Knowledge Based Engineering(KBE) kya hai

जानकारी पर आधारित इंजीनियरिंग (Knowledge Based Engineering)

KBE कम्प्यूटर एडिड डिजाइन (CAD) में प्रयुक्त होने वाला अनुशासन है तथा नॉलेज बेस्ड सिस्टम्स की उनके कार्यों के अनुसार कई परिभाषाएँ हैं। पहला सपोर्ट उपकरण उत्पाद को डिजायन करने हेतु डिजायन इंजीनियर ने प्रयोग किया था। KBE प्रोटोटाइपों की सफलता बहुत थी तथा इसके फलस्वरूप KBE को डिजाइन का एक अच्छा माध्यम माना गया जिसमें मानव का हस्तक्षेप बहुत कम था।

KBE के कार्य उत्पाद जीवन-चक्र प्रबंध व बहु-अनुशासित डिजाइन से संबंध रखते हैं तथा इसका काफी विस्तार है। इसमें डिजाइन, विश्लेषण (कम्प्यूटर एडिड इंजीनियरिंग CAE) उत्पादन, तथा सपोर्ट आते हैं। इसमें KBE एक बहु-अनुशासित रोल अदा करता है जो कि बहुत-सी कम्प्यूटर एडिड तकनीकों (CAX) से संबंध रखता है।

KBE की साधारणतः अधिक ओवरटोन है। एक प्रमुख रोल जानकारी प्रबंध व डिजाइन आटोमेशन के बीच पुल बाँधना है। जानकारी को प्रोसेस करना एक आधुनिक सफलता है। इसने इंजीनियरिंग में एक सफल रोल अदा किया है तथा इसमें अभी बदलाव हो रहे हैं। KBE का एक उदाहरण मैकेनिकल डिजाइन है तथा अन्य भी हैं। KBE कम्प्यूटर ऐप्लिकेशनों का आधुनिकरूप है जो CAX को सपोर्ट करता है (कुछ फार्म में व्यक्तियों के लिए बहुत कम्प्यूटिंग फ्लेवर होता है)।

KBE तथा CAX

CAX बहुत-सी सीमाओं को तोड़कर PLM के लिए आवाज का आधार प्रदान करता है। एक तरह से CAX एक विज्ञान है बहुत सारे इंजीनियरिंग तथा उसके संबंधित क्षेत्र के अनुशासनों में प्रयुक्त होता है। पदार्थ विज्ञान का ख्याल मन में आता है। KBE का CAX सपोर्ट कुछ-कुछ PLM के सपोर्ट से मिलता-जुलता है, परन्तु आगे-आगे ये अंतर बड़े होते जायेंगे।

CAX लेबल पर KBE का फ्लेवर एक शक्तिशाली व्यावहारिक फ्लेवर है। ऑब्जेक्ट ओरियेन्टिड को ध्यान में रखकर, ऐन्टिटी का प्रयोग बहुत प्राकृतिक है और बिल्कुल बेकार नहीं है। एक वेण्डर की अप्रोच वर्कबेंच के द्वारा स्ट्रीब्यूट तथा मेथड को उप भागों में (ऑब्जेक्ट) अथवा उपभागों को मिलाकर एक भाग में एम्बेड (embed) करने का साधन प्रदान करती है।

औसत रूप में एक व्यक्ति के कार्य से इवेंट उत्पन्न होते हैं। इस तथ्य से एक समस्या का जन्म होता है जो कि नॉन-डिटरमिनिस्टिक मिक्सचर का नियंत्रण है। निर्णय लेने की यह विशेषता और ज्यादा गहरी होती जाती है जब हम KBE सिस्टम के सब- लेबल तथा PLM के विस्तार की बात करते हैं।

KBE तथा जानकारी प्रबंधन (KBE and knowledge Management)

KBE जानकारी प्रबंधन से संबंधित है जिसके अपने काफी लेवल हैं। इसकी कुछ एप्रोच कम हो सकती है क्योंकि वह जानकारी मॉडलिंग को प्रोग्रामिंग का आधार देती है। परन्तु KBE संरचना तथा व्यवहार दोनों में कुछ विषम है। इसलिए इसका प्रयोग कुछ स्थितियों में सीमित हो सकता है। कॉम्पलेक्सिटी थ्योरी के लिंक को ध्यान में रखें।

जानकारी के लिए KBE अत्यंत मजेदार विषय है क्योंकि इसमें कई परतें हैं जो गणित पर आधारित हैं। व्यक्ति को सिर्फ ‘असली संसार’ में KBE की प्रोसेस के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर कम्प्यूटेशनल तकनीकों का प्रयोग करना है। निष्कर्ष के रूप में KBE विज्ञान और इंजीनियरिंग का वह भाग है जो कभी अपना मजेदार अस्तित्व नहीं खो सकता।

