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  • Atrificial Intelligence kya hai?

    अप्राकृतिक या कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Atrificial Intelligence)

    अप्राकृतिक या कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीनों के कॉग्निटिव अध्ययन से संबंधित है। इसका मुख्य उद्देश्य इन्सानियत बुद्धिमत्ता को कम्प्यूटर में डालना है।

    कॉग्निटिव अध्ययन के लिए कम्प्यूटरों का भी भरपूर प्रयोग होता है इन्सानी बुद्धिमत्ता की संरचना को समझने के लिए कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग सिमुलेशन (simulation) का प्रयोग करती है।

    मस्तिष्क को छोटे परन्तु स्वतंत्र तत्वों जैसे न्यूरॉन का ऐरे समझा जाए अथवा उच्च श्रेणी की संरचना जैसे संकेत, स्कीमाज, योजनायें तथा नियम यह आज भी विवाद का विषय है।

    पहली सोच मस्तिष्क के अध्ययन के लिये कनेक्शनिज्म का उपयोग करती है जबकि दूसरी सांकेतिक कम्प्यूटेशन पर जोर देती है।

    इस विषय को देखने का एक तरीका है कि क्या मनुष्य के मस्तिष्क को उचित ढंग से कम्प्यूटर पर सिमुलेट किया जा सकता है बिना न्यूरॉन को सिमुलेट किये जो मनुष्य के मस्तिष्क का निर्माण करते हैं।

    ध्यान ही मुख्य जानकारी का चुनाव है। मानव मस्तिष्क ऐसी सैकड़ों कोशिकाओं का केन्द्र है जो कार्यप्रणाली का निर्णय करता है।

    कभी-कभी किसी एक विशेष जानकारी पर ही ध्यान केन्द्रित करना कोई हल होता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रयोग सबसे पहले जॉन मैकार्थी ने किया है, इसका अर्थ विज्ञान व इंजीनियरिंग का प्रयोग बुद्धिमान मशीनें बनाने के लिए था।

    यह बुद्धिमत्ता अप्रकृतिक, मानव-निर्मित व कृत्रिम है। जब ‘AT शब्द का प्रयोग होता है, कंप्यूटेशनल व सिंथेटिक बुद्धिमत्ता का प्रयोग अधिक सही लगता है।

    इन सिस्टम्स को भागों में बांटने के लिए कमजोर व शक्तिशाली AI का प्रयोग किया जाता है। AI विभिन्न क्षेत्रों, जैसे कंप्यूटर विज्ञान, मनोविज्ञान, फिलॉसफी, न्यूरो-विज्ञान, इंजीनियरिंग व व्यावहारिक विज्ञान आदि में प्रयुक्त होती है। इसका प्रयोग कंप्यूटर व अन्य मशीनों द्वारा होता है।

    AI के विषय में खोज यह बताती है कि ऑटोमेटिक मशीनों का उत्पादन किस प्रकार हो। उदाहरणार्थ, नियंत्रण, नियोजन, समय-सारणी बनाने, हस्तलिपि, प्रश्नों के उत्तर देने की क्षमता, प्राकृतिक भाषा, भाषण, तथा मुख पहचानना आदि।

    AI का अध्ययन भी एक इंजीनियरिंग अनुशासन बन गया है जो जिंदगी से जुड़ी समस्याओं का समाधान देता है। यह कम्प्यूटर शतरंज, विडियो गेम, साफ्टवेयर एप्लिकेशन आदि में भी सहायक है।

    AI की सबसे कठिन समस्या इसका विस्तृत स्वरूप है। कई मशीनों का निर्माण हुआ है जो अद्भुत कार्य कर सकती हैं, परन्तु AI के क्षेत्र में कोई ऐसी मशीन नहीं बनी है।

  • CISC & RISC Kya Hai?

