अधिकतर पी0 सी0 यूजर इस परिकल्पना से परिचित हैं कि हार्ड डिस्क के साथ ही सभी स्टोरेज मीडिया को उपयोग में लाने से पहले फॉरमेंट किया जाता है।
आमतौर पर फॉरमेटिंग के अर्थ तथा इसके कार्य के सम्बन्ध में कुछ भ्रम होता है। यह तथ्य और पेंचीदा (complicated) इस बात से हो जाता है
कि आधुनिक हार्ड डिस्क पुराने हार्ड डिस्क की भाँति फॉरमेंट नहीं की जाती हैं तथा इस तथ्य से भी भ्रम को स्थिति मजबूत हो जाती है
कि फॉरमेटिंग के लिए प्रयुक्त होने वाली यूटिलिटिज (utilities) हार्ड डिस्क और फ्लॉपी डिस्क दोनों के लिए अलग- अलग तरह से व्यवहार करती हैं। इस खण्ड में हम फॉरमेटिंग से संबंधित चर्चा करेंगे।
फॉरमेटिंग स्टेप्स (Formatting Steps )
कई पौ. सी. यूजर यह नहीं समझते कि हार्ड डिस्क को फॉरमेटिंग एक स्टेप में पूरी नहीं होती है। वस्तुतः इसमें तीन स्टेप्स प्रयुक्त होते हैं।
निम्नस्तरीय फॉरमेटिंग (Low Level Formatting)
यह डिस्क की मुख्य फॉरमेटिंग प्रक्रिया है। यह हार्ड डिस्क पर फिजीकल स्ट्रक्चर (ट्रैक्स, सेक्टर्स, कंट्रोल सूचना) का निर्माण करती है।
सामान्यतः यह स्टेप हार्ड डिस्क प्लेटर्स को बिल्कुल साफ एवं सूचना रहित करने की प्रक्रिया से शुरू होता है।
पार्टिनिंग (Partitioning)
यह प्रक्रिया डिस्क को लॉजीकल टुकड़ों (fragments) में विभक्त करती है जो अलग-अलग हार्ड डिस्क वॉल्यूम (volume) बनते हैं
जिसे हम ड्राइव लैटर (D.E.F इत्यादि) के नाम से जानते हैं। यह एक ऑपरेटिंग सिस्टम फंक्शन होता है।
उच्च स्तरीय फॉरमेटिंग (High Level Formatting)
यह अंतिम स्टेप भी ऑपरेटिंग सिस्टम स्तर का ही निर्देश (instruction) है। यह पार्टिशन्स पर लॉजिकल स्ट्रक्चर (Logical Structure) को परिभाषित करता है
तथा आवश्यक ऑपरेटिंग सिस्टम फाइलों को डिस्क के शुरू में स्थित करता है । जैसा कि आप देख सकते हैं
तीन पदों में से दो फॉरमेटिंग हैं तथा शब्द का दोहरा प्रयोग ही भ्रम पैदा करता है जब भी फॉरमेटिंग शब्द का प्रयोग होता है।
इसमें एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जब डॉस की Format कमाण्ड का प्रयोग हार्ड डिस्क पर करते हैं
तो यह फ्लॉपी डिस्क से बिल्कुल अलग होती है। फ्लॉपी डिस्क की बिल्कुल सामान्य तथा स्टैण्डर्ड ज्यायमिति (geometry) होती है
तथा इसे बाँटा नहीं जा सकता है। इसलिए FORMAT कमाण्ड फ्लॉपी डिस्क के स्वतः निम्न स्तरीय तथा उच्च स्तरीय फॉर्मेट के लिए प्रोग्राम की हुई होती है।
हार्ड डिस्क के लिए FORMAT केवल उच्च स्तरीय फॉरमेट करती है। निम्नस्तरीय फॉर्मेटिंग नयो हार्ड डिस्क में कम्पनी से होकर आती है।
निम्न स्तरीय फॉरमेटिंग (Low Level Formatting)
निम्न स्तरीय फॉरमेटिंग हार्ड डिस्क पर ट्रैक्स तथा सेक्टरस के स्थान की रूपरेखा बनाने तथा कंट्रोल स्ट्रक्चर जो ट्रैक्स तथा सेक्टर्स कहाँ है को परिभाषित करता है के लिखने की प्रक्रिया है।
यह अक्सर वास्तविक फॉरमेटिंग परिचालन कहा जाता है क्योंकि यही फिजीकल फॉरमेट को निर्मित करता है जो यह परिभाषित करता है
कि डिस्क में डाटा कहाँ स्टार है। पहली चार जब निम्नस्तरीय फॉरमेट हार्ड डिस्क पर निष्पादित किया जाता है
तब डिस्क प्लेटर खाली होना शुरू होता है। यदि उस डिस्क पर जिसमें पहले से डाटा उपलब्ध है निम्नस्तरीय फॉरमेटिंग किया जाये तो उस पर का डाटा मिट जाता है
उच्च स्तरीय फॉरमेटिंग (High Level Formatting)
निम्न स्तरीय फॉरमेटिंग के पूरा हो जाने के बाद हमें बिल्कुल ट्रैक्स तथा सेक्टरस में व्यवस्थित डिस्क प्राप्त होती हैं।
उच्च स्तरीय फॉरमेटिंग डिस्क पर फाइल सिस्टम स्ट्रक्चर लिखे जाने की प्रक्रिया होता है जो डाटा व प्रोग्राम को डिस्क पर संगृहीत होने देता है।
यदि आप इस काम के लिए डॉस के FORMAT कमाण्ड का प्रयोग कर रहे हो तो यह डिस्क मास्टर बूट रिकॉर्ड (Master Boot Record)
तथा फाइल एलोकेशन टेबल्स (File Allocation Tables) जैसी स्ट्रक्चर लिखने का कार्य करता है।
उच्च स्तरीय फॉरमेटिंग तभी पूर्ण होती है जब हार्ड डिस्क का पार्टिशन हुआ हो यहाँ तक कि एक ही पार्टिशन का प्रयोग क्यों न हो उच्च स्तरीय फॉरमेटिंग तथा निम्न स्तरीय फॉरमेटिंग के बीच का अंतर जानना आवश्यक है।
मिटाने के लिए निम्न स्तरीय फॉरमेंट का करना आवश्यक नहीं है। अधिकतर उद्देश्यों के लिए उच्च स्तरीय फॉरमेट ही काफी है।
अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम अलग-अलग उच्च स्तरीय फॉरमेट प्रोग्राम का प्रयोग करते हैं क्योंकि वे अलग-अलग फाइल सिस्टम का प्रयोग करते हैं ।
किन्तु निम्न स्तरीय फॉरमेट वास्तविक स्थान है जहाँ ट्रेक्स तथा सेक्टरस का रिकार्ड किया जाता है, सभी एक हो जैसा होता है ।