Ring Topology kya hai?

रिंग टोपोलॉजी में प्रत्येक डिवाइस इसके दोनों तरफ ये डिवाइसेस से कनेक्टेड रहती हैं। एक डिवाइस में इसके दोनों तरफ पॉइंट-टू-पॉइन्ट लिंक होती है। यह स्ट्रक्चर एक रिंग बनाता है,

इस प्रकार इसे रिंग टोपोलॉजी के रूप में जाना जाता है। यदि कोई डिवाइस किसी अन्य डिवाइस पर डेटा सेंड करना चाहती है, तो वह डेटा को एक ही डायरेक्शन में सेंड करती है, और यदि अन्य डिवाइस से डेटा इन्टेड होता है, तो रिपिटर इस डेटा को तब तक फॉरवर्ड करता रहता है जब तक इन्टेंडेड डिवाइस इसे रिसिव नहीं करती है।

रिंग टोपोलॉजी के लाभ-

1. इन्स्टॉल करना आसान है।

2. टोपोलॉजी में किसी डिवाइस को एड या रिमूव करने के रूप में मैनेज करना आसान है। इस हेतु केवल दो ि को चेन्ज करने की आवश्यकता होती है।

रिंग टोपोलॉजी की हानियाँ

1. एक लिंक फैल्योर सम्पूर्ण नेटवर्क को फैल कर सकती है क्योंकि फैल्योर के कारण सिंग्नल करता है।

2. डेटा ट्रैफिक की समस्या है, क्योंकि सारा डेटा एक ही रिंग में सर्क्यूलेट होता है।

By Ram

मेरा नाम राम है और मैं इस वेबसाइट को मैनेज करता हूं. मेरी बचपन से ही Computer में बहुत ही अधिक रुचि थी, और मैं पिछले 5 साल से कंप्यूटर के बारे में सीख रहा हूं सीखते सीखते मैंने यह सोचा क्यों ना मुझे यह सब जानकारी मेरे उन दोस्तों के साथ शेयर करनी चाहिए जो कि कंप्यूटर के बारे में सीखना चाहते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं यही कारण है कि हमने यह ब्लॉग आप लोगों के लिए बनाया है.

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