    सिस्क से तात्पर्य कॉम्प्लेक्स इंस्ट्रक्शन सेट कम्प्यूटर है । सिस्क चिए जैस मोराटोला 68040 या इण्टेल, पेण्टियम प्रोग्रामर्स को कई इंस्ट्रक्शन प्रदान करते हैं।

    साथ ही इसमें प्रोसेसिंग सर्किटरी होता है जिसमें कई विशिष्ट उद्देशीय सर्किट होते हैं जो उच्च गति के साथ इन इंस्ट्रक्शन्स का एक्जिक्यूट करते हैं।

    क्योंकि चिप में हर सारे प्रोसेसिंग दुल्स (tools) होते हैं| सिस्क डिजायन प्रोग्रामर के काम को आसान बना देता है । सिस्क चिप्स जटिल (complex) तथा महंगे होते हैं तथा थे।

    ज्यादा विद्युत धारा खपत करने के कारण गर्म हो जाते हैं। रिस्क से तात्पर्य रिड्यूसर इंस्ट्रक्शन सेट कम्प्यूटर (Reduced Instruction Set Computer) हैं।

    रिस्क चीप बेयर बोन्स (bare bones) इंस्ट्रक्शन सेट प्रदान करता है । इस कारण रिस्क चिप्स कम जटिल होते हैं तथा ये कम महंगे और ऊर्जा उपभोग (power usage) में अधिक दक्ष (efficient) होते.हैं।

    रिस्क डिजायन की कमी यह है कि कम्प्यूटर को कई प्रोसेसिंग ऑपरेशन्स को पूरा करने के लिए ऑपरेशन्स को दोहराना पड़ता है । सिस्क चिप्स की अपेक्षाकृत रिस्क चिप्स तेज प्रोसेसिंग प्रदान करते हैं ।

  • Intelligence kya hai?

    बुद्धिमत्ता (Intelligence)

    हमारी प्रमुख परिभाषा ‘ब्रिटानिका ऐन्साइक्लोपीडिया’ से ली गई है- किसी वातावरण में ढलने की योग्यता या तो व्यक्ति के स्वयं में बदलाव से या वातावरण में बदलाव से होती है या फिर नया वातावरण ही ढूँढ़ने से बुद्धिमत्ता हार्डवेयर से स्वतंत्र है तथा इसका वर्णन ऐब्सट्रैक्ट लेवल पर हो सकता है परन्तु कॉग्निशन तो गणना या कम्प्यूटेशन है।

    रोशनी की गति की तरह सोचना, परमाणु स्केल के पदार्थों को मापना, अपने आपको शरीर की सीमाओं से परे रखना, इन्सानियत एक दिन इस संसार पर विजय पा लेगी।

    यह अपने आपके लिए नई राहों की खोज करेगी। यह खोए हुए संसार को दुबारा बनाएगी व मृत को पुनर्जीवित करेगी। सोच व हकीकत में केवल कुछ ही अंतर रह जाएगा।

    यहाँ हम अप्राकृतिक जिन्दगी को लालचपूर्ण निगाहों से देखते हैं। यह शरीर की सीमाओं से परे तथा भविष्य की शक्ति का निश्चय करती हैं। सीमाएँ शक्ति की इच्छा जागृत करती हैं, और शक्ति का निश्चय इन सारी सीमाओं को पार पाना चाहता है।

    शब्दकोष में बुद्धिमत्ता का अर्थ ‘जानकारी प्राप्त करने व प्रयोग करने की क्षमता’ तथा ‘सोच व कारण के गुर’ हैं। साधारणतः बुद्धिमत्ता विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी प्राप्त करने व उसे प्रयोग करने की योग्यता से संबंधित है।

    यह विभिन्न विषयों पर सोचने तथा तर्क करने की योग्यता से भी संबंधित होती है। बुद्धिमता केवल एक क्षेत्र जैसे शतरंज खेलना, भाषाएँ या गणित के बारे में ही जानकारी प्राप्त करना नहीं है बल्कि यह विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित की गयी योग्यता से संबंधित होती है।

    गार्डनर की मल्टीपल इन्टेलीजेन्स थ्योरी कहती है कि बुद्धिमत्ता का बँटवारा विभिन्न विशेष इन्टेलीजेन्स घटकों क्षेत्रों में हो सकता है;

    जैसे लॉजिकल, गणित, संगीत, लिंगुइस्टिक्स, प्राकृतिक क्षेत्र, सैप्टियल, शारीरिक ज्ञान, या इन्टर/इन्टरा पर्सनल विस्तृत सोच में यह स्पष्ट है कि वैयक्तिक बुद्धिमत्ता कोई साधारण विषय नहीं है। हमारी बुद्धिमत्ता हमारे अनुभव में आई अनेक स्थितियों से जुड़ी है;

