प्रिन्टर को दो प्रमुख भागों, इफैक्ट प्रिन्टर और नॉन इम्पैक्ट प्रिन्टर में विभाजित किया जा सकता है। इम्पैक्ट प्रिन्टर टेक्स्ट और इमेज तब बनाते हैं
जब छोटे तारा वाले पिन जो प्रिन्टर से लग हात है, रिबन के साथ भौतिक रूप से सम्पर्क बनात हुए कागज पर दवाब बनाते हैं।
नॉन इंपैक्ट प्रिन्टर बिना कागज पर दवाब बनाये ग्राफिक्स और टेक्स्ट को कागज पर दर्शात हैं। प्रिन्टर को उनको तकनीक और प्रिंट करने के तरीक के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है।
इंकजेट प्रिन्टर, लेजर प्रिन्टर, डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर और थर्मल प्रिन्टर कुछ सबसे ज्यादा लोकप्रिय प्रिन्टर हैं। इनमें सिर्फ डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर हो इस्पेक्ट है बाकी सब नॉन इम्पैक्ट प्रिन्टर हैं।
कुछ प्रिन्टरों जैसे फोटो प्रिन्टर, पोर्टेबल प्रिन्टर मल्टीफंक्शन प्रिन्टर और ऑल-इन-वन के नाम उनके द्वारा किये जाने वाले विशेष कार्यों के आधार पर दिये जाते हैं।
फोटो प्रिन्टर और पाटेबल प्रिन्टर साधारणतः इंकजेट प्रिन्ट तरीके का इस्तेमाल करते हैं जबकि मल्टीफंक्शन प्रिन्टर इंकजेट या लेजर दोनों तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इंकजेट और लेजर प्रिन्टर घर और व्यापार में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाते हैं। डॉट मैटिक्स प्रिन्टरों का इस्तेमाल साठ और सत्तर के दशक में ज्यादा किया जाता था
मगर उसकी जगह घरों में इंकजेट प्रिन्टर का इस्तेमाल किया जाने लगा है। अभी भी डॉट मैट्रिक्स प्रिन्टर का इस्तेमाल अनेक हिस्से वाले फॉर्म (multifacted forms) तथा कार्बन कॉपी के लिए कुछ तरह के व्यापार में किया जाता है।
थर्मल प्रिन्टर का इस्तेमाल ए. टी. एम. (ATM) केश रजिस्टर्स तथा पायन्ट टू सेल्स टर्मिनल तक सीमित है। कुछ लेजर प्रिन्टर्स तथा पोर्टेबल प्रिन्टर्स में भी थर्मल प्रिन्टिंग का इस्तेमाल होता है।
डिजिटल कैमरा, लैपटॉप और घरेलू ऑफिस की लोकप्रियता के कारण फोटो, पोर्टेबल और मल्टीफंक्शन प्रिन्टर्स की मांग कुछ वर्षों में अप्रत्याशित ढंग से बढ़ी है।
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