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  • Promotion of the Site kya hai?

    साइट का मूल्यवर्द्धन (Promotion of the Site)

    आप इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते कि कितने हज़ार साइट नेट पर काम कर रहे हैं। आप और भी अधिक आश्चर्य चकित यह जान कर होंगे कि एक विशेष की-वर्ड के आधार पर साइटों को ढूँढ़ने पर आपका सामना एक लम्बी सूची से हो सकता है।

    यह दर्शाता है कि आपका वेबसाइट कितना भी आकर्षक क्यों न हो, जब तक लोग आपकी साइट पर लॉग ऑन नहीं करते आपके परिणाम प्राप्त नहीं होता। कुछ ऐसे तरीके हैं

    जिनका इस्तेमाल कर आप लोगों को अपनी साइट पर लॉगऑन करने के लिए आकर्षित कर सकते हैं। जैसे आप अन्य महत्त्वपूर्ण वेबसाइटों पर अपना प्रचार दें, अखबारों और पत्रिकाओं में विज्ञापन प्रकाशित करें।

    वेबसाइट को लोकप्रिय बनाने का सबसे अहम भाग इसे सर्च इंजिन के साथ निबंधित करना है। आप अपने वेब साइट को कुछ प्रभावी सर्च इंजिन के साथ निबंधित कर सकते हैं

  • Choosing a Web Server Platform

    वेब सर्वर प्लेटफॉर्म का चुनाव करना (Choosing a Web Server Platform)

    वेब हॉस्टिंग में जो लोग नये हैं उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती वेब सर्वर का चुनाव करना होता है। अर्थात् आपके वेब साइट को होस्ट करने वाले सर्वर का प्लेटफॉर्म कौन-सा है। इसके लिए कई विकल्प हैं जिनमें से विण्डोज तथा लाइनक्स वेब सर्वर के अंतर को स्पष्ट किये गये हैं।

    लाइनक्स के कई डिस्ट्रीब्यूशन्स हैं जिसके कारण उत्पाद के मामले में लाइनक्स बाजार में बहुत अधिक विश्वसनीय नहीं है। दूसरा यह कि लाइनक्स डिस्ट्रीब्यूशन किसी बड़ी कम्पनी के द्वारा विकसित नहीं किया जा रहा है। अपितु आई.बी.एम. लाइनक्स का एक बड़ा बैकर (backer) है परन्तु लाइनक्स का इसका कोई बैण्ड डिस्ट्रीब्यूशन नहीं हैं।

    लाइनक्स तथा विण्डोज दोनों ही ग्राफिकल यूजर इंटरफेस तथा कमाण्ड लाइन इंटरफेस प्रदान करता है। लाइनक्स सामान्यतः दो प्रकार का के.डी.ई. (KDE) तथा जीनोम (Gnome) ग्राफिकल यूजर इंटरफेस प्रदान करता है।

    गति, दक्षता (efficiency), तथा विश्वसनीयता के संदर्भ में लाइनक्स का कोई भी सर्वर ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के बगैर विण्डोज सर्वर संस्करण के अपेक्षाकृत ज्यादा उपयुक्त है। लाइनक्स आधारित कम्प्यूटर को विण्डोज आधारित कम्प्यूटर की अपेक्षाकृत दूर से नियंत्रित करना आसान है।

    लाइनक्स तथा विण्डोज सर्वर के संदर्भ में यह आम बात है कि लाइनक्स लगभग निशुल्क है जबकि विण्डोज सर्वर को खरीदना महँगा है।

    लाइनक्स आमतौर पर कम्प्यूटर के साथ पूर्व स्थापित मिलता है तथा विण्डोज आमतौर पर नये कम्प्यूटर के साथ भी निशुल्क नहीं होता है।

    • लाइनक्स के कई डिस्ट्रीब्यूशन्स को आप सी.डी. से भी चला सकते हैं। जबकि विण्डोज को हार्ड डिस्क पर स्थापित करना आवश्यक है।

    इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण जो मुद्दा है वह सर्वर सुरक्षा का है। लाइनक्स क्रॅश-प्रोन (crash prone) है अर्थात् यह लगभग किसी भी स्थिति में क्रॅश नहीं हो सकता है।

    जबकि विण्डोज यह कभी भी आश्वासन नहीं देता कि यह क्रॅश नहीं होगा। चूँकि वेब सर्वर एक अत्यंत महत्वपूर्ण सिस्टम होता है तथा यह अपने ग्राहकों को 24 घंटे, 365 दिन सेवा देने का वादा करता है

    इसका क्रॅश होना एक अत्यंत महत्वपूर्ण बिन्दु है। पाँच मिनट के लिए भी सर्वर का बंद होना बड़े आर्थिक नुकासान का कारण बन सकता है।

  • Types of Web Hosting kya hai?