    जैसे- सामाजिक आचार-व्यवहार, विजन प्रोसेसिंग, मोशन नियंत्रण आदि ।

    हमारी बुद्धिमत्ता एक सिद्धान्त है, परन्तु हमें अपनी काफी समस्याएँ सुलझाने के लिए कुछ विषम कार्यप्रणालियों जैसे गणित तथा कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग की सहायता लेने की आवश्यकता होती है। वैसे हम भाषा, आवाज, दृश्य, व सामाजिकता से जुड़ी समस्याओं के हल ढूँढ़ने में स्वयं ही बुद्धिमान हैं।

    सैद्धांतिक रूप में एक व्यक्ति जिसकी सामाजिक बुद्धिमत्ता नहीं है परन्तु वह लॉजिक व गणित में माहिर है, वह धीरे-ध रे सामाजिक समस्याओं को हल कर सकता है। परन्तु जो व्यक्ति सामाजिक बुद्धिमत्ता रखता है वह इन समस्याओं को जल्दी हल करेगा।

    एक दूसरी एप्रोच के अनुसार मनोवैज्ञानिक रॉबर्ट स्टर्नबर्ग ने बुद्धिमत्ता के तीन पहलू बताए ऐक्सपीरिएन्सनल और कॉन्टैक्शुअल । हैं : कॉम्पोनेंशियल,

    कॉम्पोनेंशियल बुद्धिमत्ता का अर्थ लोगों की उन निपुणताओं से है जो उन्हें बुद्धिमान बनाती है।

    ऐक्सपीरिएन्सनल बुद्धिमत्ता का तात्पर्य मस्तिष्क के अनुभवों से सीखने व प्रयोग करने की क्षमता से है।

    कॉन्टैक्शुअल बुद्धिमत्ता का तात्पर्य मस्तिष्क का किसी विषय विशेष को समझने, चुनने, परिवर्तित व उसे प्रयोग करने की क्षमता से है

  • System Clock Kya Hai?

    आइये इस खण्ड में हम यह जानते हैं कि सिस्टम क्लॉक की कम्प्यूटर में क्या भूमिका है ?कम्प्यूटर के अंदर घटनाएँ एक नियत गति पर होती है

    जिसे एक छोटे इलेक्ट्रॉनिक इमर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस छोटे इलेक्ट्रॉनिक इमर एि (drummer) को सिस्टम क्लॉक कहते हैं। यह भाग एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है

    जो बड़ी तेज गति के साथ तरंगें (pulses) निर्मित करता है जिसे दस लाख चक्र प्रति सेकण्ड (millions of cyeles per second) में मापा जाता है।

    प्रोसेसर क्लॉक की दर (Rate) इसका क्लॉक गति कही जाती है तथा क्लॉक की एक धड़कन (pulse) को क्लॉक टिक (clock tick) कहा जाता है । सिस्टम क्लॉक सामान्यतः समय तथा तिथि को बनाए रखने के लिए कुछ नहीं करता है |

    अधिकतर कम्प्यूटरों में इस काम के लिए एक दूसरा सर्किट होता है। सिस्टम क्लॉक कम्प्यूटर की आंतरिक गतिविधि यों को सिंक्रोनाइज (Synchronise) करता है।

  • Web Casting kya hai?

    वेब कास्टिंग (Web Casting)

    शब्द वेब कॉस्टिंग वस्तुत: वेब (web) और ब्रॉडकॉस्टिंग (Broadcasting) का मिश्रण (blend) है। इसका उपयोग सबसे पहले 1997 में सामने आया था।

    वेब कॉस्टिंग जिसे नेटकास्टिंग भी कहा जाता है, का अर्थ वर्ल्ड वाइड वेब के ज़रिये सूचना या जानकारी प्रसारित करना है। इसका अर्थ इन्टरनेट पर लाइव ऑडियो या विडियो भेजना है।

    वेबकॉस्टिंग का उपयोग वाणिज्यिक विभागों में भी विस्तृत रूप से निवेशक संबंध (investor relations) प्रस्तुतीकरण (जैसे- आम वार्षिक सभाएँ) में, ई-लर्निंग (सेमिनार प्रसारित करने के लिए) में और संबंधित संचार गतिविधियों में किया जाता है।

