Electronic Cash system kya hai?

इलेक्ट्रॉनिक नकद (Electronic Cash)

इलेक्ट्रॉनिक नकद (ई-नकद) ऑनलाइन भुगतान प्रणाली में नयी अवधारणा है क्योंकि इसमें सुरक्षा तथा प्राइवेसी के साथ कम्प्यूटरीकृत सहूलत भी होता है जो कागजी मुद्रा से बेहतर है।

इसका सार्वभौमिकता (versatility) नये बाजारों तथा अनुप्रयोगों को परिचित कराता है। ई-नकद में कई रोचक लक्षण होते हैं जो इंटरनेट पर भुगतान के आकर्षक विकल्प के रूप में विकसित हो सकते हैं।

ई-नकद उपभोक्ता प्रदत्त इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली में मुख्य भुगतान वाहक के रूप में नकदी भुगतान का स्थान लेने पर फोकस करता है।

यद्यपि यह कुछ के लिए आश्चर्यजनक हो सकता है, नकद आज भी सबसे अधिक प्रचलित उपभोक्ता भुगतान उपकरण है।

यह स्थिति 30 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली में लगातार विकास होने के बाद भी है। नकद निम्नलिखित कारणों से आज भी भुगतान का सबसे प्रभावी रूप है-

नकदरहित व्यापार का अक्षम निपटारा (settlement) तथा क्लियरिंग (clearing) प्रणाली

बैंकिंग प्रणाली में विश्वास की कमी

बैंक जमा में नकारात्मक वास्तविक ब्याज दर

उपरोक्त कारण विकासशील देशों में प्राथमिक मुद्दों के रूप में देखा जाता है। यहाँ तक कि अधिकतर औद्योगीकृत दशा में, रुपये तथा सिक्कों का अनुपात सर्कुलेशन (circulation) में प्रति कैपिटा (per capita) से अधिक है।

अनुमानतः यह $446 से $2748 तक है। दुनिया के दो अत्यधिक औद्योगिकृत देशों यूनाइटेड स्टेटस तथा यूनाइटेड किंगडम की स्थिति पर विचार करते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स में 1992 में 300 अरब डॉलर रुपये तथा सिक्के सर्कुलेशन (circulation) में थे।

मजेदार बात यह है कि यह संख्या कम नहीं हो रहा है बल्कि 8 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। चेक के द्वारा धन जमा करने की प्रक्रिया 6 प्रतिशत प्रति वर्ष बढ़ रहे हैं।

नकद का प्रधानता (predominance) नवीन (innovative) व्यापार तरीके के अवसर की ओर इंगित करता है जो खरीददारी प्रक्रिया को स्मार्ट बनाता है जहाँ उपभोक्ता मूलतः नकद को माध्यम के रूप में प्रयोग करते हैं।

नकद को प्रतिस्थापित (displace) करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली में नकद (cash) के कुछ गुणों को समाहित करना होगा जो आज के क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड में सम्भवतः नहीं है।

उदाहरण के लिए नकद विनिमेय (negotiable) होता है अर्थात् यह किसी और को भी दिया जा सकता है। नकद कानूनी प्रस्ताव (legal tender) होता है अर्थात् लेने वाला लेने के लिए कृतज्ञ (obligated) होता है।

नकद धारक उपकरण (bearer instrument) होता है अर्थात् इसका अधिकार मालिकाना सबूत का प्रथम आधार होता है। अर्थात् यदि आपके पास नकद है तो इसके मालिक उस समय आप हैं।

इसके साथ ही, नकद किसी के द्वारा रखा तथा प्रयोग किया जा सकता है यहाँ तक कि उनके पास भी यह हो सकता है जिनका कोई बैंक खाता नहीं है।

तथा प्राप्तकर्ता की ओर से नकद प्राप्त करने में कोई खतरा नहीं है अर्थात् इसमें माध्यम के अच्छे या बुरे होने का कोई खतरा नहीं है।

अब क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड की तुलना नकद से करते हैं। पहला, ये आपके पास होने चाहिए क्योंकि ये निर्गतकर्ता (issuer), जोकि कार्ड मालिक होता है का पहचान पत्र होता है।

साथ ही एक विशेष प्रयोक्ता तक ही सीमित होता है। क्रेडिट तथा डेबिट कार्ड कानूनी प्रस्ताव नहीं होते हैं। अतः व्यापारियों को अधिकार होता है कि वे इसे स्वीकार करने से इंकार कर दें।

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