    वेब होस्टिंग के प्रकार (Types of Web Hosting)

    वेब होस्टिंग सेवाएँ मुख्यतः दो प्रकार यथा निःशुल्क (free) वेब होस्टिंग और दत्तशुल्क (paid) वेब होस्टिंग होती हैं।

    निःशुल्क वेब होस्टिंग आपको निःशुल्क वेब होस्टिंग की सुविधा प्रदान करती है, किन्तु उसके बदले आपको अपनी वेबसाइट पर उनके विज्ञापनों को जगह देनी होगी।

    निःशुल्क वेब होस्टिंग वेबसाइट के मालिक को बहुत सीमित विकल्प उपलब्ध कराती है। Geocities एक लोकप्रिय साइट है जो आपको वेब पृष्ठों को निर्मित करने के साथ उन्हें बिना कोई शुल्क लिए होस्ट भी करने की अनुमति देती हैं।

    दत्तशुल्क वेब होस्टिंग सेवाएँ एक शुल्क लेकर वेबसाइट होस्ट करती है जो होस्टिंग कंपनी दर कंपनी बदलती रहती है और आपके द्वारा लिए गए जगह पर भी निर्भर करती हैं

    यदि आप वित्तीय लाभ के लिए वेबसाइट का विकास कर रहे हैं तो आपको परामर्श दिया जाता है कि निःशुल्क होस्टिंग सेवाओं के चक्कर में ना पड़ें।

  • Web Hosting kya hai?

    वेब होस्टिंग (Web Hosting)

    जब आप डॉमेन निबंधन तथा सभी वेब पृष्ठों (Web pages) की डिज़ाइनिंग का काम पूरा कर लेते हैं तो जो आखिरी काम बच जाता है,

    वह है अपने साइट को होस्ट करा लेना। वस्तुतः होस्टिंग (hosting) वेब पब्लिशिंग का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। अब आप नेट की दुनिया में अपनी महत्ता साबित करने वाले होते हैं।

    जब आप अपने साइट को होस्ट करने को तैयार हों तो आप पहले एक होस्ट की तलाश करें। होस्ट एक कार की भाँति है और आप यात्रा कर रहे हैं।

    इसका अर्थ यह है कि आपकी सारी यात्रा कार पर निर्भर करती है। इसलिए आप अच्छी से अच्छी कार भाड़ें पर लें ताकि सड़क पर यात्रा के दौरान कोई समस्या पैदा न हो। उसी प्रकार आप अपनी सारी सम्पत्ति उस होस्ट को सौंपने जा रहे हैं जो आपकी साइट को नेट पर फ्लोट करेगा।

    वेब होस्टिंग, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों या व्यक्तियों को कम्प्यूटर और संचार सुविधा उपलब्ध कराने की कवायद है, जिसका उपयोग विशेष तौर से वेब निर्मित करने (Creating web) और इलेक्ट्रॉनिक व्यापारिक साइट बनाने में होता है।

    होस्टिंग सेवा (hosting service) उच्च गति का इण्टरनेट एक्सेस, अतिरिक्त उर्जा (power), डेटा संग्रहण तथा 24 घण्टे रख-रखाव प्रदान कर सकता है। ये सभी सेवाएँ स्वतंत्र रूप से कार्यान्वित करना अत्यंत खर्चीला हो सकता है।

  • Choosing a Web Host and Signing Up for An Account)

    वेब होस्ट चुनना और एकाउन्ट के लिए साइन अप करना (Choosing a Web Host and Signing Up for An Account)

    एक वेब होस्ट मुख्यतः एक ऐसी कम्पनी होती है जिसके बहुत से कम्प्यूटर इन्टरनेट से जुड़े हुए होते हैं। आप अपने वेब पेजों (Web pages) को उनके कम्प्यूटरों पर रखने के पश्चात दुनिया के हर व्यक्ति को इससे जुड़ सकने और उसे देख सकने में सक्षम बनाते हैं।

    आपको वेल होस्ट के साथ एक एकाउन्ट के लिए साइन अप करने की आवश्यकता होगी ताकि आपके वेबसाइट को एक होम मिल सके।

    यदि एक डॉमेन नाम पा लेना इस भौतिक दुनिया में एक व्यावसायिक नाम पा लेने के सदृश है तो एक वेब होस्टिंग एकाउन्ट पा लेना आपके व्यवसाय के लिए एक ऑफिस भाड़े पर लेने के समान है।

  • Domain Name Planning And Registration kya hai?