    यद्यपि वेबकॉस्टिंग, बहुत अधिक वेब कॉन्फ्रेन्सिंग (Web conferencing) के विचारों के साथ ताल-मेल नहीं रख पाता, जिसे अनेक से अनेक (many to many) के बीच अन्योन्यक्रिया (Interaction) के लिए बनाया गया है।

    सस्ते या सुलभ तकनीक का प्रयोग कर वेबकॉस्ट करने की क्षमता ने स्वतंत्र मीडिया को फूलने-फलने में योगदान किया है।

    बहुत से ऐसे प्रसिद्ध स्वतंत्र शो (shows) हैं जो नियमित रूप से ऑनलाइन ब्रॉडकास्ट किये जाते हैं। अक्सर घर पर औसत नागरिकों के द्वारा बनाये जाने के कारण उनमें बहुत सी रूचिकारक मुद्दे शामिल होते हैं

    (नीरस मुद्दों से लेकर अप्रत्याशित और विचित्र मुद्दों तक)। कम्प्यूटर, तकनीक और खबरों से जुड़े वेबकास्ट आमतौर पर लोकप्रिय होते हैं और बहुत से नये कार्यक्रम नियमित रूप से शामिल किये जाते हैं।

    लगभग सारे मुख्य ब्रॉडकास्टर अपने आउटपुट का वेबकास्ट रखते हैं। इसमें बी. बी. सी. (BBC) से सी. एन. एन (CNN) और अल जजीरा (Al Jazeera) से लेकर यू. एन. टी. वी. (UNTV) वेबकास्ट और रेडियो चाइना, वेटिकन रेडियो, संयुक्त राष्ट्र रेडियो और वर्ल्ड सर्विस तक शामिल हैं।

  • Processor Speed Kya Hai?

    इस खण्ड में हम यह जानते हैं कि प्रोसेसर स्पीड क्या है ? (What is processor speed?) प्रोसेसर स्पीड (Processor (Speed) या प्रोसेसर गति से तात्पर्य प्रोसेसर द्वारा सूचनाओं को एक्जिक्यूट करने की गति से होता है।

    प्रोसेसर की गति मेगा हर्ट्ज (Megahertz) में मापी जाती है। किसी प्रोसेसर की गति प्रोसेसर के द्वारा प्रयोग की जा रही डाटा बस (Data Bus) पर निर्भर करती है।

    डाटा बस (Data Bus) प्रोसेसर में डाटा के आवागमन के लिए प्रयोग की जाती है। ये डाटा बस 8 बिट्स 16 बिट्स 32 बिट्स, 64 बिट्स 128 बिट्स को होती है। 8 बिट्स से तात्पर्य एक समय में 8 बिट्स डाटा ट्रांसफर होने से है।

    इसी प्रकार 128 बिट्स डाटा बस (Bits Data Bus ) से तात्पर्य एक समय में 128 बिट्स डाटा ट्रांसफर होने से है। डाटा बस (Data Bus) का साइज जितना अधिक होगा, प्रोसेसर की गति उतनी ही अधिक होगी।

  • Instructions Set Kya Hai?

    आइये अब हम यह जानते हैं कि इंस्ट्रक्शनस सेट क्या होता है? (What is instructions set ?)) प्रत्येक प्रोसेसर कम्प्यूटर मेमोरी से करैक्टर प्राप्त करना या फिर दो संख्याओं के बीच तुलना करक बड़ी संख्या प्राप्त करने जैसे ऑपरेशन्स करता है।

    इन ऑपरेशन्स में प्रत्येक का अपना एक यूनिक नम्बर होता है जिसे इंस्ट्रक्शन कहते हैं। प्रातंसर के इंस्ट्रक्शन की सूची को इंस्ट्रक्शन सेट कहा जाता है।

    अलग-अलग प्रोसेसर का अलग अलग इंस्ट्रक्शन सट्स होता है। यही कारण है कि प्रोग्राम को एक विशेष प्रोसेसर को ध्यान में रखकर विकसित किया जाता है।

    सी.पी.यू. के निर्देश (Instruction), जो कमाण्ड्स (Commands) को एक्निक्यूट करने हेतु हैं, कन्ट्रोल यूनिट (Control Unit) में तैयार किये जाते हैं। इन्स्ट्रक्शन सेट (Instruction set) ऐस सभी ऑपरेशन्स की सूची तैयार करता है

    जो सी. पी.यू. कर सकता है। इन्स्ट्रक्शन सेट (Instruction set) का प्रत्येक निदेश (Instruction) माइक्रोकोड (micro codes) में व्यक्त किया जाता है जो सी.पी. यू. को यह बताता है कि जटिल ऑपरेशन्स को कैसे एक्जिक्यूट किया जाय।

  • Publishing Tools kya hai?

