ES Applications kya hai?

ES एप्लीकेशन्स (ES Applications)

एक्सपर्ट सिस्टम का डिजाइन व निमार्ण विभिन्न क्षेत्रों, जैसे लेखा, दवाइयाँ, प्रोसेस- नियंत्रण, उत्पादन, मानव स्रोत आदि में प्रयोग के लिए हुआ है।

वास्तव में, एक सफल एक्सपर्ट सिस्टम की नींव एक तकनीकी तरीकों के क्रम तथा विकास पर निर्भर है जो तकनीक विशेषज्ञों व संबंधित एक्सपटों द्वारा डिजाइन किया गया है।

जब कोई कार्पोरेशन किसी एक्सपर्ट सिस्टम को विकसित एवं आरंभ करना शुरू करता है, तब यह स्वयं द्वारा स्रोत इन-सोर्सिंग या आउट सोर्सिंग तकनीक अपनाता है।

यद्यपि एक्सपर्ट सिस्टम्स ने AI खोज में एक अपनी ही पहचान बना ली है तथापि इनकी एप्लीकेशन सीमित है। एक्सपर्ट सिस्टम अपने जानकारी के क्षेत्र में थोड़ा कमजोर है।

एक मजेदार उदाहरण- एक रिसर्चर ने अपनी जंग लगी कार एक त्वचा के डॉक्टर को ये कहकर दिखाई जैसे उसे मीजल हो गए हैं। इस प्रकार ये सिस्टम ऐसी गलतियाँ करते हैं जिन्हें मानव आसानी से ढूँढ लेते हैं।

इसके अलावा यह भी पता चला कि साधारण सब-सिस्टम उसी तरीके का प्रयोग कर रहे हैं जिसका प्रयोग निर्णय लेते समय हम काफी समय से कर रहे हैं। इसलिए कई एक्सपर्ट सिस्टम की तकनीकें अभी भी काफी विषम प्रोग्रामों में पाई जा सकती हैं।

एक्सपर्ट सिस्टम की सीमाओं का एक बहुत अच्छा उदाहरण तथा प्रदर्शन जो कई लोगों द्वारा उपयोग किया जाता है- Microsoft Windows ऑपरेटिंग सिस्टम समस्या सुलझाने का सॉफ्टवेयर टॉस्कबार मेन्यू के ‘Help’ सेक्शन में होता है।

ऐसे तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता मिलना अक्सर कठिन होता है जो ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास में शामिल न हुए हों। Microsoft ने अपना एक्सपर्ट सिस्टम समस्या सुलझाने, सुझाव देने, साधारण गलतियाँ सुधारने जो कि ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रयोग के समय आती हैं, के लिए बनाया व डिजाइन किया है।

1970 व 1980 के दशक के अन्य एक्सपर्ट सिस्टम जिन्हें आजकल हम AI कहते हैं, कम्प्यूटर खेलों में थे। उदाहरण के लिए, कम्प्यूटर बेसबॉल गेम, अर्ल वीवर बेसबॉल और टोनी ला रूसा बेसबॉल इन गेमों में विस्तृत रूप में खेलों की सिमुलेशन थी जिनमें दो बेसबॉल मैनेजरों की गेम की नीतियाँ भी शामिल थीं।

जब कोई व्यक्ति ये गेम कम्प्यूटर में खेलता था तो कम्प्यूटर पूछता था कि अर्ल वीवर या टोनी ला रूसा एक्सपर्ट सिस्टम में से किसकी नीतियों का पालन करना है।

फिर भी कुछ स्थितियों में चुनाव प्राकृतिक सिस्टम द्वारा होता था (जैसे-जब खिलाड़ी भाग रहा हो, तो किस प्रकार से बेस का प्रयोग करना है), इसका निर्णय वीवर या ला रूसा द्वारा प्रदान की गई प्रोबेबिलिटी के आधार पर होता था। आज हम आराम से कहेंगे कि “गेम की कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने प्रतिद्वंद्वी मैनेजर की नीतियाँ प्रदान की हैं।”

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