    डॉमेन नाम नियोजन और निबंधन (Domain Name Planning And Registration)

    डॉमेन नाम एक ऐसा पता है जिसके ज़रिये इण्टरनेट प्रयोक्ता आपको वेब पर देखेंगे।

    वेब प्रकाशन का पहला चरण डॉमेन नाम का नियोजन और निबंधन (domain name planning and registration) है। डॉमेन का नाम निबंधित करवाते समय कुछ बातें आपको दिमाग में रखनी चाहिए। उनकी चर्चा आगे की जा रही है।

    डॉमेन का नाम प्राप्त करना (Getting a Domain Name)

    सबसे पहले जो चीज़ आपको करने की आवश्यकता होती है, वह है प्रस्तावित साइट के लिए एक डॉमेन नाम प्राप्त करना । डॉमेन का नाम वह नाम है जिसे आप अपने साइट को देना चाहते हैं। उदाहरण के लिए hamarabiharonline.com एक डोमेन नाम है। एक डोमेन नाम प्राप्त करने के लिए आपको एक रजिस्ट्रार को एक वार्षिक शुल्क उस नाम का प्रयोग करने देने की अनुमति के बदले देना पड़ता है। याद रहे कि नाम प्राप्त कर लेने से आपको वेबसाइट नहीं मिल जाता बल्कि यह सिर्फ एक नाम है। यह कुछ वैसा ही है जैसे नकल से बचने के लिए किसी सरकारी संस्था के अधीन किसी व्यवसायिक नाम का निबंधन कराना।

    डॉमेन नाम का चयन करना (Choosing a Domain Name)

    इससे पूर्व कि आप शीघ्रता बरतते हुए अपना डॉमेन नाम चुनें और वेबसाइट का नामकरण करें आपको निम्न बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

    आपका डॉमेन नाम ही आपके वेबसाइट का नाम होना चाहिए (Your Domain Name should be your Website Name)

    ऐसा डॉमेन नाम जो आपके ब्रांड के नाम से मेल खाता है, बहुत महत्त्वपूर्ण है। वह विशेष नाम जिसका प्रयोग आप अपने उत्पाद के विज्ञापन में करते हैं, आप अपने डॉमेन के लिए भी चाहेंगे। क्योंकि यही वह पहली चीज़ होगी जिसे लोग अपने ब्राउज़र में खोलेंगे।

    आपका इमिन नाम बहुत सेवा नहीं होना चाहिए (Your Domain Name Should Not be too long)

    डॉमेन नाम 67 अक्षरों (characters) तक किसी भी लम्बाई के हो सकते हैं। आपको एक अस्पष्ट और दुर्बाध दमिन नाम जैसे hbo.com से ही संतोष कर लेने की आवश्यकता नहीं है, जब कि आप जो चाहते हैं वह hamarabiharonline.com है। यद्यपि आप एक छोटा डोमेन नाम प्राप्त करने में सफल हो जाते हैं, तो मुख्य बात यह सुनिश्चित करना है कि यह अक्षरों (characters) का एक सार्थक मेल या संयोजन है या नहीं।

    आपके डमिन नाम को हायफन मुक्त होना चाहिए (Your domain name should be hyphen free)

    हायफनेशन (Hyphenation) युक्त डॉमेन नाम के कुछ अपने फायदे और नुकसान है। यदि आपका डॉमेन नाम हायफन सहित है तो सर्व इंजिन आपके की-वर्डस् (Keywords) को बेहतर रूप से पहचान सकते हैं। नुकसान यह है कि नाम टाइप करते समय हायफन को भूल जाना अत्यंत आम बात है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति मौखिक रूप से आपके साइट को अपने किसी मित्र को अनुशंसित करता है तो आपके डॉमिन नाम में हायफन होना गलती होने की संभावना बढ़ाता है, अपेक्षाकृत उसके जब आपके डोमेन नाम में कोई हायफन नहीं होता। इसलिए यह परामर्शनीय है कि जहाँ तक संभव हो डॉमेन नाम (domain name) में हायफन देने से बचा जाए।

    आपके डमिन नाम में बहुवचन शब्द नहीं होने चाहिए (Your domain name should not contain plural words)

    डोमेन नाम का बहुवचन नाम (उदाहरण के लिए websites.com) हमेशा ही नुकसान का कारण बनता है, चूंकि आगंतुक द्वारानाम में ‘s’ टाइप करने की बात भूल जाने की संभावना बहुत रहती है। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कोई व्यक्तिwebsites.com को लॉग ऑन करना चाहता है किन्तु गलती से website.com लॉग ऑन कर देता है तो बहुत संभव है इससेक्लाइण्ट के नुकसान होने का खतरा रहेगा विशेषकर जब दोनों ही डॉमेन के उत्पाद समान हों।