    पब्लिशिंग उपकरण (Publishing Tools )

    सार्वजनिक अभिगम के लिए वेब पर प्रकाशन संबंधी जानकारी अधिक से अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है। वेब प्रकाशन की प्रक्रिया बिल्कुल आसान है, किन्तु बहत तुच्छ भी नहीं है। जैसा की नीचे दिया गया है पब्लिशिंग में हमें तीन प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता होती है।

    एक एच. टी. एम. एल. एडिटर

    आपकी फाइलों को वेब सर्वर तक स्थानान्तरित करने वाला

    एक इमेज (Image) एडिटर एक प्रोग्राम

    एच. टी. एम. एल. एडिटर (HTML Editor)

    वास्तव में वेब पृष्ठ टेक्स्ट तथा दूसरी फाइलों का एक समूह या गुच्छा होते हैं जिनमें ये आपस में हाइपरटेक्स्ट (hypertext) की मदद से आपस में संयोजित होते हैं।

    बाज़ार में ऐसे बहुत से प्रोग्राम उपलब्ध हैं जिनका उपयोग कर आप वेब पृष्ठ लिख सकते हैं। उन्हें तकनीकी शब्दावली में एच. टी. एम. एल. एडिटर कहा जाता है।

    उनमें से कुछ तो खासतौर से एच. टी. एम. एल. पृष्ठ को लिखने के लिए ही उपयोग में आते हैं, हालाँकि कुछ बहुउद्देशीय भी होते हैं। उदाहरण के लिये नोटपैड जो विण्डोज के साथ आता है, आपको सरल टेक्स्ट और एच. टी. एम. एल. दोनों में की अनुमति देता है। पृष्ठ लिखने

    उसी प्रकार आप माइक्रोसॉफ्ट वर्ड (Microsoft Word) का प्रयोग भी एच. टा. एम. एल. पृष्ठों को लिखने के लिए कर सकते हैं।

    जब कि माइक्रोसॉफ्ट फ्रंटपेज और नेटस्केप कम्पोजर खासतौर से एच. टी. एम. एल. एडीटर के रूप में उपलब्ध हैं। नोटपैड प्रोग्राम में एच. टी. एम. एल. लिखा हुआ देख सकते हैं।

    इमेज एडिटर (Image Editor)

    जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है वेब पृष्ठ

    सिर्फ टेक्स्ट पर ही आधारित नहीं होते। वे मल्टीमीडिया (Multi-media) जैसे-टेक्स्ट, ऑडियो (audio) विडियो (video) तथा अन्य बहुत सारी चीजें अन्तरर्विष्ट रखते हैं।

    जब आप इमेज को समाविष्ट (incorpo rate) करते हैं तो आपको बहुत सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए। जिन इमेजों को आप वेब पृष्ठों में देखते हैं, वे भिन्न-भिन्न प्रकार की फाइलों जैसे gif, jpeg इत्यादि के साथ होते हैं।

    सभी की विशेष खूबियाँ हैं और उन्हें अपनी सुविधानुसार इस्तेमाल किया जाता है। इमेज एडिटर की आवश्यकता साइट के मालिक कम्पनी का लोगो (logo) बनाने में भी होती है। इन सबके लिए आपको एक अच्छे इमेज एडिटर की ज़रूरत होती है।

    कोरल ड्रॉ (CorelDraw) और फोटो शॉप (Photoshop) बाज़ार में आमतौर पर इन कार्यों के लिए उपलब्ध सॉफ्टवेयर हैं। हालाँकि आपको नेट पर बहुत सारे इमेज एडिटर शेयरवेयर (Shareware) के रूप में मिल सकते हैं, जो आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे।

