व 30 लाख विद्युत संयोजन (connections) थे। यह 6 सैकण्ड में एक गुणा (multiplication) और 12 सेकण्ड में एक भाग (division) की क्रिया कर सकता था।
19 वीं शताब्दी के चौथे दशक के मध्य में इलेक्ट्रॉनिक अवधारणाएँ (concepts) तेजी से बढ़ रही थीं। इनसे कम्प्यूटर भी अछूते नहीं थे।
आई.बी.एम. मार्क इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी (technology) के आने के साथ ही पुराना हो गया। इस प्रौद्योगिकी में केवल विद्युतीय धारा द्वारा निर्मित संकेत ही आवश्यकताओं को प्रोसेस करते थे
इस प्रौद्योगिकी पर आधारित डिवाइसेज में किसी movable पुर्जे को आवश्यकता नहीं थी। अतः यह तेज सिद्ध हुआ।