    आपका शीर्ष स्तरीय डॉमेन नेम को आपके वेबसाइट की प्रकृति को प्रदर्शित करना चाहिए।(Your top level domain name should portray the nature of your site)

    यदि आपका साइट किसी परोपकारी संस्था या स्वयंसेवी संगठन का है तो कभी भी .com वाला डॉमेन नाम न लें। न ही राष्ट्र विशेष संबंधी शीर्ष स्तर डॉमेन लेना भूलें यदि आप किसी राष्ट्र विशेष के क्लाइट के लिए काम कर रहे हों। यदि आप लाभ के लिए व्यवसाय में उतरे हैं तो .com आपके लिए सबसे अच्छा शीर्ष स्तर डॉमेन होगा और यदि आप भारत में व्यवसाय कर रहे हों तो in को राष्ट्र विशेष के शीर्ष स्तर डॉर्मन के रूप में चुनें।

    अपने डॉमेन नाम को निबंधित करना (Registering Your Domain Name)

    डॉमेन नाम पाने की प्रक्रिया में अपने पसंद के नाम को इण्टरनीक (InterNIC) नामक संगठन से एक डॉमेन नेम रजिस्ट्रार के द्वारा निबंधित करवाना शामिल होता है। उदाहरण के लिए यदि आप एक नाम जैसे hamarabiharonline.com पसन्द करते हैं, तो आपको रजिस्ट्रार के पास जाना होगा, एक निबंधन शुल्क अदा करना होगा जो उस नाम के लिए 300 से 700 रुपये तक आ सकता है,

    जो आपको एक साल के लिए उस नाम का प्रयोग करने का अधिकार दे देगा, और आपको प्रति वर्ष वही राशि अदा कर उस नाम का नवीकरण (renewal) कराना होगा। हालांकि आप अपने डॉमेन नाम का निबंधन एक बार में एक साल से अधिक के लिए भी उसी अनुपात में शुल्क अदा कर करा सकते हैं। डोमेन नाम बड़ी तेज़ी से गायब भी हो जाते हैं।

  • Components of Web Publishing kya hai?

    वेब प्रकाशन के अवयव (Components of Web Publishing)

    वेब प्रकाशन, पुस्तक प्रकाशन के समान ही एक विस्तृत प्रक्रिया है। यह प्रथम पृष्ठ के प्रथम शब्द के लेखन से शुरू होकर प्रकाशित होने तक चलता है।

    उसी प्रकार, वेब प्रकाशन में भी भिन्न चरण होते हैं, जब तक कि यह प्रथम प्रदर्शन (Premiere) के लिए उपलब्ध न हो जाए। इस पूरी प्रक्रिया में डॉमेन के लिए एक नाम तय करना, इसे एक योग्य रजिस्ट्रार के अधीन – निबंधित करवाना, साइट के लिए सामग्री (Contents) तैयार करना, उनके लिए पृष्ठों को डिज़ाइन करना, किसी होस्ट के साथ साइट को अपलोड करना जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।

    प्रत्येक चरण अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और आपको डिज़ाइनिंग तथा अपलोडिंग के लिए अत्यंत उपयुक्त सॉफ्टवेयर चुनते समय सावधान रहना होगा और प्रस्तावित सुविधाओं और निवेश को ध्यान में रखते हुए सबसे उपयुक्त होस्ट का चयन करना पड़ेगा।

    जैसा कि नीचे दिया गया है वेब प्रकाशन (Web publishing) में पाँच चरण होते हैं.

    ■ डोमेन नाम नियोजन (Planning) और निबंधन (registration)

    वेब होस्टिंग (Web hosting)

    वेब डिज़ाइन और विकास (Web design and development)

    रख-रखाव (Maintenance)

    प्रोमोशन (Promotion)

  • Dynamic Website kya hai?