    अपने फाइलों को वेब सर्वर पर स्थानान्तरित करने के लिए प्रोग्राम (Program to Transfer your files to a Web Server)

    सबसे महत्त्वपूर्ण उपकरणों (tools) में से एक उपकरण वह प्रोग्राम होता है जो आपके पृष्ठों को आपके डॉमेन पर अपलोड कर सकता है। इसके लिए भी सॉफ्टवेयर (softwares) की कमी नहीं है।

    कुछ प्रोग्राम ऑपरेटिंग प्रणालियों (operating systems) के साथ आते हैं; जैसे विण्डोज पब्लिशिंग विजार्ड (Windows Publishing Wizard) आपके वेब पृष्ठों (Webpages) को आपके साइट पर अपलोड करने में सहायता कर सकता है।

    उसी प्रकार, आप क्यूट एफ. टी. पी. (CuteFTP) और डब्ल्यू. एस. एफ. टी. पी. (WS_FTP) जैसे कुछ प्रोग्राम नेट से डाउनलोड कर सकते हैं या फिर कम्प्यूटर स्टोर से खरीदे जा सकते हैं जो पृष्ठों को आपकी साइट पर अपलोड कराएगा।

    यद्यपि, आपको एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि फाइलों को आपकी साइट पर स्थानांतरित करते समय कोई नुकसान नहीं पहुँचाया जा सकता।

    उदाहरण के लिए, जब आप माइक्रोसॉफ्ट फ्रंटपेज (Microsoft FrontPage) का इस्तेमाल अपने वेबसाइट के निर्माण में करते हैं तो आपको नियमित एफ. टी. पी. सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अपने फाइलों को ट्रांसफर करने में नहीं करना चाहिए

    क्योंकि यह फ्रंटपेज (FrontPage) विस्तारकों (extensions) को नुकसान पहुँचा सकता है। इस स्थिति में सबसे अच्छा विकल्प स्वयं फ्रंटपेज का प्रयोग कर अपलोड करने में है

  • Web Design And Development

    वेब अभिकल्पना और विकास (Web Design And Development)

    एक बार यदि आपके पास डॉमेन नाम और वेब होस्ट (web host) हों, तो आपका अगला कदम वेबसाइट को डिज़ाइन करना होगा।

    हालाँकि वेब डिज़ाइन में बहुत से विचारणीय बिन्दु हैं, एक आरंभक के रूप में, आपका पहला कदम कुछ न कुछ वेब पर लाना है।

    उसकी साज़-सँवार की बात तब आती है, जब आपने यह पता लगा लिया हो कि अपने साइट पर एक आघ भूत वेब पेज को कैसे लाया जाए।

    इसका एक तरीका डब्ल्यू. वाई. एस. आई. डब्ल्यू. वाई. जी. (WYSIWYG) वेब एडीटर का प्रयोग करना है। आपके इर्द-गिर्द बहुत से वाणिज्यिक और निःशुल्क वेब एडीटर होते हैं।

    नोटपैड (Notepad), फ्रंटपेज (Frontpage), नेटस्केप कम्पोजर (Netscape composer) कुछ बहुत प्रचलित एच. टी. एम. एल. एडीटर हैं।

  • Testing Your Website

    अपने वेबसाइट की जाँच करना (Testing Your Website)

    जब आप अपने वेब पृष्ठों को मुख्य वेब ब्राउज़रों, इन्टरनेट एक्सप्लोरर 7, इन्टरनेट एक्स्प्लोरर 6 पर डिज़ाइन करते हैं तो आपको उनकी जाँच करने की भी आवश्यकता होगी।

    चूँकि ये सब ब्राउज़र निःशुल्क हैं, उन्हें प्राप्त करना और इन्स्टॉल करना परेशानी की बात नहीं हैं। यद्यपि युक्ति यह है कि इसे इण्टरनेट एक्स्प्लोरर (Internet Explorer) के दो संस्करणों से जाँचा जाए क्योंकि बाद वाला संस्करण नये वाले को बदल देगा।

    इस संभावना में कि आपका वेबसाइट वेब ब्राउज़रों के आगामी संस्करणों पर कार्य करेगा, सुधार लाने का एक तरीका यह है कि आपके वेब पृष्ठों के कोड मान्यकरण सही हो