KBE कार्यप्रणाली (KBE Methodology)

KBE ऐप्लिकेशनों के विकास में उन्हें ढूँढ़ना, समझना, पकड़ना, संरचना देना तथा अंत में इंप्लीमेन्ट करना शामिल है। कई KBE प्लेटफार्म सिर्फ इंपलीमेंट को सपोर्ट करते हैं, जो कि सिर्फ एक ही समस्या नहीं है। विकास करने और उसे बनाए रखने में सही कार्यप्रणाली पर निर्भर रहना अत्यन्त आवश्यक है। उदाहरण के लिए, EV प्रोजेक्ट MOKA मेथडॉलॉजी और टूल ओरिएन्टिड नॉलेज बेस्ड ऐप्लिकेशन का प्रयोग समस्याओं को हल करने, ऐप्लिकेशनों को सही संरचना देने व इम्प्लीमेन्ट करने में करता है।

KBE की भाषाएं (Languages For KBE)

KBE कम्प्लीमेन्टेशन के विषय में कुछ प्रश्न हो सकते हैं। क्या हम बिना विक्रेता को ध्यान में रखे जानकारी को दर्शा सकते हैं ? क्या हम दसियों साल तक जानकारी को अपने डिजाइनों में बचाकर रख सकते हैं, जब विक्रेता सिस्टम खत्म हो जाएगा? ये प्रश्न 2005 के एरोस्पेस COE प्रेजेन्टेशन, ‘अ प्रपोजल फॉर CATIA V6’ में लॉकहीड मार्टिन के वॉल्टर विल्सन ने उठाये थे।

श्री विल्सन ने डाटा को डिजाइन करने की एक खास प्रकार की प्रोग्रामिंग भाषा का जिक्र किया- एक फाइल के फॉरमैट

की बजाय ऑपरेशन, पैरामीटर, फॉरमूला इत्यादि का प्रयोग हो। कोई डाटा सिर्फ एक CAD सिस्टम से ही बन्धित नहीं होगा।

STEP की तरह जो सिर्फ व्यापारिक CAD सिस्टमों को सपोर्ट करती है, प्रोग्रामिंग द्वारा नए डिजाइन तैयार किए जाएंगे।

अपनी सरलता एवं विस्तार के कारण इंजीनियरिंग डिजाइन हेतु एक लॉजिक प्रोग्रामिंग भाषा का सुझाव रखा गया। इसकी ज्यामिती की विशेषताएँ इंजीनियरों को ऐल्गोरिद्म पर नियंत्रण रखने तथा डाटा को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में सहायक होंगी।

KBE का भविष्य (KBE Future)

KBE एक बहु-अनुशासित फ्रेमवर्क है जिसमें अधिक क्रियात्मक विचार हैं। इसमें KBE सिर्फ कम्प्यूटेशनल समस्याएँ ही नहीं (ऑन्टोलॉजी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऐन्ट्सकैडन्गस प्रोब्लम, इंटरैक्टिव कम्प्यूटेशन, कैटेगरी थ्योरी….) बल्कि लॉजिक (रैमिफिकेशन, फ्रेम व क्वालिफिकेशन से जुड़ी समस्याएँ) सभी विज्ञान व इसमें बदलाव तथा इससे संबंधित निर्णयों में भी सहायक होगी। मानव संसार और कम्प्यूटेशनल संसार में तालमेल स्थापित करने के लिए इससे बेहतर कौन-सा फ्रेमवर्क होगा?

कार्य प्रणालियों व इनसे संबंधित माध्यमों से KBE बहुत सारे विभिन्न पैराडिम्स् को सपोर्ट करती है। यह नीतिबद्ध तरीके से परिभाषित हुई है जिसमें वे उपकरण हैं जो चौड़ाई व गहराई दोनों से युक्त हैं। एक निरंतर चलने वाला उद्देश्य KBE की परिभाषाओं को एक अनुशासन के रूप में ढालना तथा तुलनात्मक मात्राओं का प्रबंधन करना है। एक मुख्य समस्या जो इसको सीमित करती है, वह कम्प्यूटेशनल है। इसका अध्ययन एक बहु-अनुशासित ध्यान व क्वासी ऐम्पिरिकल की समझ से होना आवश्यक है। KBE की जानकारी पर ध्यान देकर, एक अन्य समस्या कम्प्यूटेशनल आधार की जानकारी की सीमा होना है, शायद मानव और मशीन में और आधुनिक प्रकार के इंटरफेस आ जाएं।

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