    गतिक वेबसाइट (Dynamic Website)

    स्थैतिक या स्टैटिक के ठीक विपरीत, गतिक या डायनामिक का अर्थ सदा बदलने वाला और प्रगतिशील होता है।

    गतिक या डायनामिक वेबसाइट वह होता है जिसमें गतिक वेब पृष्ठ होते हैं। वर्ल्ड वाइड वेब में सतत तरक्की के साथ, वेबसाइटें आगंतुकों को लुभाने के लिए नए-नए रूप अपना रही हैं।

    डायनामिक वेब पेज का अविर्भाव उन्हीं प्रगति का हिस्सा है। जब आप एक डायनामिक वेब पेज खोलते हैं, तो आप देखते हैं कि यह सदा बदलता रहता है और इसमें भिन्न प्रभाव या छाप निर्मित होते रहते हैं।

    जब आप अपने माउस को किसी विशेष इमेज तक ले जाते हैं तो यह किसी दूसरे इमेज में परिवर्तित हो जाता है। डायनामिक वेबपृष्ठों का विकास दो चरणों में होता है, क्लाइन्ट पक्ष और सर्वर पक्ष। क्लाइन्ट पक्ष का डायनामिक सामग्री (content) क्लाइन्ट के कम्प्यूटर पर उत्पन्न होता है।

    वेब सर्वर उस पृष्ठ को पुनः प्राप्त कर लेता है और वैसे ही भेज देता है, जिस स्थिति में यह है। तब वह ब्राउज़र पृष्ठ में अंकित कोड को प्रोसेस करता है जो सामान्यत: जावास्क्रिप्ट (JavaScript) में लिखा होता है, और पृष्ठ को प्रयोक्ता के समक्ष प्रदर्शित करता है। क्लाइण्ट की ओर के डायनामिक तथ्यों (content) को जावास्क्रिप्ट (JavaScript), डायनामिक हायपर टेक्स्ट मार्कअप भाषा (Dynamic Hypertext Markup Language) और फ्लैश (Flash) जैसी भाषाओं का इस्तेमाल कर किया जाता है।

    सर्वर पक्ष का डायनामिक सामग्री थोड़ा और जटिल होता है। पहले ब्राउज़र सर्वर को एक एच. टी. टी. पी. आग्रह (HTTP request) भेजता है और सर्वर आग्रह किए गए स्क्रिप्ट या प्रोग्राम को पुन: प्राप्त (retrieve) कर लेता है।

    इसके बाद, सर्वर उस स्क्रिप्ट या प्रोग्राम को कार्यान्वित करता है जिसका परिणाम विशिष्टत: एक एच. टी. एम. एल. वेब पेज के रूप में सामने आता है। प्रोग्राम सामान्यतः क्वेरी स्ट्रिंग (query string) या मानक इनपुट (standard input) से इनपुट प्राप्त करता है, जिसे एक प्रस्तुत (submitted) वेब फॉर्म से लिया गया हो सकता है।

    आखिरकार सर्वर एच. टी. एम. एल. आउटपुट को क्लाइन्ट के ब्राउज़र पर भेजता है। पी. एच. पी. (PHP), पर्ल (Perl), ए. एस. पी. (ASP), ए. एस. पी. डॉट नेट (ASP.NET), सी. जी. आई. (CGI) जैसी भाषाओं का प्रयोग सर्वर पक्ष के डायनामिक कॉन्टेन्ट को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

  • Static Website kya hai?

    स्थैतिक वेबसाइट (Static Website)

    स्थैतिक का अर्थ गतिहीन या न बदलने वाला है। वास्तव स्थैतिक वेबसाइट वह होता है जिसमें स्थैतिक वेब पृष्ठ होते हैं।

    स्थैतिक वेबपृष्ठ ऐसे वेबपृष्ठ या पेज होते हैं जो सारे दर्शकों को एक ही तथ्य दिखाते हैं, जिन्हें सामान्यतः हायपर टेक्स्ट मार्कअप भाषा (HTML) में लिखा गया होता है।

    जब एक यूनिफॉर्म रिसार्स आइडेन्टिफायर (Uniform Resource Identifier) (URI) को एक स्टैटिक पेज का प्रतिनिधित्व करते हुए किसी वेब सर्वर द्वारा प्राप्त किया जाता है

    तो सर्वर उस का जवाब एच. टी. एम. एल. (या एक्स. एच. टी. एम. एल.) और संबंधित वेब तथ्य के साथ ही देता है, चाहे प्रयोक्ता की पहचान और पुनः प्राप्ति संदर्भ (retrieval context) कुछ भी हो।

  • Types of Websites

    वेबसाइट के प्रकार (Types of Websites)

    वस्तुतः वेबसाइटों का वर्गीकरण करना अत्यंत कठिन कार्य है। वेबसाइटों के विविध प्रकार हैं जिनके विभिन्न उद्देश्य तथा विभिन्न शीर्ष स्तरीय डोमेन (Top Level Domains) जैसे edu, com, org इत्यादि हैं।

    हालाँकि इस आधार पर कि वेबसाइट – प्रयोक्ताओं के प्रति किस तरह से प्रतिक्रिया दर्शाते हैं, उन्हें दो प्रकारों- स्थैतिक (static) और गतिक (Dynamic) में बाँटा जा सकता है।